हरियाणा में भाजपा को जिताकर अब महाराष्ट्र में सक्रिय हुआ संघ

मुंबई.

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में बस एक महीने का समय बचा है, ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए व्यापक जनसंपर्क कार्यक्रम शुरू कर दिया है। भाजपा का वैचारिक स्त्रोत माना जाने वाले संघ ने महाराष्ट्र में अपने सभी सहयोगी संगठनों के साथ समन्वय बनाकर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने की शुरुआत कर दी है। हरियाणा में जीत के बाद भाजपा और संघ के हौसले बुलंद हैं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पूरे राज्य में भाजपा के पक्ष में माहौल तैयार करने के लिए टोलियां (टीमें) बनाई हैं। इन प्रत्येक टोलियों में 5-10 लोगों की टीम है, जो लोगों के छोटे-छोटे समूहों के साथ बैठक कर सरकार की नीतियों के बारे में बता रहे हैं। संघ की ये टोलियां अपने-अपने इलाकों के मोहल्लों और स्थानीय नेटवर्क के जरिए परिवारों तक पहुंच बना रही हैं। सूत्रों के अनुसार, ये टोलियां सीधे तौर पर भाजपा के लिए वोट अपील नहीं करते, बल्कि राष्ट्रीय मुद्दों, हिंदुत्व, सुशासन, लोक कल्याम और समाज के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हुए भाजपा सरकार के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश करती हैं।

हरियाणा की जीत में भी संघ का कमाल
सूत्र ने बताया कि टोलियों के गठन से पहले, आरएसएस और उसके सहयोगी संगठनों के पदाधिकारियों की बैठकें हुईं, जिनमें चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की गई। यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में संपन्न हुए हरियाणा विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत में भी संघ की अहम भूमिका रही थी। संघ ने हरियाणा भर में अपने सहयोगियों के साथ समन्वय कर 'ड्राइंग रूम मीटिंग्स' की रणनीति बनाई और हर परिवार तक पहुंचने की कोशिश की। संघ की यह कोशिश रंग लगाई और हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर के बावजूद भाजपा लगातार तीसरी बार सत्ता कब्जाने में कामयाब रही। रिपोर्ट्स के अनुसार, हरियाणा में संघ की सक्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि संघ के कार्यकर्ताओं की टोलियों ने पूरे राज्य में 1.25 लाख से  भी ज्यादा छोटी-छोटी बैठकें की। इन टोलियों के जरिए ही हरियाणा के गैर जाट मतदाताओं को ये समझाने की कोशिश की गई कि कैसे भूपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व वाली सरकार की नीतियां जाट समुदाय केंद्रित होती हैं। साथ ही विभिन्न मुद्दों को उजागर कर हरियाणा में जनमत का आकार देने में भी अहम भूमिका निभाई।

लोकसभा चुनाव में भाजपा ने चुकाई थी कीमत
भाजपा की जीत में संघ की भूमिका का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते लोकसभा चुनाव में संघ की भूमिका बेहद सीमित रही और इसके नतीजे में भाजपा बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने एक बयान में कहा था कि भाजपा को शुरुआत में आरएसएस के समर्थन की जरूरत पड़ती थी, लेकिन अब समय के साथ भाजपा खुद चलने में सक्षम हो गई है। माना जा रहा है कि जेपी नड्डा के इस बयान के बाद जमीनी आरएसएस कार्यकर्ताओं ने चुनाव प्रचार में ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया और इसका नतीजा सभी के सामने है। भाजपा जहां 400 पार का नारा दे रही थी, वहां भाजपा बहुमत का आंकड़ा भी छू नहीं पाई। 

More From Author

जम्मू-कश्मीर के डोडा में भूकंप के झटके महसूस किए गए

100 करोड़ के फ्राड में फरार चल रहे बीएसआर हॉस्पिटल के संचालक को पुलिस ने किया गिरफ्तार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

city24x7.news founded in 2021 is India’s leading Hindi News Portal with the aim of reaching millions of Indians in India and significantly worldwide Indian Diaspora who are eager to stay in touch with India based news and stories in Hindi because of the varied contents presented in an eye pleasing design format.