एस. जयशंकर ने मालदीव दौरे पर किया जादू, भारत के पीछे पड़ गए दूर भाग रहे मुइज्जू

नई दिल्ली
 अब मालदीव में भी भारत का यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स सिस्टम) चलेगा। मोहम्मद मुइज्जू ने चुनाव प्रचार के दौरान से ही भारत के खिलाफ जो आक्रोश दिखाना शुरू किया था, अब वो ठंडा पड़ गया है। राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद मुइज्जू ने भारत के सैनिकों को मालदीव से निकाल दिया। इस बीच मुइज्जू की कुछ मंत्रियों ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बहुत ओछी टिप्पणियां कीं। ये सब कुछ महीनों तक चलता रहा, लेकिन जब नफरत की गांठ खुली तो रिश्तों की बागडोर थाम मालदीव फिर भारत के दरवाजे पर आ खड़ा हुआ।

इस वजह से भारत और मालदीव के बीच रिश्तों में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है। मुइज्जू सरकार ने भारत के मुकाबले चीन की ओर अधिक झुकाव दिखाना शुरू किया। हालांकि, हाल के दिनों में भारत और मालदीव ने अपने रिश्तों को सुधारने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। हाल ही में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मालदीव में तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा के दौरान यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को लागू करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। जयशंकर ने कहा कि यह डिजिटल इनोवेशन मालदीव में पर्यटन और आर्थिक विकास पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा।

जैसा कि आप सभी जानते हैं, भारत ने अपने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के माध्यम से वास्तव में डिजिटल लेनदेन में क्रांति ला दी है। भारत में इसने वित्तीय समावेशन को नए स्तरों पर पहुंचाया है। आज दुनिया के 40 प्रतिशत रियल टाइम डिजिटल पेमेंट हमारे देश में होते हैं। हम अपने जीवन में हर दिन इस क्रांति को देखते हैं। मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि आज समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करके हमने मालदीव में इस डिजिटल इनोवेशन को लाने की दिशा में पहला कदम उठाया है। इसका पर्यटन पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

भारत-मालदीव के रिश्तों में क्यों आई थी खटास?

वर्ष 1988 से ही डिफेंस और सिक्यॉरिटी भारत और मालदीव के बीच सहयोग के बड़े क्षेत्र रहे हैं। भारत के रक्षा संस्थानों में मालदीव के सैनिकों को ट्रेनिंग दी जाती रही है। भारत और मालदीव के बीच अप्रैल 2016 में समन्वित रक्षा साझेदारी का भी समझौता हुआ था। भारत और मालदीव के बीच संबंधों में सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी की मांग की। यह घटना उस समय हुई जब उन्होंने भारतीय सैन्य सहायता को एक खतरे के रूप में देखा। इसके बाद, भारतीय सैन्य कर्मियों को मालदीव से हटा दिया गया। यह स्थिति भारत के लिए न केवल कूटनीतिक दृष्टि से बल्कि सामरिक दृष्टि से भी चिंता का विषय बन गई।

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन की सरकार ने चीन के साथ निकटता बढ़ाई थी और भारत के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया था। यामीन के कार्यकाल में भारत के खिलाफ 'इंडिया आउट कैंपेन' चलाया गया, जिसने भारत-मालदीव संबंधों को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया। ऊपर से मालदीव ने चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव में शामिल होकर भारत से अपने संबंधों को और कमजोर कर दिया।

मालदीव हमारी 'नेबरहुड फर्स्ट' पॉलिसी की आधारशिलाओं में से एक है, यह हमारे विजन सागर में से एक है, साथ ही ग्लोबल साउथ के प्रति हमारी प्रतिबद्धता भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों में संक्षेप में कहें तो भारत के लिए पड़ोस प्राथमिकता है और पड़ोस में मालदीव प्राथमिकता है। हम इतिहास और रिश्तेदारी के सबसे करीबी बंधन भी साझा करते हैं।

मित्रता के दौर में वापसी

हालांकि, हाल के महीनों में स्थिति में बदलाव आया है। राष्ट्रपति मुइज्जू के नेतृत्व में मालदीव ने भारत के साथ संबंधों को फिर से सुधारने का प्रयास किया है। उनका यह निर्णय आर्थिक संकट, भारत की बढ़ती रणनीतिक भूमिका और चीन से अपेक्षित समर्थन की कमी के कारण आया है। हाल ही में, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मालदीव की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान यह घोषणा की कि भारत और मालदीव ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत मालदीव में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) लागू किया जाएगा। जयशंकर ने कहा, 'यह डिजिटल इनोवेशन मालदीव में लाने की दिशा में पहला कदम है। इससे पर्यटन में भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।' मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जामीर ने भी भारत को अपना करीबी मित्र और विकास साझीदार बताया, जो आपसी विश्वास और सम्मान पर आधारित है।

उन्होंने मालदीव दौरे में कहा, 'जैसा कि आप सभी जानते हैं, भारत ने अपने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के माध्यम से वास्तव में डिजिटल लेनदेन में क्रांति ला दी है। भारत में इसने वित्तीय समावेशन को नए स्तरों पर पहुंचाया है। आज दुनिया के 40 प्रतिशत रियल टाइम डिजिटल पेमेंट हमारे देश में होते हैं। हम अपने जीवन में हर दिन इस क्रांति को देखते हैं। मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि आज समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करके हमने मालदीव में इस डिजिटल इनोवेशन को लाने की दिशा में पहला कदम उठाया है। मैं दोनों पक्षों के हितधारकों को शुभकामनाएं देता हूं और आशा करता हूं कि हम जल्द ही यहां पहला UPI लेनदेन देखेंगे। इसका पर्यटन पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।'

सहयोग की नई संभावनाएं

भारत और मालदीव के बीच संबंधों में सुधार के लिए कई कारण सामने आए हैं। सबसे पहले, आर्थिक सहायता की आवश्यकता है। मालदीव ने भारत से वित्तीय सहायता की मांग की है, जिसमें करेंसी स्वैप की सुविधा भी शामिल है। भारत ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए 750 मिलियन डॉलर की करेंसी स्वैप की सुविधा की पेशकश की है। इसके अलावा, मालदीव और भारत के बीच व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक मुक्त व्यापार समझौते की संभावनाएं भी हैं। जामीर ने कहा कि ऐसे समझौते व्यापार उदारीकरण को सरल बनाएंगे और दोनों देशों के बीच व्यापारिक जोखिम को कम करेंगे।

मालदीव दौरे पर जयशंकर ने कहा था, 'मालदीव हमारी 'नेबरहुड फर्स्ट' पॉलिसी की आधारशिलाओं में से एक है, यह हमारे विजन सागर में से एक है, साथ ही ग्लोबल साउथ के प्रति हमारी प्रतिबद्धता भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों में संक्षेप में कहें तो भारत के लिए पड़ोस प्राथमिकता है और पड़ोस में मालदीव प्राथमिकता है। हम इतिहास और रिश्तेदारी के सबसे करीबी बंधन भी साझा करते हैं।'

राजनीतिक परिपक्वता

भारत और मालदीव के बीच संबंधों में सुधार के पीछे राजनीतिक परिपक्वता की भी अहम भूमिका है। जयशंकर ने मालदीव यात्रा के दौरान विपक्षी दल मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के नेताओं के साथ भी बैठक की, जो दिखाता है कि अब दोनों देशों के बीच संवाद में एक नई गंभीरता आ गई है। यह घटनाक्रम यामीन के समय की तुलना में अधिक स्थिर और सकारात्मक है।

मालदीव को क्यों पड़ी यूपीआई की जरूरत?

यूपीआई पेमेंट सिस्टम का मालदीव में समावेश एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल डिजिटल लेनदेन को सरल बनाएगा, बल्कि पर्यटन क्षेत्र में भी क्रांति लाएगा। मालदीव एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और यूपीआई के माध्यम से भारतीय पर्यटकों के लिए लेनदेन करना आसान हो जाएगा। इससे मालदीव की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

More From Author

आंध्र प्रदेश में बढ़ती बुजुर्गों की आबादी और बच्चों के कम पैदा होने पर CM चंद्रबाबू नायडू ने चिंता व्यक्त की है

फर्जी कॉल कर उड़ान रोकने पर केंद्र सख्त, अब जुर्माने के साथ सजा भी!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

city24x7.news founded in 2021 is India’s leading Hindi News Portal with the aim of reaching millions of Indians in India and significantly worldwide Indian Diaspora who are eager to stay in touch with India based news and stories in Hindi because of the varied contents presented in an eye pleasing design format.