जिम ट्रेनर ने दिया वारदात को अंजाम, बिजनेसमैन की पत्नी की कर दी हत्या, लाश को लगाया ठिकाने

कानपुर
कानपुर में जिम ट्रेनर विमल सोनी ने चार महीने पहले शेयर कारोबारी राहुल गुप्‍ता की 32 वर्षीय पत्‍नी एकता को अगवा कर मार डाला। जिम ट्रेनर विमल सोनी को जानने वाले लोगों, उससे हेल्थ टिप्स लेने वाले अफसरों और खिलाड़ियों ने सपने में नहीं सोचा होगा कि वह इतना शातिर है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक एकता के अपहरण से काफी पहले उसने साजिश का ताना-बाना रच लिया था। उसने अजय देवगन की फिल्म दृश्यम और दृश्यम-टू 22 बार देखी। एकता की हत्‍या के बाद उसकी लाश दफ्नाने के लिए विमल ने डीएम कैंपस में सेंध लगा दी। आफिसर्स क्‍लब में जहां अफसर रोज खेलने आया करते थे, एकता की लाश को दफ्न कर दिया।

एकता, छह महीने से ग्रीन पार्क के जिम में व्यायाम करने जाती थी। उसके गायब होने के बाद पति ने जिम ट्रेनर विमल सोनी के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। तब से पुलिस तलाश कर रही थी, लेकिन न एकता का सुराग मिला न विमल सोनी मिला। शनिवार को पुलिस के हत्थे चढ़े ट्रेनर की निशानदेही पर पुलिस ने एकता का शव डीएम कंपाउंड से सटे ऑफिसर्स क्लब में खुदाई के बाद बरामद कर लिया। यह परिसर डीएम के आवास से सटा है। करीब ही पुलिस लाइन और जेल भी है। कड़ी सुरक्षा में करीब दो घंटे की खुदाई के बाद कंकाल हो चुका शव बरामद किया गया। इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वाले विमल सोनी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

फिल्म 'दृश्यम' में हत्या के बाद लाश उस जगह छिपाई जाती है, जहां थाना बन रहा है। सोच यह कि पुलिस कभी अपने ही थाने की खुदाई कर लाश तलाशने की नहीं सोचेगी। विमल को थाने में तो लाश दफ्न करने का मौका नहीं मिला पर उसने ‘किले’ जैसे डीएम कंपाउंड को जरूर चुन लिया। वह इलाके की कड़ी सुरक्षा, डीएम बंगले के सुरक्षा स्टाफ के बीच कैसे लाश वहां तक ले जा सका, यह बड़ा सवाल है।
आईबी डायरेक्टर तक ने की थी बरामदगी की सिफारिश

राहुल ने बताया कि पुलिस उसकी पत्नी के जाने को गंभीरता से नहीं ले रही थी। इसलिए उसको तलाशने में इतनी देर लग गई। बहनोई की बहन आईबी में अफसर है। उनके जरिए अईबी डायरेक्टर से सिफारिश कराई थी। कई अफसरों को फोन कराए। तब जाकर पुलिस के अफसर सक्रिय हुए।

घंटाघर में मंगाए कपड़े
24 को एकता को अगवा करने के बाद विमल ने शाम को जूही मिलेट्री कैम्प स्थित बहन के घर पर कार खड़ी कर दी थी। पुलिस को कार वहीं से मिली थी। उसी दिन रात में विमल ने अपने भांजे से घंटाघर पर कपड़े मंगवाए थे। खुद विमल अपनी बहन के रिश्तेदार के घर में महोबा में छुपा था। वह लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा था। इसलिए पुलिस उसको तलाश नहीं पा रही थी।

लोअर और बाल से शिनाख्त
खुदाई के बाद आफिसर क्लब में एकता का सिर्फ कंकाल बरामद हुआ। पति ने बताया कि उसने शव की शिनाख्त एकता के लोअर और उसके बाल से की थी। मुझे ऐसी उम्मीद नहीं थी कि वह एकता को इस तरह से मार देगा। कोई जालिम भी ऐसे नहीं मारता है।

आगे और सनसनीखेज खुलासे की संभावना
सूत्रों के मुताबिक विमल ने एकता के अपहरण और हत्या का ताना-बाना जिस शातिराना ढंग से बनाया, उससे आगे और सनसनीखेज खुलासे होने की संभावनाएं हैं। मसलन बहुत संभव है कि उसने अपनी बेगुनाही के तमाम सबूत दृश्यम की तरह गढ़ रखे हों, जो वह अदालत में पेश करे। पुलिस को इस नजरिए से भी गहन छानबीन करनी होगी। दूर की कौड़ी यह भी कि कंकाल के रूप में मिला शव भी बदल तो नहीं दिया गया। क्या डीएनए जांच में यह हड्डियां एकता की होने की तस्दीक हो सकेंगी या डीएनए सैंपल बदलवाने के लिए भी विमल ने कोई जाल नहीं बुन रखा है?

नीचे दफ्न थी एकता, ऊपर अफसर खेलते रहे
अचरज ऐसे ही होते हैं। जिस जगह अफसर रोज बैडमिंटन और वॉलीबॉल खेलते रहे, वहीं पांच फिट गहराई में एकता का शव दफन था। कभी तो यहां गड्ढा खोदा गया होगा। एकता जिंदा या मुर्दा वहां तक लाई गई होगी। दफनाने में भी कुछ तो वक्त लगा होगा। त्रिनेत्र का नेटवर्क, डीएम बंगले की गारद और ऑफिसर्स क्लब में आने-जाने वालों को कुछ क्यों नहीं दिखा। ताजा खोदा या भरा गया गड्ढा वैसे तो दूर से ही दिख जाता है, पर वहां करीब ही खेलने वाले अनुभवी अफसरों को संदेह क्यों नहीं हुआ?

करतूत में क्लब का कोई मिला है क्या
आखिर जिम ट्रेनर विमल सोनी को क्लब में इतनी आसान एंट्री कैसे मिल गई? क्या अंदर का कोई इस करतूत में उसके साथ मिला है? किसकी मदद से वह ऐसे सुरक्षित स्थान तक लाश लेकर पहुंचा और बेखौफ होकर उसे दफन करने में कामयाब रहा। लाश के कंकाल में बदलने से जाहिर है कि यह ताजा मामला नहीं है। हत्या और दफनाने के महीनों बाद तक किसी को इस कांड की हवा क्यों नहीं लगी? खुलासा भी तब ही हो सका, जब खुद विमल पकड़ा गया।

डीएम कैंपस की सुरक्षा में लगा दी ट्रेनर ने सेंध
शातिर जिम ट्रेनर विमल सोनी का 2010 से आफिसर क्लब से लेकर डीएम आवास तक खूब आना जाना था। इसका उसने फायदा उठाकर रात में बंद रहने वाले आफिसर क्लब में एकता की हत्या करके उसके शव को दफना दिया। फिर भी शहर के सबसे सुरक्षित आवासीय परिसर में किसी को भनक तक नहीं लगी। डीएम आवास में पूरी रात गारद बैठती है, किसी को भी खुदाई और दफनाने की भनक तक न लगी। जिम ट्रेनर ने डीएम कैम्प की पूरी सुरक्षा में ही सेंध लगाकर अफसरों को खुली चुनौती दे डाली।
 

More From Author

दोनों संगठनों को एक बड़े परिवार का हिस्सा बताते हुए होसबोले ने दोहराया कि दोनों के बीच एकता बरकरार: दत्तात्रेय होसबोले

प्रदेश में 300 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

city24x7.news founded in 2021 is India’s leading Hindi News Portal with the aim of reaching millions of Indians in India and significantly worldwide Indian Diaspora who are eager to stay in touch with India based news and stories in Hindi because of the varied contents presented in an eye pleasing design format.