जलवायु परिवर्तन को रोकने जमीनी स्तर पर व्यवहार में लाना होगा बदलाव

भोपाल  
जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिये जमीनी स्तर पर व्यवहार में बदलाव लाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पंचामृत की जो बात कही गई है, उसका पालन सभी को करना चाहिए। भारत हमेशा प्रॉब्लम सॉल्वर के रूप में सामने आया है। विषय-विशेषज्ञों ने इस तरह के विचार “जलवायु परिवर्तन के लिये वैश्विक प्रयास – भारत की प्रतिबद्धता में राज्यों का योगदान” पर हुई संगोष्ठी में “इंडियाज पर्सपेक्टिव ऑन क्लाइमेट चेंज और पॉजिटिव एफर्टस् फॉर क्लाइमेट प्रोटेक्शन एट नेशनल एण्ड इंटरनेशनल लेवल्स पर हुए पैनल डिस्कशन” में व्यक्त किये।

क्लाइमेट जस्टिस जरूरी
सेवानिवृत्त आईएएस श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कार्बन बाजारों में प्रवेश के लिये ठोस फ्रेमवर्क बनाने की जरूरत है। इससे प्राकृतिक खेती और सतत् वन विकास एवं पर्यावरणीय प्रयासों को वित्तीय सहायता मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं को प्रोत्साहित करेगा बल्कि भारत को वैश्विक हरित अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका में स्थापित करेगा। श्री प्रसाद कहा कि जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक प्रभाव गरीबों पर पड़ता है, अत: क्लाइमेट जस्टिस जरूरी है।

बनायें नेचर वॉलेंटियर्स
वरिष्ठ पत्रकार की श्री अभिलाष खांडेकर ने कहा कि जमीनी स्तर पर बदलाव लाने के लिये नेचर वॉलेंटियर्स बनाने की जरूरत है। पानी का सदुपयोग करें। उन्होंने कहा कि क्लाइमेट चेंज को रोकने के व्यवहार में परिवर्तन जरूरी है।

एक भी बूंद पानी का नहीं छोड़ता
आईआईएफएम के प्रोफेसर डॉ. योगेश दुबे ने कहा कि क्लाइमेट चेंज को रोकने के लिये भारत सरकार ने बड़ी तेजी से कदम आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं ग्लास में एक भी बूंद पानी की नहीं छोड़ता। श्री दुबे ने कहा कि स्वाइल हेल्थ कार्ड बनाने का कार्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण है। वनीकरण और हाइड्रोजन फ्यूल के उपयोग को बढ़ावा देना क्लाइमेट चेंज को रोकने में मददगार साबित होंगे। टाइम्स ऑफ इंडिया के वरिष्ठ पत्रकार श्री विश्वमोहन ने कहा कि सभी को मिलकर समग्र प्रयास करने की जरूरत है। वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और प्राचीन पर्यावरणीय संरचनाओं पर गहराई से अध्ययन करने की योजना बनाई गई है। इसमें बारिश को प्रभावित करने वाले वायुकणों का अध्ययन, जलवाष्प का विश्लेषण जैसे विषयों को शामिल किया गया है।

संचालक अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान श्री राजेश गुप्ता ने कहा कि यहां जो चर्चाएं हुई हैं, वह दूर तलक जायेंगी। यह एक शुरूआत है, हम जरूर कामयाब होंगे। नर्मदा समग्र के चीफ एक्जीक्यूटिव श्री कार्तिक सप्रे ने कहा कि “मैं से हम और हम से सब” के सूत्र पर काम कर रहे हैं। नदी केवल एक बहता पानी नहीं है बल्कि यह एक सजीव है। पैरवी के डायरेक्टर श्री अजय झा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर पहली बार मध्यप्रदेश में राज्य स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय विषय पर सार्थक चर्चा की गई। इस दौरान अन्य वक्ताओं ने भी महत्वपूर्ण सुझाव दिये।

 

More From Author

प्राचार्य उदय बोले- नई पीढ़ियों को अपने दादा-दादी व बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए

अकेली देखकर गांव के व्य​क्ति ने युवती से किया रेप, दहशत में पीडि़ता ने जहर खाकर जान दी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

city24x7.news founded in 2021 is India’s leading Hindi News Portal with the aim of reaching millions of Indians in India and significantly worldwide Indian Diaspora who are eager to stay in touch with India based news and stories in Hindi because of the varied contents presented in an eye pleasing design format.