पहली बार सेना ने मोबिलिटी के लिए किया BMP का इस्तेमाल, आतंकियों का खत्मा फाइनल

सुंदरबनी
 जम्मू के सुंदरबनी सेक्टर के असन इलाके में आतंकियों के खिलाफ किया ऑपरेशन इस लिहाज से खास रहा, कि पहली बार सेना ने मोबिलिटी के लिए BMP-2 का इस्तेमाल किया। सोशल मीडिया में कुछ लोग BMP की तस्वीरें डाल इसे टैंक बता रहे हैं, लेकिन टैंक और BMP में काफी फर्क होता है। BPM सैनिकों को कैरी करने वाला वीइकल है, जिसके आगे एक कैनन लगा होता है। कैनन का इस्तेमाल नहीं किया गया। ऑपरेशन के दौरान सैनिकों की सुरक्षा के लिए BPM का इस्तेमाल एक सिक्योर वीइकल की ही तरह किया गया।

दो दिन में खत्म हो गया ऑपरेशन
जिस जगह सेना आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रही थी वह जंगल के बीच एक खुला मैदान वाला इलाका है। वहां किसी और वीइकल से मूवमेंट में दिक्कत होती इसलिए BMP का इस्तेमाल किया गया। इसमें सैनिक आतंकियों की फायरिंग से सुरक्षित भी रहते हैं। BMP-2 का इस्तेमाल कर सेना ने ऑपरेशन को दो दिन में खत्म कर दिया। अगर ऑपरेशन अर्बन इलाके में होता है तो सेना बख्तरबंद गाड़ियों जैसे कैस्पर का इस्तेमाल करती है।

BMP इंफ्रेंट्री कैरियर वीइकल (ICV) है, जो सैनिकों को ले जाते हैं और इनमें हथियार भी लगे होते हैं। भारतीय सेना की मैकेनाइजड इंफ्रेंट्री में अभी 2000 के करीब ICV हैं। ये रूसी ICV BMP-2 हैं। ये दो तरह के हैं। एक ट्रैक्ड यानी की टैंक की तरह ट्रैक पर चलने वाले और दूसरे वीइल्ड यानी टायरों पर चलने वाले। BMP-2 एंफीबियस हैं यानी ये नदी-नाले को भी आसानी से पार कर सकते हैं।

BMP और टैंक में फर्क
बीएमपी और टैंक दोनों अलग अलग होते हैं। दोनों ही बख्तरबंद हैं। ट्रैक्ड BMP और टैंक के चलने का तरीका एक जैसा है। आपने इनके चेन से लगे पहिए देखें होंगे। लेकिन दोनों की खासियत और उनका इस्तेमाल अलग अलग है। बीएमपी को आर्मी की मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री इस्तेमाल करती है और टैंक आर्मी की आर्मर्ड यानी टैंक रेजिमेंट का हिस्सा है। टैंक को आर्मर्ड फाइटिंग वीइकल यानी एएफवी भी कहा जाता है। जबकि बीएमपी हैं इंफ्रेंट्री कैरियर वीइकल यानी आईसीवी। बीएमपी का फुल फॉर्म वैसे Boyevaya Mashina Pekhoty है, यह रशियन शब्द है जिसका मतलब होता है इंफ्रेंट्री फाइटिंग वीइकल।

इंफ्रेंट्री सैनिकों की स्पीड भी टैंक जितनी ही रखने के लिए आर्मर्ड के दस्ते के साथ मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री की जरूरत होती है। इसके लिए बीएमपी चाहिए। टैंक की जितनी मोटी चादर यानी लेयर होती है उतनी बीएमपी की नहीं होती। इसे छोटे हथियारों से प्रोटेक्शन के हिसाब से बनाया गया है। बीएमपी में फायरिंग का सिस्टम टैंक से अलग है। बीएमपी कैनन फायर करते हैं। कैनन का राउंड नॉर्मल हथियार से थोड़ा बड़ा होता है। बीएमपी की गन छोटी और पतली होती है जबकि टैंक की बड़ी और चौड़ी होती है। इंडियन आर्मी के पास बीएमपी-1 और बीएमपी-2 हैं। बीएमपी -2 अपग्रेडेड वर्जन है.

More From Author

सऊदी अरब को पीछे छोड़ भारत बना यूरोप का सबसे बड़ा इंधन सप्लायर

इटली की बड़ी कंपनी ने भारत में अपना डिजिटल बुटिक लॉन्च किया, चीन से काम समेटा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

city24x7.news founded in 2021 is India’s leading Hindi News Portal with the aim of reaching millions of Indians in India and significantly worldwide Indian Diaspora who are eager to stay in touch with India based news and stories in Hindi because of the varied contents presented in an eye pleasing design format.