मथुरा
वृंदावन, जो अपनी धार्मिकता और श्रद्धा के लिए प्रसिद्ध है, में हाल ही में एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा हुआ है। कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के गौरी गोपाल आश्रम के बाहर प्रसाद वितरण के दौरान गर्म खिचड़ी का एक भगौना श्रद्धालुओं पर गिर गया, जिससे 10 महिलाएं घायल हो गईं। इस घटना ने न केवल वहां मौजूद लोगों को स्तब्ध कर दिया, बल्कि स्थानीय प्रशासन को भी सक्रियता दिखाने पर मजबूर कर दिया।
घटना का विवरण
1 नवंबर को, जब श्रद्धालुओं की एक बड़ी संख्या आश्रम में प्रसाद प्राप्त करने के लिए उपस्थित थी, अचानक एक कर्मचारी, जो खिचड़ी लेकर आ रहा था, का पैर फिसल गया। यह घटना उस समय हुई जब वह भगौने को प्रसाद वितरण के लिए ले जा रहा था। भगौने का गर्म खिचड़ी से भरा होना और उस पर नियंत्रण खो देना, गंभीर परिणाम का कारण बना। गर्म खिचड़ी सीधे सामने बैठी महिलाओं पर गिर गई, जिससे वे झुलस गईं।
घायल महिलाएं
घायल महिलाओं की पहचान पश्चिम बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों से आई श्रद्धालुओं के रूप में हुई है। घटना के तुरंत बाद, उन्हें नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, दो महिलाओं की हालत गंभीर है, इसलिए उन्हें आगरा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अन्य घायल महिलाओं का उपचार स्थानीय अस्पताल में किया जा रहा है, और उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
पुलिस और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। उन्होंने सभी घायलों को एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल पहुंचाने में मदद की। पुलिस ने कहा कि इस घटना में किसी प्रकार की लापरवाही के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और घटना से जुड़े सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जा रहा है ताकि यह समझा जा सके कि घटना किस प्रकार हुई।
अफरातफरी का माहौल
इस घटना के कारण आश्रम में कुछ समय के लिए अफरातफरी का माहौल बन गया। श्रद्धालु और आश्रम के कर्मचारी सभी घायलों की मदद के लिए एकत्रित हो गए। प्रशासन ने सुनिश्चित किया कि सभी घायल महिलाओं को उचित चिकित्सा सहायता मिले।
आश्रम के संचालक का बयान
गौरी गोपाल आश्रम के संचालक और कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। उन्होंने यह भी बताया कि आश्रम में प्रतिदिन बड़ी संख्या में भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाता है और ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा उपायों को और सख्त करने की आवश्यकता है। इस घटना ने न केवल एक दुखद स्थिति उत्पन्न की, बल्कि धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा और सावधानी के मुद्दों को भी उजागर किया है। आश्रम प्रशासन और स्थानीय प्रशासन को इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं से बचा जा सके।