टोंक.
राजस्थान में टोंक शहर सहित जिले भर में आज यानी शनिवार को गोवर्धन पूजा पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया। आसपास के क्षेत्रों में भी गोवर्धन पूजा बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। महिलाएं सज-धजकर गोवर्धन की पूजा की। बता दें कि गोवर्धन गाय के गोबर से बनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र का घमंड तोड़ने के लिए और उनके प्रकोप से बचाने के लिए अपने गांव को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को उठाया था।
गोवर्धन पूजा पर्व को लेकर महिलाएं गोबर से गोवर्धन जी बनाकर पूजा अर्चना कर परिक्रमा लगाकर सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाए जाने वाले पर्व गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा के रूप में भी जाना जाता है। यह त्योहार दीवाली के एक दिन बाद मनाया जाता है। इस वर्ष गोवर्धन पूजा शनिवार दो नवंबर को मनाया जा रहा है। गोवर्धन पूजा को इंद्रदेव पर भगवान श्रीकृष्ण के विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। गोवर्धन पूजा पर लोग अपने घर में साबुत अनाज से भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की आकृति तैयार करते हैं और उनकी पूजा करते हैं। गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्रीकृष्ण को लगाए जाने वाले भोग अन्नकूट में तरह तरह की सब्जियां, कढ़ी-चावल, खीर, मिठाइयां, रबड़ी, पेड़े, पुआ, मक्खन, मिश्री और पूरी जैसी चीजें शामिल होती हैं।
गोवर्धन पूजा में अन्नकूट का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, गोवर्धन पूजा भगवान श्रीकृष्ण के इंद्रदेव के क्रोध से ब्रजवासियों की रक्षा की याद में मनाया जाता है। इस दिन प्रभु ने देवराज इंद्र के अभिमान को पूरी तरह से समाप्त कर दिया था और गोवर्धन पर्वत के नीचे समूचे वृंदावनवासियों को शरण देकर उनकी भारी बारिश से रक्षा की थी। लोगों तक यह सीख भी मिली कि प्रकृति से मिलने वाली हर चीजें महत्वपूर्ण हैं। भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अपनी कृतज्ञता जताने के लिए लोग गोवर्धन पूजा के दिन उन्हें 56 या 108 तरह के पकवानों का भोग लगाते हैं, उस भोग को अन्नकूट कहा जाता है।