चित्तौड़गढ़.
चित्तौड़गढ़ जिले के बस्सी क्षेत्र में आने वाले धोरडिया गांव में एक परिवार के सदस्य सोमवार सुबह उस समय हक्के-बक्के रह गए। जब घर में करीब पांच फीट लंबा मगरमच्छ दिखा। इसे देखकर सभी के होश उड़ गए। तत्काल वन विभाग को इसकी जानकारी दी गई। इस पर उपवन संरक्षक के निर्देश पर एक टीम मौके पर पहुंची तथा मगरमच्छ का रेस्क्यू किया।
यह मगरमच्छ रात को ही बाड़े के रास्ते से घर में घुस गया था। गनीमत रही कि इसने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। जानकारी में सामने आया कि धोरडिया निवासी रामलाल गुर्जर के मकान में सोमवार सुबह करीब सात बजे एक मगरमच्छ बरामदे में दिखाई दिया। गांव में रहने वाले इसके रिश्तेदार घर पहुंचे थे तो बच्चों के झूले के पास यह मगरमच्छ था। इसे देख कर महिला रिश्तेदार चिल्लाई। इस पर रामलाल गुर्जर के परिवारजन और आस-पड़ोस के लोग भी मौके पर एकत्रित हो गए। बाद में वन विभाग को इसकी जानकारी दी गई। इस पर उपवन संरक्षक विजय शंकर पांडे के निर्देश पर मनीष तिवारी के नेतृत्व में एक रेस्क्यू दल मौके पर पहुंचा। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद मगरमच्छ को रेस्क्यू कर लिया गया। वन विभाग ने इसे बस्सी सेंचुरी के निकट बांध में छोड़ने का निर्णय किया है। ऐसे में इस मगरमच्छ को बस्सी सेंचुरी में छोड़ा जाएगा। इधर, जानकारी मिली है कि रामलाल गुर्जर के मकान का दरवाजा बंद था। इससे आशंका जताई जा रही है कि पीछे बाड़े के रास्ते से मगरमच्छ घर में आया हो। लेकिन गनीमत यह रही कि मगरमच्छ ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। वरना बड़ी घटना हो सकती थी।
धोरडिया गांव के निकट ही बेडच नदी बहती है, जबकि गांव के पास एक नाला है जो नदी से जुड़ा हुआ है। आशंका है कि मगरमच्छ नदी से नाले में होते हुए गांव में पहुंचा हो। घर से नाले की दूरी करीब आधा किलोमीटर बताई गई है। मगरमच्छ के किसी पर हमला नहीं करने और सुरक्षित रेस्क्यू कर लेने से सभी ने राहत की सांस ली है। मौके पर टीम में वन विभाग से नाथू सिंह सहित मनीष तिवारी, पीयूष कामले, रामकुमार साहू, मुबारिक खान, कन्हैया लाल सालवी रेस्क्यू करने पहुंचे।