सांस्कृतिक विरासत की पुनर्स्थापना में रीवा पीछे नहीं है – उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल

भोपाल.

उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि देश में सांस्कृतिक विरासत की पुनर्स्थापना का दौर चल रहा है। इस कार्य में रीवा भी पीछे नहीं है। रीवा में अधोसंरचना विकास कार्यों के साथ-साथ सांस्कृतिक, पौराणिक एवं ऐतिहासिक विरासतों को सहेजने एवं संवारने का कार्य किया जा रहा है। लक्ष्मणबाग में बिछिया रिवर फ्रंट (परिक्रमा पथ) के बन जाने से लक्ष्मणबाग धाम में विराजमान चारोधाम के देवताओं का श्रद्धालु परिक्रमा कर पुण्य प्राप्त कर सकेंगे। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने एक करोड़ 57 लाख रुपए की लागत से बिछिया रिवर फ्रंट (परिक्रमा पथ) एवं लक्ष्मणबाग परिसर में पुर्नऊद्धार कार्यों का लोकार्पण किया।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि लक्ष्मणबाग धाम में चारोधाम के देवताओं के मंदिर हैं। विन्ध्यवासी चारोधाम की यात्रा करने के बाद जब यहाँ आकर दर्शन करते हैं तभी उनकी चारोधाम की यात्रा पूर्ण मानी जाती है। यह हमारी संस्कृति का मनोरम स्थल है जो हरीतिमा से आच्छादित है। यहाँ उत्तरगामी बिछिया नदी प्रवाहमान है। साथ ही यह हजारों गायों की भी शरणस्थली है। यहाँ संस्कृत विश्वविद्यालय की भी स्थापना कराई गई है। अब यह परिसर एक गुरूकुल का परिपूर्ण परिसर हो गया है। श्री शुक्ल ने कहा कि रीवा में नदी, तालाबों व छोटे सरोवरों के जीर्णोद्धार का कार्य कराकर इन्हें सुरम्य बनाया गया है। श्री शुक्ल ने कहा कि नैकहाई की वीरता का इतिहास भी आने वाली पीढ़ी को बताने की आवश्यकता है। एसटीपी का निर्माण हो जाने से बिछिया एवं बीहर नदी का जल पूर्णत: स्वच्छ हो जाएगा। श्री शुक्ल ने रीवा में सहेजे व संवारे गए सभी कार्यों का लोगों से जिम्मेदारी पूर्वक संरक्षित रखने का आह्वान किया।

बाला व्यंकटेश शास्त्री ने कहा कि स्वर्गीय भैयालाल जी शुक्ल ने लक्ष्मणबाग संस्थान के पुर्नऊद्धार का बीड़ा उठाया था। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल इसे पूरा कर रहे हैं। लक्ष्मणबाग की भूमि ऐतिहासिक एवं धार्मिक है और इसका प्रभुत्व है। इस अवसर पर डॉ प्रभाकर चतुर्वेदी ने कहा कि यह पवित्रता का शुभ स्थान है। ऋषियों-मुनियों की यह तपोस्थली रही है। परिक्रमा पथ के बन जाने से श्रद्धालु चारोधाम के देवताओं की परिक्रमा कर सकेंगे। मुख्य कार्यपालन अधिकारी लक्ष्मणबाग संस्थान डॉ अनुराग तिवारी ने बताया कि लक्ष्मणबाग में संस्कृत विश्वविद्यालय के लिए सात कमरों में कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। यहाँ 110 छात्र अध्ययनरत हैं तथा कुल 140 छात्रों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है। 50 छात्रों के लिए भोजन एवं आवास की व्यवस्था छात्रावास में की गई है। इस परिसर में प्राचीन गुरू एवं शिष्य की परंपरा पल्लवित हो रही है।

मंदिर के तीन तरफ 400 मीटर का पाथवे एक करोड़ 57 लाख रुपए की लागत से बनाया गया है। पाथवे के किनारे रिक्त भूमि में ग्रीनरी की व्यवस्था की गई तथा बैठने के लिए कुर्सियाँ भी लगाई गई हैं। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती नीता कोल अधिकारी-कर्मचारी तथा स्थानीयजन उपस्थित रहे।

More From Author

अपराध नियंत्रण, कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु कबीर धर्मनगर (दामाखेड़ा) में स्थापित किया गया नवीन पुलिस सहायता केंद्र

भोजपाल महोत्सव मेला,12 एकड़ में लगी है करीब 500 दुकानें, भेल दशहरा मैदान पर 15 नवंबर से शुरू होगा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

city24x7.news founded in 2021 is India’s leading Hindi News Portal with the aim of reaching millions of Indians in India and significantly worldwide Indian Diaspora who are eager to stay in touch with India based news and stories in Hindi because of the varied contents presented in an eye pleasing design format.