कई शिक्षकों को शिक्षा पोर्टल पर कर दिया निष्क्रिय, अब इनका वेतन बनाने की चुनौती

भोपाल
जिले के हाउसिंग बोर्ड स्कूल के शिक्षक अरुण सिंह का स्थानांतरण हो गया है। करोंद स्थित जीवन ज्योति प्राथमिक स्कूल की शिक्षिका विमला यादव भी इस्तीफा दे चुकी हैं, लेकिन इन दोनों का नाम पुराने स्कूल में ही प्रदर्शित हो रहा है। वहीं रतलाम जिले के माध्यमिक शिक्षक मधुवन मौर्य को उच्च प्रभार देकर दूसरे स्कूल भेजा गया, लेकिन उन्हें शिक्षा पोर्टल से निष्क्रिय कर दिया है।

ऐसे एक नहीं, कई उदाहरण हैं। शिक्षा पोर्टल पर निष्क्रिय किए गए शिक्षकों व कर्मचारियों की सूची सामने आई है। मप्र स्कूल शिक्षा विभाग ने अलग-अलग जिलों के एक लाख 46 हजार 333 अधिकारियों व कर्मचारियों को पोर्टल से निष्क्रिय कर दिया है। इसमें करीब एक लाख 22 हजार शिक्षक, अधिकारी व कर्मचारी सेवानिवृत्त, साढ़े 22 हजार की मौत, 2700 का निलंबन और 18 हजार ने इस्तीफा दिया है। अब इन्हें पोर्टल से निष्क्रिय कर दिया गया है।

हालांकि, इनके साथ ही कई पदस्थ शिक्षकों व कर्मचारियों को भी निष्क्रिय कर दिया गया है। अब इनके वेतन नहीं बन पा रहे हैं। शिक्षा पोर्टल पर जिन लाखों कर्मचारियों को निष्क्रिय किय गया है, उसका कारण उनकी मृत्यु, रिटायरमेंट, बर्खास्तगी या फिर त्यागपत्र देना बताया गया है। इनमें से कई लोकसेवकों ने खुद को पोर्टल पर एक्टिव करने की मांग की है।

लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इन निष्क्रिय किए गए प्रत्येक लोक सेवक का परीक्षण कर प्रस्ताव भेजे जाएं। इसमें लोक सेवक का नाम, यूनिक आईडी, शाला का डाइस कोड, शाला का नाम, एक्टिव करने का कारण और इस त्रुटि के लिए जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी का नाम और पद की जानकारी मांगी गई है।

प्रदेश के करीब साढ़े 22 हजार लोकसेवकों की हो चुकी मौत
प्रदेश के 52 जिलों में 22 हजार 672 शिक्षकों व कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। वहीं एक लाख 2 हजार 637 सेवानिवृत्त, दो हजार 781 बर्खास्त और 18 हजार 243 का इस्तीफा देना बताते हुए उन्हें शिक्षा पोर्टल से निष्क्रिय कर दिया गया है।

भोपाल जिले में 2878 लोक सेवक निष्क्रिय
भोपाल जिले के 2878 लोक सेवकों को निष्क्रिय कर दिया गया है, इनमें 2308 सेवानिवृत्त हो गए हैं। वहीं 348 की मौत हो चुकी है और 174 ने इस्तीफा दिया था।

कार्यरत लोकसेवक भी निष्क्रिय
मप्र शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. क्षत्रवीर सिंह राठौर और शासकीय शिक्षक संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष उपेंद्र कौशल का कहना है कि सभी निष्क्रिय किए गए शिक्षकों व कर्मचारियों का परीक्षण कराया जाए। अभी कई शिकायतें मिल रही हैं कि वे कार्यरत हैं, लेकिन उन्हें निष्क्रिय कर दिया गया है। उनके नाम फिर से एक्टिव किए जाएं। जब तक संकुल, विकासखंड या जिले से जानकारी प्राप्त ना की जाए, तब तक पोर्टल से निष्क्रिय करना न्यायोचित नहीं है।

जिन लोकसेवकों को निष्क्रिय किया गया है, उनका परीक्षण किया जा रहा है। इसमें कुछ ऐसी शिकायतें भी आ रही हैं कि वे कार्यरत हैं, लेकिन पोर्टल से उन्हें निष्क्रिय कर दिया गया है।
– एनके अहिरवार, जिला शिक्षा अधिकारी, भोपाल

More From Author

रेलवे स्टेशन पर निर्माणाधीन इमारत से सरियों पर गिरा युवक छोटू जाटव आखिर जिंदगी की जंग हार गया

क्षेत्र के कई बंद पड़े शो-पीस कोरिया नीर को पुन: चालू करें-विकास पाण्डेय

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

city24x7.news founded in 2021 is India’s leading Hindi News Portal with the aim of reaching millions of Indians in India and significantly worldwide Indian Diaspora who are eager to stay in touch with India based news and stories in Hindi because of the varied contents presented in an eye pleasing design format.