भोपाल
संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़) मेन रोड पर प्रस्तावित प्रदेश के पहले एलिवेटेड डबल डेकर ब्रिज के पिलरो पर ही मेट्रों का बेस बन सकेगा। भविष्य में बैरागढ़ को मेट्रो रूट से जोड़ने की योजना है। पिलर पहले से ही तैयार होने के कारण मेट्रो चलाना आसान होगा। ब्रिज बनने से बैरागढ़ की यातायात व्यवस्था में सुधार होगा।
लोक निर्माण विभाग ने एलिवेटेड ब्रिज का काम तेज कर दिया है।विधायक रामेश्वर शर्मा ने एलिवेटेड निर्माणाधीन डबल डेकर ब्रिज का अवलोकन किया। लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण यंत्री जावेद शकील ने उन्हें योजना के बारे में जानकारी दी। ब्रिज की लंबाई लगभग तीन किलोमीटर है। इसकी चौड़ाई 24 से 26 मीटर तक है। ऊंचाई करीब नौ मीटर रहेगी।
विधायक ने निर्माण के दौरान कट प्वाइंट कम समय के लिए बंद करने को कहा ताकि व्यापारियों को कोई परेशानी नहीं हो। फिलहाल मेन रोड पर बैरिकेड लगाकर काम किया जा रहा है। कुछ हिस्से में बेरिकेड लगने के बाद वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। विधायक ने परेशानी दूर करने के निर्देश दिए। ब्रिज बनने से भोपाल से इंदौर एवं उज्जैन महाकाल जाने वाले वाहनों को आसानी होगी। बैरागढ़ उपनगर में प्रवेश किए बिना वाहन सीधे रवाना हो सकेंगे।
हर 15 दिन में निरीक्षण, चार्ट बनेगा
एलिवेटेड ब्रिज के निर्माण के लिए 306 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। केबिनेट की बैठक में इसकी प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के बाद काम शुरू हुआ। इसकी समय सीमा 32 माह है, लेकिन विधायक रामेश्वर शर्मा ने अधिकारियों से कहा कि पहला चरण 18 माह में पूरा कर लिया जाए, ताकि मेन रोड से आवाजाही आसान हो सके। उन्होंने कहा कि हर 15 दिन में निरीक्षण किया जाएगा। निरीक्षण चार्ट भी बनेगा।
ब्रिज निर्माण होने के कारण भोपाल-इंदौर के बीच चल रही बसें एवं बड़ी ट्रकों का रूट डायवर्ट किया जाएगा। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की जाएगी। निरीक्षण के दौरान भाजपा के मंडल अध्यक्ष कमल वीधानी, चंदूभाई इसरानी, किशन अच्छानी, पीडब्ल्यूडी के ओएसडी रवि शुक्ला एवं नगर निगम अधिकारी भी उपस्थित थे।
संत हिरदारामजी की कुटिया के निकट भी मिक्स लेन में काम शुरू
बैरागढ़ मेन रोड पर प्रस्तावित एलिवेटेड डबल डेकर ब्रिज 91 पिल्लरों पर खड़ा होगा। लोक निर्माण विभाग की निगरानी में मिट्टी की टेस्टिंग का काम पूरा हो गया है। सीहोर नाका एवं हलालपुर छोर के बाद अब संत हिरदारामजी की कुटिया के निकट तीसरे छोर पर भी काम शुरू कर दिया गया है। इसके निर्माण पर करीब 306 करोड़ रूपये खर्च होने का अनुमान है।
ब्रिज का काम सिंगल पिल्लर सिस्टम के तहत किया जाएगा। भविष्य में इसी ब्रिज के ऊपर मेट्रो लेन बिछाई जा सकेगी। हलालपुर से सीहोर नाका स्थित विसर्जन घाट तक बीआरटीएस लेन हटाने के साथ ही इसका काम प्रारंभ किया गया था। पिल्लर खड़े करने से पहले साइल एवं पाइल टेस्टिंग की गई।
टेस्टिंग के बाद प्रारंभिक काम किया जा रहा है। पिल्लर ख़ड़े करने की तैयारी की जा रही है। पिल्लर खड़े करने की शुरूआत सीहोर नाका एवं संतजी की कुटिया के पास होगी। पहले इस ब्रिज को संत हिरदारामजी की कुटिया से थोड़ा आगे सीवेज पंप हाउस से शुरू किया जााना था। अब इसे हलालपुर के निकट से शुरू किया जा रहा है।
तीन जगह मिक्स लेन बंद हुई
बीआरटीएस मार्ग के बीच में बनी मिक्स लेन वाले हिस्से को अब बेरिकेड रखकर बंद किया गया है। मिक्स लेन कुछ समय में पूरी तरह बंद कर दी जाएगी। अधिकारियों का कहना है किबाकी दोनों लेन से ट्रेफिक पहले की तरह संचालित होगा। ब्रिज बनाने का काम प्रारंभ होने से व्यापारिक संगठन संभावित तोड़फोड़ से चिंतित थे।
संत हिरदाराम मार्केट का कुछ हिस्सा टूटने की आशंका बनी हुई है लेकिन अधिकारियों का कहना है कि ब्रिज के लिए जितनी जगह चाहिए उतनी उपलब्ध है इसलिए तोड़फोड़ की संभावना नहीं है। ब्रिज की चौड़ाई करीब 26 मीटर रहेगी। यह काम लोक निर्माण विभाग की सेतू शाखा के माध्यम से किया जाएगा। भविष्य में ब्रिज के नीचे ही पार्किंग विकसित की जाएगी।