अक्टूबर में सब्जी और खाद्य तेल की कीमतों में उछाल के चलते अर्थशास्त्रियों ने खुदरा महंगाई दर में उछाल की आशंका जताई

नईदिल्ली

खाने-पीने की चीजों के दामों में तेज बढ़ोतरी के चलते अक्टूबर महीने में खुदरा महंगाई दर 6 फीसदी को पार करते हुए 6.21 फीसदी पर जा पहुंची है. सितंबर 2024 में खुदरा महंगाई दर 5.49 फीसदी रही थी. अक्टूबर महीने में खुदरा महंगाई दर  (Retail Inflation Rate) आरबीआई (Reserve Bank Of India) के टोलरेंस बैंड 6 फीसदी के भी पार जा पहुंची है. अक्टूबर महीने में खाद्य महंगाई दर में भी तेज उछाल देखने को मिला है और ये डबल डिजिट को पार करते हुए 10.87 फीसदी पर जा पहुंची है.

डबल डिजिट में खाद्य महंगाई दर

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी किए हैं उसके मुताबिक अक्टूबर 2024 में रिटेल इंफ्लेशन रेट 6.21 फीसदी पर जा पहुंची है. एक साल पहले अक्टूबर 2023 में खुदरा महंगाई दर 4.23 फीसदी रही थी. ग्रामीण इलाकों में खुदरा महंगाई दर 6.68 फीसदी और शहरी इलाकों में 5.62 फीसदी रही है. मंत्रालय ने बताया कि खुदरा महंगाई दर में ये तेज उछाल, सब्जियों, फलों, ऑयल और फैट्स की कीमतों में तेज उछाल के चलते देखने को मिला है. अक्टूबर 2024 में खाद्य महंगाई दर डबल डिजिट में चला गया है और ये 10.87 फीसदी रही है जो सितंबर में 9.24 फीसदी रही थी. ग्रामीण इलाकों में खाद्य महंगाई दर 10.69 फीसदी तो शहरी इलाकों में 11.09 फीसदी रही है.

महंगी सब्जियों ने बढ़ाई महंगाई

खुदरा महंगाई दर का जो आंकड़ा जारी किया गया है उसके मुताबिक अक्टूबर में सब्जियों की महंगाई दर में भारी बढ़ोतरी आई है. सब्जियों की महंगाई दर 42.18 फीसदी रही है जो सितंबर में 35.99 फीसदी रही थी. दूध और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स की महंगाई दर 2.97 फीसदी रही है. दालों की महंगाई में कमी आई है और घटकर 7.43 फीसदी रही है जो सितंबर में 9.81 फीसदी रही थी. अनाज और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स की महंगाई दर 6.94 फीसदी रही है जो सितंबर में 6.84 फीसदी रही थी. चीनी की महंगाई दर घटकर 2.57 फीसदी, अंडों की महंगाई दर में घटकर 4.87 फीसदी रही है. मीट और मछली की महंगाई दर बढ़कर 3.17 फीसदी रही है.  

महंगी EMI से राहत के आसार नहीं

खुदरा महंगाई दर आरबीआई के टोलरेंस बैंड की अपर लिमिट 6 फीसदी से बहुत ऊपर 6.21 फीसदी पर जा पहुंची है. जबकि खाद्य महंगाई दर 11 फीसदी के करीब है.  ऐसे में सस्ते कर्ज की उम्मीदों पर अब पानी फिरता नजर आ रहा है क्योंकि सब्जियों की कीमतों में कमी आने का नाम नहीं ले रही है. दिसंबर 2024 में आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक होगी. और अब ये तय है कि आरबीआई रेपो रेट को मौजूदा लेवल पर फिलहाल स्ठिर रखेगा.
10 फीसदी का आंकड़ा छू सकती है खाद्य महंगाई

सब्जियों, दालों की कीमतों में उछाल के चलते अक्टूबर महीने में खाद्य महंगाई दर के बढ़ने की आशंकाओं को बल दे दिया है. सांख्यिकी मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार सितंबर 2024 में खाद्य महंगाई दर असामान्य रूप से बढ़कर 9.24 फीसदी पहुंच गई. जबकि, अगस्त 2024 में खाद्य महंगाई दर 5.66 फीसदी दर्ज की गई थी और उससे पहले जुलाई में 5.42 फीसदी थी. अब अक्टूबर में खाद्य महंगाई दर के थोड़ा और ऊपर जाने पर दबाव बना हुआ है.
खाद्य महंगाई दर से कब मिलेगी राहत?

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बीते सप्ताह के बुधवार को मुद्रास्फीति के ऊपर की ओर बढ़ने के जोखिमों पर प्रकाश डाला था. इससे पहले सितंबर 2024 में आई आरबीआई की रिपोर्ट में बेहतर खरीफ फसलों की आवक और अच्छे रबी सीजन की बढ़ती संभावनाओं के मद्देनजर वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही तक भारत की खाद्य महंगाई दर में कमी आने की उम्मीद जताई गई है. 

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