इस देश में कोई माई लाल पैदा नहीं हुआ है जो किसान में विभाजन कर सके: उपराष्ट्रपति

पुष्कर
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 105 वें राष्ट्रीय जाट अधिवेशन में अपने सम्बोधन में किसान समुदाय को बाँटने की साजिश करने के प्रयासों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि, “ कई लोग ये भी बात करे हैं, पता नहीं क्यों करे हैं। सही रास्ता नहीं है उनका, वो किसान वर्ग के ही लोग हैं कि हम तो 35 बनाम 1 कर देंगे। इस देश में कोई माई लाल पैदा नहीं हुआ है जो किसान में विभाजन कर सके।” धनखड़ ने कहा कि जाट समाज को किसान समाज का महत्वपूर्ण अंग और किसान समाज की आत्मा के समान बताते हुए उन्होंने कहा, “ जाट समाज किसान वर्ग का महत्वपूर्ण अंग है देशभर में। किसान को जातियों में बांटने की एक साजिश है ताकि एक विशेष वर्ग, और खुलकर कहूंगा , अपने [ जाटों ] को अलग कर दें। अरे कभी दिल शरीर से अलग नहीं हुआ है। पर हम तो दिल कहां है, हम तो आत्मा हैं, किसान वर्ग की आत्मा है। इस आत्मा का सृजन, इस आत्मा का संरक्षण, हमको करना है।”

उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया की की जाट समाज एक किसान समाज है और उसमे भाईचारे की पहचान किसान है एवं जाट हमेशा किसान के नाम से ही जान जाता है एवं स्वयं उन्हें भी लोग किसान पुत्र के तौर पर ही जानते हैं। जाट और किसान समाज के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए धनखड़ ने कहा, “ किसानों के लिए मेरे घर के दरवाज़े 24 घंटे खुले हैं। जिस समाज ने मुझे इस पद पर भेजा है, उस समाज का मैं सबसे पहला सेवक हूँ, उस समाज की पूजा करने में कोई कमी नहीं आएगी और मेरा संकल्प है किसान वर्ग को खंडित करने की योजना करने वाले लोगों के नापाक इरादे कभी कामयाब नहीं हो सकते।

किसान वर्ग के संगठित रहने पर ज़ोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, “ किसान वर्ग का संगठित रहना राष्ट्रवाद के लिए सबसे अच्छा है, किसान राष्ट्र का प्रतीक है, देश पर कोई भी संकट आएगा, किसान अपनी छाती पर झेलेगा। मैं जानता हूँ कुछ समस्याएं हैं, उन समस्याओं का निराकरण होना चाहिए। उसमें देरी हुई, वो हट सकती थीं। आज मैं यहां से आह्वान करता हूँ देश भर के किसानों को, पुष्कर की इस भूमि से, आपकी समस्याओं के समाधान के लिए मैं एक सिपाही हूँ। मेरे दरवाज़े चौबीसों घंटे खुले हैं, मिल बैठ कर बात करेंगे, समस्या का हल निकालेंगे, हम इस देश के हैं, यह देश हमारा है, हम वो लोग हैं, जो धरती से सोना पैदा करते हैं।”

वीर तेजा जी, महाराजा सूरजमल , राजा महेंद्र प्रताप, पूजनीय नाथू राम मिर्धा जी की कीर्ति और यश का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने मौजूद लोगों से आग्रह किया कि वे आने वाली पीड़ी में नैतिक मूल्यों का सृजन करें और उन्हें सही रास्ता दिखाए। इसी के साथ उन्होंने अपने परिवार, कुटुंब, वातवरण का ख्याल रखने और अपने कर्तव्यों का पालन करने पर भी ज़ोर दिया।

धनखड़ ने किसानों से कृषि उत्पादों के विपणन और व्यापार में भी अपनी साझेदारी बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “ किसान जो पैदा करे है, बड़ी मुश्किलों पैदा करे है। मैं के व्यापार में किसान क्यों नहीं। मेरा आग्रह है कि किसानों को बैठ कर चिंता करनी चाहिए, चिंतन करना चाहिए, मंथन करना चाहिए और जो खरबों का व्यापार है, उस चीज का व्यापार है जो उनके यहां पैदा होती है। उसका व्यापार वो खुद करे। ये बहुत बड़ा व्यापार है। इतने बड़े खजाने को हम अपने से दूर कर रहे हैं। अन्न पैदा हुआ, तुरंत बेच देते हैं। अपने बच्चों को सिखाएं कि ये व्यापार में लक्ष्मी पूरी तरह से मेहरबान है।” अपने पुष्कर दौरे के दौरान उपराष्ट्रपति ने ब्रह्मा मंदिर एवं जाट शिव मंदिर में भी दर्शन किए एवं वीर श्री तेजा जी और श्री एन.आर. मिर्धा जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए।

More From Author

समय पर मिलिंग करने वाले मिलर्स को करेंगे प्रोत्साहित, लेकिन गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं

भारतीय अर्थव्यवस्था चुनौतियों के बावजूद बेहतर तरीके से आगे बढ़ रही: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

city24x7.news founded in 2021 is India’s leading Hindi News Portal with the aim of reaching millions of Indians in India and significantly worldwide Indian Diaspora who are eager to stay in touch with India based news and stories in Hindi because of the varied contents presented in an eye pleasing design format.