इंदौर : सोने, चांदी और काष्ठ से बने 108 रथों की यात्रा, दोपहर 3 बजे तक रूट रहेगा डायवर्ट

 इंदौर

इंदौर में शुक्रवार को सिद्ध चक्र महामंडल विधान के समापन पर एक भव्य रथयात्रा (रथावर्तन) निकाली गई, जिसमें देशभर से आए 108 रथों ने हिस्सा लिया। बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से आए इन रथों ने इस आयोजन को विशेष बना दिया। यात्रा में दो रथ सोने के, दो रजत के, और 35 से अधिक रथ सोने-चांदी, अन्य धातुओं और बहुमूल्य लकड़ियों से बनाए गए थे। यह संभवतः पहली बार हुआ कि इतने बड़े पैमाने पर विभिन्न राज्यों से इतने सारे रथ एक ही शहर में एकत्र हुए हों, जिससे यह आयोजन ऐतिहासिक बन गया।

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम भी मौजूद
यह भव्य यात्रा विजय नगर स्थित बिजनेस पार्क आईडीए ग्राउंड से शुरू हुई। यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जो इस धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन को देखने आए थे। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम भी इस यात्रा का गवाह बनने के लिए मौजूद थी, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि शायद इस यात्रा का रिकॉर्ड भी दर्ज हो सकता है।

कई राज्यों की संस्कृति दिखी
यात्रा बिजनेस पार्क आईडीए ग्राउंड से आरंभ होकर एलआईजी चौराहा और पाटनीपुरा चौराहे तक पहुंची। इस दौरान शहर के विभिन्न हिस्सों में यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। यात्रा में शामिल लोग पारंपरिक परिधान और देशभक्ति की भावना में लीन दिखे। पारंपरिक भारतीय पोशाकों में सजे हुए श्रद्धालुओं ने यात्रा को एक रंग-बिरंगी छटा प्रदान की। इसके साथ ही, आदिवासी परिधान में मौजूद लोगों ने आदिवासी नृत्य प्रस्तुत किया, जिससे यात्रा में सांस्कृतिक विविधता भी झलकी। रथयात्रा में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए, जिन्होंने इस धार्मिक आयोजन में अपना योगदान दिया और यात्रा के उल्लास को बढ़ाया।

यहां से गुजरेगी रथ यात्रा
एलआईजी चौराहा, पाटनीपुरा चौराहा, भमोरी चौराहा, रसोमा चौराहे होते हुए पुन: दोपहर 12 बजे तक कार्यक्रम स्थल पहुंचेगी। यहां समापन होगा।

मालवा में पहली बार इतना भव्य आयोजन
राहुल जैन, जो धर्म प्रभावना समिति के प्रचार प्रमुख हैं, ने बताया कि यह 108 सिद्ध चक्र महामंडल विधान, जो संभवतः पहली बार मालवा की धरती पर हो रहा है, मुनि श्री 108 प्रमाण सागर जी महाराज के सानिध्य में संपन्न हो रहा है। इस यात्रा में कुछ रथ ऐसे भी शामिल हैं जो विश्व में कहीं और देखने को नहीं मिलते, केवल भारत में ही पाए जाते हैं। महोत्सव अध्यक्ष नवीन गोधा ने बताया कि यह रथयात्रा 4 से 4.50 किमी लंबी रहेगी और हर रथ की अपनी एक विशेष महिमा है। परंपरागत रूप से महावीर जयंती पर रथ यात्रा निकाली जाती है, लेकिन इस बार गुरु प्रमाण सागर जी के सानिध्य में सभी विशेष रथों को इंदौर बुलवाया गया है।

एक महीने तक की तैयारियां
धर्म प्रभावना समिति के उपाध्यक्ष प्रदीप कुमार जैन के अनुसार, मुनि महाराज की आज्ञा पर दिगंबर जैन समाज के सभी प्रसिद्ध रथों को एकत्र करने का कार्य किया गया है। इन रथों को इंदौर में एकत्र करने के लिए एक महीने पूर्व से ही तैयारियां शुरू कर दी गई थीं। नेमीनगर बंडा से सर्वाधिक 30 रथ शामिल हुए हैं। इसके अतिरिक्त अन्य शहरों और जिलों के भी रथ यात्रा का हिस्सा बने हैं। इस यात्रा में भारत के 28 राज्यों से आए जैन धर्मावलंबी शामिल होकर इस धार्मिक आयोजन के साक्षी बनेंगे।

देशभर से आए भक्त
रथों के विशेष महत्व और धार्मिक महत्ता ने इस आयोजन को बेहद खास बना दिया है। मुनि श्री प्रमाण सागर जी के सानिध्य में पहली बार इंदौर में आयोजित इस रथ यात्रा का जैन समाज के लोगों में विशेष आकर्षण है। रथों की सजावट, धार्मिक माहौल, और भक्तों का उत्साह इस ऐतिहासिक यात्रा को देखने के लिए शहर और देश भर से हजारों लोगों को खींच लाया है।

 

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