अलवर.
एनसीआर रीजन में ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) 3 लागू होने के बाद अलवर पर भी इसका भारी असर पड़ा है। अलवर में विभिन्न विभागों में चल रहे करीब 97 करोड़ के निर्माण कार्य एकाएक रुक गए। वहीं 40 स्टोन क्रशर भी नहीं चले। अब इन्हें खुलने का इंतजार है। ग्रेप 3 में सभी तरह के स्टोन क्रशर, खनन और निर्माण संबंधित गतिविधियां बन्द है।
विभागों ने आदेशों की पालना के लिए निरीक्षण भी किया। खनिज अभियन्ता मनोज शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को करीब दस खानों की जांच की गई थी। इनमें से सभी लगभग बन्द मिली। जो बन्द नहीं थी, उनको बन्द कराया गया। पूरे अलवर में करीब 150 खाने है और आगामी आदेश तक इनको बन्द रखने के लिए कह दिया गया है। वहीं नगर निगम, यूआईटी और रीको ने सड़क किनारे मिट्टी उड़ने से रोकने के लिए वाटर गन से पानी का छिड़काव भी कराया। ग्रेप 3 में अस्पतालों और स्वच्छता संबंधी गतिविधियां चलती रहेंगी। इसमें जेल चौराहे पर बन रहे मेडिकल कॉलेज का काम जारी रहेगा। इस पर 192 करोड़ की लागत आएगी। इसके अलावा जिला अस्पताल में 36 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे सीसीयू और 100 बेड के वार्ड का काम चलता रहेगा। ग्रेप 3 के आदेश जारी होने के बाद यूआईटी के 50 करोड़ रुपये के काम रुक गए है। इनमें अरावली विहार में डामरीकरण और 160 फिट रॉड का काम, अम्बेडकर नगर में डामरीकरण का काम, शांति कुंज की सड़क की चौड़ाई सहित करीब तीन दर्जन से अधिक काम शामिल है। मिनी सचिवालय के पास 40 करोड़ की लागत से बन रही कोर्ट बिल्डिंग का काम और नगर निगम द्वारा 7 करोड़ की लागत से सड़क निर्माण और रिपेयरिंग का काम बंद हो गया है। एनसीआर क्षेत्र में ग्रेप 3 के लागू होने से कुल मिलाकर मोटा नुकसान अलवर को हुआ है। पहले जिला कलेक्टर ने भी इस संबंध में कई बार जिले को चेताया था, लेकिन तब लोग कलेक्टर की चिंता को हल्के में ले रहे थे। कलेक्टर द्वारा स्व्च्छता और वायु प्रदूषण को रोकने के लिए क्लीन अलवर और अतुल्य अलवर जैसे कार्यक्रम भी शुरू किए गए।