2024 का साल भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण बदलावों और घटनाओं से भरा रहा

नई दिल्ली
2024 का साल भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण बदलावों और घटनाओं से भरा रहा। यह साल खास तौर पर लोकसभा चुनाव, विपक्षी एकजुटता, राज्यों में राजनीतिक बदलाव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के लिए चुनौतियों का साल रहा। आइए, 2024 के राजनीतिक घटनाक्रम पर एक नजर डालते हैं।

1. लोकसभा चुनाव 2024: मोदी की तीसरी बार वापसी
2024 में भारत में हुए लोकसभा चुनाव ने भारतीय राजनीति में एक बार फिर से बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता में लौटाया। बीजेपी ने अपने चुनावी प्रचार में विकास, सुरक्षा और कड़े प्रशासनिक उपायों को प्रमुख मुद्दा बनाया। नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और उनके नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तीसरी बार शानदार जीत दर्ज की, लेकिन इस बार मुकाबला पहले से कहीं कठिन था। विपक्षी गठबंधन ने बीजेपी के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़ा। इस गठबंधन में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, समाजवादी पार्टी, और अन्य क्षेत्रीय दल शामिल थे। हालांकि, बीजेपी ने बहुमत से सत्ता में वापसी की, लेकिन कुछ राज्यों में विपक्ष ने अच्छा प्रदर्शन किया। खासकर दक्षिण भारत, पश्चिम बंगाल, और उत्तर-पूर्वी राज्यों में बीजेपी को कड़ी टक्कर मिली। इसने दिखा दिया कि भारतीय राजनीति में अब क्षेत्रीय दलों की ताकत लगातार बढ़ रही है और भविष्य में ये दल राष्ट्रीय राजनीति में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

2. विपक्ष का एकजुट होना
2024 का साल विपक्ष के लिए अहम था, क्योंकि विभिन्न विपक्षी दलों ने मिलकर बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोला। 'INDIA' गठबंधन के तहत कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय दलों ने बीजेपी के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़ा। हालांकि, यह गठबंधन अपनी पूरी ताकत के साथ चुनाव में सफलता हासिल नहीं कर सका, लेकिन यह विपक्ष के लिए एक नया रास्ता दिखाने का काम किया। इस गठबंधन का मुख्य उद्देश्य बीजेपी को रोकना था, लेकिन कई राज्यों में विपक्ष के बीच आंतरिक मतभेद और नेतृत्व को लेकर समस्याएं सामने आईं। इसके बावजूद, विपक्ष का एकजुट होना यह दर्शाता है कि भविष्य में बीजेपी को चुनौती देने के लिए विपक्षी दलों को एक साथ आना होगा।

3. राज्य चुनावों में बदलाव
2024 में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए, जिनमें बीजेपी और विपक्ष दोनों के लिए बड़े बदलाव देखने को मिले। राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, और तेलंगाना में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया और बीजेपी को कड़ी टक्कर दी। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने सत्ता बरकरार रखी, जबकि मध्यप्रदेश और तेलंगाना में बीजेपी को अपनी ताकत साबित करनी पड़ी। इन चुनावों में क्षेत्रीय दलों की भूमिका भी अहम रही, जैसे कि तेलंगाना में केसीआर (कांग्रेस नेता) और बंगाल में ममता बनर्जी ने अपनी पकड़ मजबूत बनाई। इन चुनावों ने यह साबित किया कि भारतीय राजनीति में राज्य स्तर पर क्षेत्रीय दलों का प्रभाव बढ़ता जा रहा है और राष्ट्रीय राजनीति में उनका रोल भी महत्वपूर्ण हो सकता है। साथ ही, यह दिखाता है कि बीजेपी को राज्यों में अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए लगातार कड़ी मेहनत करनी होगी।

4. कृषि और किसान आंदोलनों का असर
2024 में कृषि और किसान आंदोलनों का भी बड़ा राजनीतिक प्रभाव रहा। किसान विरोधी कानूनों को लेकर 2020 में शुरू हुआ आंदोलन अब भी पूरी तरह से समाप्त नहीं हो पाया था। हालांकि, 2024 में सरकार ने किसानों के लिए कुछ राहत के कदम उठाए, लेकिन किसानों के मुद्दे और उनके अधिकारों को लेकर विवाद जारी रहा। किसानों का आंदोलन और उनके समर्थन में विपक्षी दलों ने इसे अपने राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा बनाया। इसने न सिर्फ सरकार को चुनौती दी, बल्कि यह भी साबित किया कि किसानों और ग्रामीण इलाकों के मुद्दे राजनीति में अहम बन चुके हैं।

5. राष्ट्रीय सुरक्षा: विदेश नीति की दिशा
2024 में भारतीय राजनीति में राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति भी प्रमुख मुद्दा बने। मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में कई अहम कदम उठाए, जैसे कि पाकिस्तान और चीन के साथ सीमा विवाद पर कड़े रुख अपनाना। चीन के साथ सीमा पर तनाव और पाकिस्तान से संबंध जैसे मुद्दों ने राजनीतिक माहौल को प्रभावित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कूटनीतिक तरीके से कई बार इन दोनों देशों से अपने रिश्तों को सुधारने की कोशिश की, लेकिन सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण रही। अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में भारत ने अपनी स्थिति मजबूत की और अमेरिका, रूस और यूरोपीय संघ जैसे देशों के साथ रिश्तों को और प्रगाढ़ किया। 2024 में G20 की अध्यक्षता के दौरान भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी कूटनीतिक ताकत का प्रदर्शन किया।

6. समाजवादी और क्षेत्रीय दलों की बढ़ती ताकत
2024 में एक और बड़ा बदलाव देखने को मिला, वह था क्षेत्रीय दलों और समाजवादी दलों की बढ़ती ताकत। उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस, तेलंगाना में के. चंद्रशेखर राव की टीआरएस, और उत्तर-पूर्वी राज्यों में विभिन्न क्षेत्रीय दलों ने भारतीय राजनीति में अपनी महत्वपूर्ण जगह बनाई। इन दलों ने न सिर्फ राज्य स्तर पर, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी अपनी उपस्थिति दर्ज की और अब उनका राष्ट्रीय निर्णयों पर असर होता है। इन दलों ने यह साबित किया कि राष्ट्रीय चुनावों में उनकी भूमिका और ताकत दिन-ब-दिन बढ़ रही है।

7. सवर्ण और पिछड़ा वर्ग के बीच टकराव
2024 में भारत में समाजिक न्याय और आरक्षण को लेकर भी राजनीति गरमाई। कई राज्य सरकारों ने सवर्ण और पिछड़े वर्गों के बीच आरक्षण की नीति को लेकर विवादों को जन्म दिया। बीजेपी सरकार ने सवर्णों के लिए आरक्षण बढ़ाने की योजना बनाई, वहीं विपक्ष ने इसे गरीबों के हक में न होने की आलोचना की। इन सामाजिक मुद्दों ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी राजनीतिक बहसें छेड़ीं, जिससे राजनीतिक दलों के बीच खींचतान बनी रही।

2024 भारतीय राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण साल था, जिसमें भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सत्ता बरकरार रखी, लेकिन विपक्षी दलों ने भी अपनी चुनौती पेश की। राज्य चुनावों, किसान आंदोलनों, राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक मुद्दों ने राजनीति को नया मोड़ दिया। यह साल यह दिखाता है कि भारतीय राजनीति अब केवल दो प्रमुख दलों तक सीमित नहीं रही, बल्कि क्षेत्रीय और समाजवादी दल भी राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 2024 ने यह साबित किया कि भारतीय राजनीति में भविष्य में और अधिक बदलाव और संघर्ष देखने को मिल सकता है।

 

More From Author

छात्राएं बीच में सिक्योरिटी गार्ड को कुर्सी पर बैठाकर मुन्नी बदनाम हुई गाने पर नाच रही, शिक्षा के मंदिर में फूहड़ डांस

सुबह 7 बजकर 59 मिनट पर मकर राशि में होगा सूर्यनारायण का प्रवेश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

city24x7.news founded in 2021 is India’s leading Hindi News Portal with the aim of reaching millions of Indians in India and significantly worldwide Indian Diaspora who are eager to stay in touch with India based news and stories in Hindi because of the varied contents presented in an eye pleasing design format.