नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के मामले में पंजाब सरकार को फटकार लगाई है। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि सरकार के अधिकारी और कुछ किसान नेता मीडिया में यह गलत धारणा फैला रहे हैं कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन खत्म कराने की कोशिश की जा रही है। कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा है कि वह स्पष्ट करती है कि कोर्ट ने कभी भी डल्लेवाल का अनशन खत्म कराने का निर्देश नहीं दिया। कोर्ट ने कहा कि वह सिर्फ उनकी सेहत को लेकर चिंतित है और चाहती है कि उन्हें जल्द से जल्द स्वास्थ्य सहायता दी जाए।
सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा है कि कोर्ट ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहती लेकिन ऐसा लगता है कि पंजाब सरकार के अधिकारी और कुछ किसान नेता जमीनी स्तर पर स्थिति को और जटिल बनाने के लिए मीडिया में गैरजिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं। पीठ ने कहा, “हमें डल्लेवाल के प्रति कुछ किसान नेताओं की सद्भावना को परखने की जरूरत है।” पीठ ने कहा कि चूंकि पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक इस मामले में डिजिटल माध्यम से पेश हो रहे हैं इसलिए उम्मीद है कि अदालत का संदेश निचले स्तर तक जाएगा। कोर्ट ने दोनों अधिकारियों से हलफनामा दाखिल करने को कहा जिसमें यह बताया गया हो कि 20 दिसंबर के उसके आदेश का कितना पालन किया गया है। इस आदेश में कोर्ट ने पंजाब सरकार को डल्लेवाल को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था।
वहीं पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने स्थिति को जटिल बनाने के किसी भी कोशिश से इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि डल्लेवाल को अपना अनशन खत्म किए बिना चिकित्सा सहायता लेने के लिए मनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए छह जनवरी की तारीख तय की है। कोर्ट ने डल्लेवाल की ओर से दायर एक नई याचिका पर केंद्र को नोटिस भी जारी किया है। डल्लेवाल की याचिका में केंद्र सरकार को कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने के बाद 2021 में प्रदर्शनकारी किसानों से किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP की कानूनी गारंटी समेत विभिन्न वादों को पूरा करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।