2024 में सीआईएसएफ में आत्महत्या दर घटकर 9.87 प्रति लाख रही, साल 2023 की तुलना में 40% से अधिक की गिरावट

नई दिल्ली

सीआईएसएफ में कार्यरत जवानों द्वारा विभिन्न मामलों को लेकर किए जाने वाले आत्महत्या के मामलों में 40 फीसदी से भी अधिक की कमी आई है। 2024 में बल में पांच सालों में सबसे कम 15 जवानों ने सुसाइड किया। सीआईएसएफ का दावा है कि यह कमी उनके द्वारा जवानों को खुश रखने और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए किए जा कई तरह के प्रयासों से आ पाई है। जिसका परिणाम यह सामने आ रहा है कि पिछले साल सीआईएसएफ में पांच सालों में सबसे कम सुसाइड के मामले सामने आए। जो की एनसीआरबी के 2022 में जारी नेशनल सुसाइड रेट 12.4 प्रति लाख से कम होकर 9.87 प्रति लाख रह गई है।

क्या कहते हैं आंकड़े?

सीआईएसएफ से मिले आंकड़ों पर गौर किया जाए तो पांच सालों में बल में सबसे अधिक 2022 में 26 सुसाइड सामने आए थे। जो की बल के हिसाब से 18.12 प्रति लाख रहा था। जो अब घटकर 9.87 प्रति लाख रह गया है। बल में जवानों द्वारा की गई आत्महत्या के मामलों की एम्स से स्टडी कराई गई थी। उसमें जवानों द्वारा आत्महत्या करने के मुख्य कारणों में लंबे समय तक परिवार से दूर रहते हुए अकेलापन, न्यूक्लियर फैमिली की वजह से परिवार का सपोर्ट ना मिलना, दुखी करने वाली खबरों का स्मार्ट फोन पर जल्दी से ट्रांसमिशन होना, आर्थिक स्थिति खराब होना, अपनी भावनाओं को व्यक्त ना कर पाना, एचआईवी, कैंसर और स्किन जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने जैसे बड़े कारण रहे। कई बार बल में तैनाती और कार्य से संबंधित दबाव की वजह से भी ऐसे मामले सामने आए।

 

'पांच सालों में 730 जवानों ने आत्महत्या की'

सीआईएसएफ के डीआईजी दीपक वर्मा ने बताया कि वैसे, एनएसजी और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) में पिछले पांच सालों में 730 जवानों ने आत्महत्या की। इनमें सीआईएसएफ ने अपने बल के जवानों द्वारा किसी भी सूरत में आत्महत्या के मामलों को रोकने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। जिसमें सभी यूनिट के कमांडिंग अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि वह अपने जवानों को जानें और अपने जवानों की सुनें योजना के तहत अपने जवानों से सीधे जुड़कर उनकी समस्याओं को सुने और उनका समाधान करें।

 

कैसे कम हुए सुसाइड केस?

तनाव कम करने के लिए योग में ट्रेंड किए गए 650 ट्रेनरों द्वारा हर यूनिट में योग क्लास शुरू करना। खेलकूद की प्रतियोगिताएं कराना, अगर किसी जवान को छुट्टी और काम के दबाव से संबंधित कुछ समस्या है तो उसका समाधान करने समेत उनकी पोस्टिंग से जुड़ी तमाम समस्याओं का हर संभव निपटारा करना। छुट्टियों और कार्य के दबाव प्रोजेक्ट मन के तहत जवानों से 24 घंटे सातों दिन टेली परामर्श देना। जिसमें सितंबर 2024 तक 4200 जवानों ने इसका लाभ उठाया। पोस्टिंग को लेकर जवानों को उनकी पसंद की पोस्टिंग देने वाली योजना शुरू करना।

सीआईएसएफ में आत्महत्या के मामले

 

साल आत्महत्या
2020 18
2021 21
2022 26
2023 25
2024 15

 

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