उमरिया
महिलाओं को स्वाभिमान से जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली श्रद्धेय सावित्रीबाई फुले जी का संपूर्ण व्यक्तित्व प्रेरणा का अमर स्रोत है। उन्होंने न केवल महिलाओं के लिए शिक्षा के बंद रास्ते खोले, बल्कि उन्हें आर्थिक दृष्टि से भी सक्षम बनाया और दलित व वंचितों के उत्थान का मार्ग प्रशस्त किया। माता सावित्रीबाई फूल जी की जयंती पर जिले की सक्रिय युवाओं की टोली युवा टीम उमरिया के द्वारा जमुनिहाँ में सावित्रीबाई फूल जी को नमन कर उनके आदर्शों पर चलने का लिया संकल्प।
टीम लीडर हिमांशू तिवारी ने जानकारी देते हुए कहा कि शिक्षा और समाज के उत्थान के लिए समर्पित, श्रीमती सावित्रीबाई फुले की जयंती पर कोटि-कोटि नमन करता हूँ।सामाजिक क्रांति की अखण्ड ज्योत प्रज्ज्वलित कर आपने पीढ़ियों को शिक्षा के आलोक से आलोकित किया है, इसके लिए देश आपका ऋणी है।
उनके कार्य, विचार तथा योगदान संपूर्ण समाज की अमूल्य-अक्षय निधि है।उन्होंने कहा कि उनके संघर्ष ने महिलाओं को आत्मविश्वास, स्वावलंबन और समानता की भावना से परिपूर्ण किया। उन्होंने महिलाओं को अपने अधिकारों के बारे में जागरूक किया और उन्हें स्वतंत्र निर्णय लेने की प्रेरणा दी। उन्होंने स्त्री शिक्षा के माध्यम से समाज में बदलाव की बुनियाद रखी। 1851तक सावित्री बाई फुले ने 3 स्कूल स्थापित कर लिए थे और 150 छात्रों की शिक्षिका थीं । उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर देश में 18 स्कूल खोले थे। उन्होंने और उनके पति ने दलितों और दबी हुई जाति की महिलाओं के लिए भी स्कूल खोले। फुले दम्पति ने महिलाओं को वजीफा देकर स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित किया।इस दौरान युवा हिमांशू तिवारी,खुशी सेन,वर्षा बर्मन,साक्षी रैदास,खुशबू बर्मन,अनुसूइया दहिया,सुलेखा राठौर,अनीता रौतेल,दीपिका मरकाम,संजना केवट,महक सोनी,शालिनि महोबिया,लष्मी महोबिया,अंजली सिंह,अर्पिता सोनी एवं सभी उपस्थित रहे।