वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में इस दिशा में न रखें सोना-चांदी

घर में सुख-शांति, समृद्धि और धन की देवी मां लक्ष्मी का वास हर व्यक्ति की इच्छा होती है। वास्तु शास्त्र  के अनुसार, घर में कुछ विशेष स्थानों और दिशाओं का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यह न केवल घर की ऊर्जा के संतुलन को बनाए रखता है बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि घर में सुख-समृद्धि बनी रहे। वास्तुशास्त्र के अनुसार, यदि आप अपने घर में सोने-चांदी जैसी बहुमूल्य धातुओं को रखने के स्थान और दिशा पर ध्यान नहीं देते, तो यह आपकी आर्थिक स्थिति और खुशहाली को प्रभावित कर सकता है। विशेष रूप से, कुछ दिशाओं में इन वस्तुओं का रखाव करने से मां लक्ष्मी रूठ सकती हैं और घर में धन-हानि और अशांति का माहौल बन सकता है। आइए जानते हैं कि वे कौन सी दिशाएं हैं, जहां इन बहुमूल्य वस्तुओं को रखने से बचना चाहिए।

दक्षिण-पश्चिम दिशा है सबसे खतरनाक दिशा
वास्तुशास्त्र में दक्षिण-पश्चिम दिशा को नैऋत्य कोण कहा जाता है। यह दिशा घर के केंद्र से सबसे दूर होती है और इसे वास्तु दोष का कारण माना जाता है। इस दिशा को पितृ और भूमि की दिशा कहा गया है, और यहां पर कोई भी भारी या कीमती वस्तु रखने से घर की समृद्धि और सुख-शांति में कमी हो सकती है। यदि आप सोना-चांदी जैसी कीमती वस्तुएं दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखते हैं, तो इससे घर में धन का नुकसान हो सकता है और मां लक्ष्मी का वास भी अस्थिर हो सकता है। इस दिशा में बहुमूल्य धातुएं रखने से न केवल वित्तीय समस्याएं आ सकती हैं बल्कि घर में कलह और मानसिक तनाव भी बढ़ सकता है।

दक्षिण दिशा का ध्यान रखें
दक्षिण दिशा को भी वास्तु में नकारात्मक ऊर्जा से जोड़कर देखा जाता है। इसे यमराज की दिशा माना जाता है और यहां पर किसी भी प्रकार के कीमती सामान को रखने से संपत्ति का नुकसान और आर्थ‍िक तंगी हो सकती है। यदि आप सोना-चांदी को दक्षिण दिशा में रखते हैं, तो यह धन के प्रवाह को अवरुद्ध कर सकता है और परिवार में आर्थिक संकट उत्पन्न हो सकता है।

उत्तर-पूर्व दिशा है समृद्धि का स्थान
उत्तर-पूर्व दिशा को घर का ईशान कोण माना जाता है, जो समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। यह दिशा विशेष रूप से देवी लक्ष्मी के वास का स्थान मानी जाती है। यहां पर सोना-चांदी जैसी कीमती वस्तुएं रखना शुभ नहीं माना जाता। वास्तुशास्त्र के अनुसार, उत्तर-पूर्व दिशा में अधिक भारी वस्तुएं रखने से पानी की ऊर्जा में असंतुलन पैदा हो सकता है। यदि इस दिशा में सोना-चांदी रखा जाता है, तो यह घर में मानसिक तनाव और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। उत्तर दिशा को वास्तु शास्त्र में शुभ दिशा माना जाता है। यह दिशा घर के लिए धन, समृद्धि और सुख-शांति का प्रतीक है। यहां पर सोना-चांदी को रखना वास्तु के अनुसार सही है।

दिशाओं का सही चयन क्यों महत्वपूर्ण है ?
वास्तुशास्त्र में दिशाओं के महत्व को समझना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हर दिशा से जुड़ी एक विशेष ऊर्जा होती है, जो हमारे जीवन को प्रभावित करती है। यह ऊर्जा सकारात्मक या नकारात्मक हो सकती है और घर के भीतर के वातावरण को संतुलित करने के लिए दिशाओं का सही चयन आवश्यक होता है। यदि हम किसी भी दिशा में गलत तरीके से कीमती सामान रखते हैं, तो यह उस दिशा की ऊर्जा को बाधित कर सकता है, जिससे घर में नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न होते हैं। इसके परिणामस्वरूप घर में धन की कमी, स्वास्थ्य समस्याएं और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है।

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