विद्युत कंपनियों ने चार हजार करोड़ का घाटा बता 7:30% टैरिफ बढ़ाने का रखा प्रस्ताव

जबलपुर
 मध्यप्रदेश की विद्युत (बिजली) कंपनियों ने अपने वित्तीय वर्ष 2025-26 की कुल राजस्व आवश्यकता और उनकी आय में हो रहे भारी भरकम अंतर को पूरा करने के लिए एक बार फिर से जनता के ऊपर बोझ डालने का निर्णय लिया है। जी हां मध्य प्रदेश की विद्युत कंपनियों ने आय और व्यव के भारी अंतर का उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ेगा।

फिर से जनता पर बोझ डाला जाएगा

मध्य प्रदेश की विद्युत कंपनियों की वित्त वर्ष 2025-26 की कुल राजस्व आवश्यकता की बात की जाए तो 58744 करोड रुपए है, जबकि प्रदेश की विद्युत कंपनियों आय 54637 करोड़ रुपए है। ऐसे में 4 हजार करोड़ से ज्यादा के अंतर को पूरा करने या यू कहे कि खर्च और आए में संतुलन बनाने के लिए फिर से जनता पर बोझ डाला जाएगा। रिटायर्ड अभियंता और विद्युत मामलों की जानकार राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि इस तरह से बिजली कंपनियां सीधे तौर पर जनता पर बोझ डालने की तैयारी कर रही है।

कंपनियों को होगी अतिरिक्त आय
कंपनियों द्वारा दिए गए प्रस्ताव में घरेलू, कृषि, चार्जिंग स्टेशन, रेलवे, कोयला खदान, औद्योगिक, शॉपिंग मॉल से लेकर मेट्रो, सार्वजनिक जलप्रदाय संयंत्र, सिंचाई व अन्य तमाम कार्यों के लिए ली जाने वाली बिजली की कीमत बढ़ जाएगी। घरेलू उपभोक्ताओं से ही दर वृद्धि के बाद 988 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय बिजली कम्पनियों को होगी, तो गैर घरेलू से 218 करोड़ रुपए और सार्वजनिक जल प्रदाय संयंत्रों और स्ट्रीट लाइट से 104 करोड़, निम्न दाब उद्योगों से 62, कृषि संबंधित गतिविधियों से डेढ़ हजार करोड़ रुपए की राशि प्राप्त होना है। इसी तरह कोयला खदानें, शॉपिंग मॉल और अन्य श्रेणी के उपभोक्ताओं से बढ़ी हुई दरें वसूलकर 4107 करोड़ रुपए अतिरिक्त हासिल किए जाएंगे।  घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं को अभी 151-300 यूनिट के मौजूदा टेरिफ स्लैब का लाभ मिलता है। उसे अब संशोधित कर 150 यूनिट तक ही सीमित किया जाएगा। यानी इससे अधिक बिजली जलाने वाले छोटे उपभोक्ताओं को  भी बिजली की कीमत अधिक चुकानी पड़ेगी।

झुग्गी-झोपड़ी में डीटीआर मीटर
फिलहाल झुग्गी झोपड़ी समूह के लिए डीटीआर मीटर के माध्यम से जो टैरिफ अभी है उसे तब तक जारी रखा जाएगा जब तक कि घोषित और अघोषित अवैध कॉलोनियों में विद्युतीकरण के साथ सभी उपभोक्ताओं का मीटरीकरण नहीं हो जाता। स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं के लिए सुबह 9 से 5 बजे ऑफ पीक अवधि के दौरान खपत की गई ऊर्जा के लिए सामान्य दर पर 20 फीसदी की टीओडी छूट प्रस्तावित की गई है। इसी तरह रात 10 से सुबह 6 बजे के दौरान टैरिफ की सामान्य दरों पर ही भुगतान करना पड़ेगा। हरित ऊर्जा शुल्क भी वर्ष 2025-26 के लिए दो तरह से प्रस्तावित किया गया है। पहला कार्बन चिन्ह को कम करने और दूसरा ऊर्जा के नवीकरणीय स्त्रोतों से बिजली हासिल करने वाले उपभोक्ताओं की श्रेणी में लिया जाएगा। वहीं एचवी-3 टैरिफ के तहत उच्च दाब उपभोक्ताओं को वर्तमान में लागू सभी छूट आगामी वित्त वर्ष में भी जारी रहेगी। इन याचिकाओं के खिलाफ 24 जनवरी तक आपत्तियां प्रस्तुत की जा सकेंगी।

टैरिफ में बढ़ोतरी न कर घाटे को रोका रहा

राजेंद्र अग्रवाल का मानना है कि विघुत कंपनियो ने बीते वित्त वर्ष 2023-24 का घाटा 4344 करोड बताकर उसे अगले वर्ष यानि 2025-26 में वसूलने का प्रस्ताव किया है, जो कि पूणतः गलत है। उनका यह तक दावा है कि विद्युत कंपनियां जो 4000 करोड़ से ज्यादा का घाटा बता रही है वह घाटा हुआ ही नहीं। उनका मानना है कि विद्युत कंपनियों की आई और व्यय में कहीं भी कोई अंतर नहीं है लेकिन वह पिछले साल के बीते वर्ष के घाटे को पूरा करने के लिए इस तरह से चीज कर रही है। उनका कहना है कि विद्युत वितरण कंपनियों ने चुनाव के समय जनता को लुभाने के लिए टैरिफ में बढ़ोतरी न करके उस घाटे को रोके रहा और अब जाकर 2 साल बाद जनता से उसे वसूल किया जा रहा है।

बिजली की दरों में 7.52 फीसदी का इजाफा

जानकारों का मानना है कि, आयोग को पहले वर्ष 2023-24 की सत्यापन याचिका का निराकरण करना चाहिए उसके बाद अगला कदम उठाना चाहिए। नए साल पर प्रदेश के करोडों बिजली उपभोक्ताओं को बिजली का झटका लगने वाला है। विद्युत कंपनियां प्रदेश में बिजली की दरों में 7.52 फीसदी का इजाफा करना चाहती है। जिसके लिए नियामक आयोग के समक्ष सभी विद्युत कंपनियों ने टैरिफ याचिका दायर कर दी है, जिसमें मध्य प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए तकरीबन 7.52 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है। औसतन प्रति यूनिट बड़ा झटका बिजली उपभोक्ताओं को देने की तैयारी है।

स्लैब के हिसाब से इस तरह बढ़ोतरी का प्रस्ताव
-50 यूनिट तक -वर्तमान दर 4.27/- प्रस्तावित दर 4.59/-(32 पैसे बढ़ोतरी )
51- 150 यूनिट तक– वर्तमान दर 5.23/- प्रस्तावित दर 5.62/-(39 पैसे बढ़ोतरी )
150-300 यूनिट तक– वर्तमान दर 6.61/- प्रस्तावित दर 7.11/-(50 पैसे बढ़ोतरी )
300 यूनिट से ज़्यादा– वर्तमान दर 6.80/- प्रस्तावित दर 7.11/-(31 पैसे बढ़ोतरी )
सबसे ज्यादा मध्यम वर्गीय परिवार को बिजली का झटका देने की तैयारी है।

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