जनवरी में ठंड से कांप जायेगा मध्यप्रदेश कल से फिर कड़ाके की ठंड, मावठे की बारिश भी

भोपाल

वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के असर से मध्यप्रदेश में जनवरी में तेज ठंड का दूसरा दौर अगले 48 घंटे बाद यानी कल 7 जनवरी से शुरू होगा। प्रदेश के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में रविवार से यह सिस्टम एक्टिव हुआ है, जिसका असर दो दिन बाद दिखेगा।

मौसम वैज्ञानिक वीएस यादव ने बताया- वेस्टर्न डिस्टरबेंस की एक्टिविटी से उत्तर से बर्फीली हवाएं आने लगेंगी। जिनकी रफ्तार तेज होगी। ये ठंड का असर बढ़ाएंगी। दिन-रात दोनों के तापमान में गिरावट होगी।

जनवरी में मावठे की बारिश भी हो सकती है। 10 जनवरी को वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर उत्तर-पश्चिमी भारत में देखने को मिल सकता है। प्रदेश में इससे बूंदाबांदी होने के आसार भी हैं।

उत्तर भारत, सूर्य के उत्तरायण होने पर भी सर्दी से नहीं मिलेगी राहत, वर्षा के आसार

उत्तर के पहाड़ी भागों और दक्षिण-पूर्व के समुद्र में मौसमी हलचल तेज है। जनवरी के पहले सप्ताह से उत्तर में बर्फबारी का सिलसिला शुरू हुआ है, वह आगे जारी रह सकता है। नए वर्ष के पहले दिन आए पश्चिमी विक्षोभ का असर अभी पूरी तरह निस्तेज भी नहीं हो पाया है कि दूसरे ने दस्तक दे दी है। अब तीसरा विक्षोभ भी दस जनवरी तक आने वाला है, जिसका असर 14 जनवरी से सूर्य के उत्तरायण होने के बाद भी जारी रह सकता है।

बारिश, कोहरा और ठंड में वृद्धि तय

स्पष्ट है कि महीने के तीसरे-चौथे सप्ताह में भी ठंड का तेवर ढीला नहीं होगा। इसी दौरान सात से दस जनवरी के बीच उत्तर भारत में जहां-तहां बारिश का भी अनुमान है, जिससे न्यूनतम तापमान गिरेगा। ठंड और बढ़ेगी। दरअसल एक निम्न दबाव का क्षेत्र पंजाब से सटे पाकिस्तान में बनने जा रहा है। दूसरा निम्न दबाव छत्तीसगढ़ में बना हुआ है। तीसरा बंगाल की खाड़ी और चौथा अरब सागर में बना हुआ है। ऐसे में नमी युक्त हवाएं देश के दोनों हिस्सों से आगे बढ़ेंगी और मैदानी इलाकों में संघनित होंगी। इससे बारिश, कोहरा और ठंड में वृद्धि तय है।

श्रीनगर में पिछले तीन दशक में सबसे कम तापमान दर्ज किया गया है। आठ जनवरी से शीतलहर के रूप में यह आगे बढ़ेगा और पंजाब, हरियाणा, दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश होते हुए बिहार-झारखंड तक जाएगा। इसके प्रभाव से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं तेलंगाना भी अछूता नहीं रहेगा।

बिहार-झारखंड तक घने कोहरे की चेतावनी जारी की

पहाड़ों पर भारी बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में बारिश से ठंड अत्यधिक प्रचंड हो सकती है। भारत मौसम विभाग (आइएमडी) ने जम्मू-कश्मीर में 24 घंटे के दौरान भारी वर्षा और पंजाब, दिल्ली, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश से बिहार-झारखंड तक घने कोहरे की चेतावनी जारी की है। इस महीने का दूसरा पश्चिमी विक्षोभ की स्थिति अभी अफगानिस्तान में है।

उत्तर में पहाड़ों पर भारी बर्फबारी होगी

यह चक्रवात के रूप में आगे बढ़ रहा है। दस जनवरी से तीसरा पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय होने जा रहा है, जिसका असर अगले एक हफ्ते तक देखा जा सकता है।निजी एजेंसी स्काइमेट का मानना है कि छह-सात जनवरी के दौरान उत्तर में पहाड़ों पर भारी बर्फबारी होगी। इसी दौरान उत्तर भारत के राज्यों में भी जहां-तहां बारिश हो सकती है। उसके बाद 13 एवं 14 जनवरी को फिर से बर्फबारी के आसार हैं। इसी के आसपास राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा एवं पश्चिम उत्तर प्रदेश से लेकर मध्य प्रदेश के उत्तरी भागों तक बारिश दिखाई देगी।

सामान्य तौर पर नवंबर के अंतिम सप्ताह से सर्दी की शुरुआत मानी जाती है और जनवरी में इसका अंत होता है, लेकिन पिछले पांच-सात वर्ष से सर्दी के पैटर्न में परिवर्तन दिख रहा है। देर से शुरू होकर देर तक रह रही है। अगर पश्चिमी विक्षोभ की संख्या बढ़ती है तो सर्दी फरवरी तक खिंच सकती है।

दिल्ली में कड़ाके की ठंड से राहत नहीं

दिल्ली में कड़ाके की ठंड के बाद पिछले 24 घंटों के दौरान न्यूनतम तापमान में मामूली वृद्धि और अधिकतम तापमान में पांच डिग्री तक वृद्धि हुई है। कोहरे से थोड़ी राहत मिली है। पश्चिम से हवाएं छह किमी प्रति घंटे की गति से चल रही हैं। रफ्तार थोड़ी धीमी है, लेकिन छह-सात जनवरी से फिर से उत्तर से ठंडी हवा चलनी शुरू हो जाएगी।

 

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