मिलनाडु सरकार ने चक्रवात फेंगल को आधिकारिक तौर पर गंभीर प्राकृतिक आपदा घोषित कर दिया

चेन्नई
मिलनाडु सरकार ने चक्रवात फेंगल को आधिकारिक तौर पर गंभीर प्राकृतिक आपदा घोषित कर दिया है। राज्य सरकार ने चक्रवात के कारण जान गंवाने वालों के परिवारों को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। सबसे अधिक प्रभावित जिलों विल्लुपुरम, कल्लाकुरिची और कुड्डालोर के निवासियों को तत्काल वित्तीय सहायता के रूप में 2,000-2,000 रुपये मिलेंगे। इसके अतिरिक्त राज्य ने चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में राहत, पुनर्वास और बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए केंद्र सरकार से 6,000 करोड़ रुपये से अधिक के वित्तीय पैकेज का अनुरोध किया है। तमिलनाडु सरकार द्वारा घोषित राहत उपायों में विल्लुपुरम, कल्लाकुरिची और कुड्डालोर जिलों में उन राशन कार्ड धारकों के लिए 2,000 रुपये की वित्तीय सहायता शामिल है, जिनकी आजीविका बाधित हो गई है।

फसल क्षतिपूर्ति में 33 प्रतिशत या उससे अधिक क्षतिग्रस्त सिंचित फसलों (धान सहित) के लिए 17,000 रुपये प्रति हेक्टेयर, 33 प्रतिशत से अधिक क्षतिग्रस्त बारहमासी फसलों और पेड़ों के लिए 22,500 रुपये प्रति हेक्टेयर तथा 33 प्रतिशत या उससे अधिक क्षतिग्रस्त वर्षा आधारित फसलों के लिए 8,500 रुपये प्रति हेक्टेयर का मुआवजा शामिल है। राज्य सरकार ने प्रत्येक भैंस या गाय के नुकसान के लिए 37,500 रुपये, प्रत्येक बकरी या भेड़ के नुकसान के लिए 4,000 रुपये तथा प्रत्येक मुर्गी के नुकसान के लिए 100 रुपये का मुआवजा निर्धारित किया है। बाढ़ से क्षतिग्रस्त मिट्टी की झोपड़ियों के लिए मुआवजे के रूप में 10,000 रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में चक्रवात से हुई व्यापक तबाही पर प्रकाश डाला, इसके परिणामस्वरूप पूरे राज्य में मूसलाधार बारिश और तेज हवाएं चलीं। उल्लेखनीय है कि चक्रवात फेंगल के बाद हुई बारिश में 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 2,11,139 हेक्टेयर कृषि और बागवानी भूमि जलमग्न हो गई।

चक्रवात ने 1,649 किलोमीटर लंबे विद्युत कंडक्टर, 23,664 बिजली के खंभे और 997 ट्रांसफार्मर नष्ट कर दिए। इसके अलावा 9,576 किलोमीटर लंबी सड़कें, 1,847 पुलिया और 417 टैंक भी क्षतिग्रस्त हो गए। विल्लुपुरम, तिरुवन्नामलाई और कल्लाकुरिची जिलों में एक ही दिन में 50 सेमी से अधिक वर्षा हुई, जो पूरे मौसम के औसत के बराबर है, जिसके कारण भयंकर बाढ़ आ गई। चक्रवात से 69 लाख परिवार प्रभावित हुए तथा 1.5 करोड़ व्यक्ति विस्थापित हुए। राज्य सरकार के प्रारंभिक आकलन के अनुसार अस्थायी बहाली प्रयासों के लिए 2,475 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री स्टालिन ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से 2,000 करोड़ रुपये की अंतरिम राहत और केंद्रीय मूल्यांकन टीम के निष्कर्षों के आधार पर अतिरिक्त वित्तीय सहायता की मांग की है।

 

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