नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग ही निशाने पर लिया था। उनका कहना था कि नई दिल्ली विधानसभा सीट समेत कई स्थानों पर वोटर लिस्ट से नाम काटे गए हैं। खासतौर पर उन लोगों और इलाकों से वोट काटे गए हैं, जिनके बारे में माना जा रहा है कि वे आम आदमी पार्टी के समर्थक हो सकते हैं। इसकी शिकायत भी उन्होंने आयोग से की थी, जिसका आज इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार ने जवाब दिया। दिल्ली के चुनाव का शेड्यूल जारी करने के दौरान उन्होंने आम आदमी पार्टी के आरोप का सिलसिलेवार ढंग से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भ्रम पैदा किया जा रहा है, जबकि वोटर लिस्ट से किसी का नाम मनमाने ढंग से हटाया ही नहीं जा सकता।
राजीव कुमार ने कहा कि 2020 से 30 राज्यों में चुनाव हुए हैं और 15 राज्यों में अलग-अलग दल बहुमत पाकर सत्ता में आए हैं। इससे स्पष्ट है कि पूरी प्रक्रिया कितनी पारदर्शी है। राजीव कुमार ने कहा कि वोटर लिस्ट से नाम हटाने और जोड़ने की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है। यहां तक कि हम सभी राजनीतिक दलों को अधिकार देते हैं कि वह अपने स्तर पर बीएलओ की नियुक्ति करें। हर साल अक्टूबर में ड्राफ्ट रोल तैयार किया जाता है और नए लोगों को जोड़ा जाता है। उन लोगों को हटाया जाता है, जो शिफ्ट हो गए हैं या मृत्यु हो गई हो।
बिना डेथ सर्टिफिकेट के नहीं कटता मृतक का नाम
सभी राजनीतिक दलों को लिस्ट की दो कॉपी दी जाती हैं। इसके अलावा हर मामले में व्यक्तिगत सुनवाई की जाती है। जिस वोटर का नाम डिलीट करने का आवेदन आता है, उसके परिजन से या उससे संपर्क किया जाता है। मृत्यु की दशा में डेथ सर्टिफिकेट लगने पर ही लिस्ट से नाम हटता है।
ईवीएम को लेकर भी राजीव कुमार ने दूर किए भ्रम
यही नहीं उन्होंने ईवीएम को लेकर भी एक बार फिर भ्रम दूर किए। उन्होंने कहा कि ईवीएम पोलिंग बूथ पर आने से लेकर स्ट्रॉन्ग रूम में जाने तक राजनीतिक दलों के एजेंट को प्रक्रिया में शामिल किया जाता है। उन्हें मतों तक की जानकारी दी जाती है कि किस मशीन में कितने वोट पड़े हैं।