एक जिला-एक औषधीय उत्पाद” की शुरुआत चयनित 5 जिलों से करें: आयुष मंत्री परमार

"धरती आबा अभियान" अंतर्गत पोषण वाटिका एवं औषधीय उद्यान (हर्बल गार्डन) विकसित करने की बनाएं कार्य योजना
आयुष मंत्री की अध्यक्षता में मप्र राज्य औषधीय पादप बोर्ड की बैठक हुई

भोपाल
उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने देवारण्य योजना 2.0 के अंतर्गत "एक जिला-एक औषधीय उत्पाद" योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रथम चरण में प्रदेश के 5 जिलों का चयन कर, समग्र कार्य योजना बनाकर आवश्यक क्रियान्वयन के निर्देश दिए। मंत्री श्री परमार मंत्रालय में म.प्र. राज्य औषधीय पादप बोर्ड के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।

मंत्री श्री परमार ने बोर्ड के कार्यों की प्रगति एवं आगामी कार्य योजना की गहन समीक्षा कर, विभिन्न बिंदुओं पर व्यापक चर्चा की। उन्होंने प्रदेश का औषधीय मैप तैयार करने एवं अन्य फसलों की तरह समस्त औषधीय फसलों को फसल गिरदावरी में सम्मिलित कराने के लिए व्यापक कार्य योजना तैयार कर क्रियान्वयन करने को भी कहा। मंत्री श्री परमार ने औषधीय पौधों की एम.एस.पी. के निर्धारण के लिए वन विभाग, मनरेगा, कृषि एवं उद्यानिकी विभाग तैयार कर समन्वय कर व्यापक कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए।

मंत्री श्री परमार ने "धरती आबा अभियान" में पोषण वाटिका एवं रेसिडेंशियल स्कूलों में भी औषधीय उद्यान के विकास के लिए आवश्यक कार्यवाही करने को कहा। उन्होंने आयुष विभाग अंतर्गत संचालित महाविद्यालयों में औषधीय उद्यान (हर्बल गार्डन) विकसित करने को भी कहा। बैठक में अपर मुख्य सचिव वन श्री अशोक बर्णवाल, प्रमुख सचिव आयुष श्री डी.पी. आहूजा, आयुक्त आयुष श्रीमति उमा आर. माहेश्वरी और अपर सचिव आयुष एवं बोर्ड के सीईओ श्री संजय कुमार मिश्र सहित विभिन्न अधिकारीगण उपस्थित थे।

 

More From Author

आयुष महाविद्यालयों के अकादमिक कैलेंडर का दृढ़ता से करें पालन : आयुष मंत्री परमार

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को एफआरयू बनाने के लिये आवश्यक व्यवस्थाएं करें: उप मुख्यमंत्री शुक्ल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

city24x7.news founded in 2021 is India’s leading Hindi News Portal with the aim of reaching millions of Indians in India and significantly worldwide Indian Diaspora who are eager to stay in touch with India based news and stories in Hindi because of the varied contents presented in an eye pleasing design format.