जयपुर
कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने कहा कि भजनलाल सरकार ने एक साल में जितने निर्णय लिए हैं उनसे जनता में आक्रोश है। सरकार ने जितने भी जिले निरस्त किए हैं उनसे वहां की जनता में आक्रोश है हम सदन में इसका जवाब मांगेंगे। जो इंग्लिश मीडियम स्कूल हम खुल चुके हैं उनको यह बंद करने में लगे हुए हैं इन्हें और स्कूल खोलने चाहिए थे। सरकार को सदन में इन स्कूलों को बंद करने के मुद्दे पर जवाब देना पड़ेगा। अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए पायलट ने कहा कि विधानसभा में हम इन सभी ज्वलंत मुद्दों पर सरकार को कटघरे में खड़ा कर जवाब मांगेंगे। हम चाहते हैं कि सदन चले और जनता से जुड़े सभी मुद्दों पर सरकार जवाब दे। सरकार ने साल भर में कोई काम नहीं किया। केवल घोषणाएं और कुछ इवेंट किए हैं।
प्रदेश में कानून व्यवस्था बदहाल हो गई है। एक साल के शासन में भाजपा सरकार के प्रति जनता में अविश्वास पैदा हुआ है। एसआई भर्ती परीक्षा रद्द करने के मुद्दे पर पायलट ने कहा कि सरकार इस मामले में भ्रमित है। मंत्री रहते हैं भर्ती निरस्त करेंगे और सरकार कहती है भर्ती निरस्त नहीं करेंगे। एक स्पष्ट नीति होनी चाहिए और एक स्पष्ट निर्णय होना चाहिए, इस मुद्दे को लटकते हुए कई महीने गुजर गए। अनिश्चितता और अनिर्णय की स्थिति बनी हुई है। पता ही नहीं चल रहा कि सरकार चाहती क्या है। मंत्री कुछ बोलता है और जनता कुछ बोलती है, यह तो मजाक बना हुआ है। इन्होंने अपने वादों में चार लाख रोजगार देने की बात कही लेकिन ऐसा हुआ नहीं। यह सरकार का फेलियर है। सरकार की जिम्मेदारी होती है कि चुनावी समय में किए वादों को पूरा करके दिखाएं। दिल्ली से आए पर्चियां के भरोसे सरकार में काम हो रहे हैं। ब्यूरोक्रेसी हावी है। राजस्थान में गवर्नेंस भगवान भरोसे चल रही है।
मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए पायलट ने कहा कि यह सरकार हर काम को लंबित करने में लगी रहती है वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे पर बात करें या फिर और किसी मुद्दे पर मोदी सरकार हमेशा कामों को लटकाने में यकीन रखती है। भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी की प्रियंका गांधी के ऊपर की गई टिप्पणी पर कहां की राजनीति में नैतिकता का स्तर गिरा हुआ है किसी भी भाजपा नेता ने विधूड़ी के बयान का ना ही खंडन किया और ना ही उनके बयान से पीछे हटे। राजनीति में शब्दों की मर्यादा और नैतिकता होनी चाहिए।