शिमला
हिमाचल प्रदेश में सर्दी का प्रकोप चरम पर है। पर्वतीय क्षेत्रों में शनिवार को घनघोर बादलों का डेरा है जबकि मैदानी क्षेत्रों में कोहरे ने आम जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। शिमला, मनाली सहित अन्य पहाड़ी इलाकों में घने बादलों के बीच ठंड का असर बढ़ गया है। वहीं कांगड़ा, बिलासपुर और ऊना जैसे मैदानी इलाकों में कोहरे की वजह से सुबह की दृश्यता मात्र 50 मीटर तक सिमट गई है। देहरा गोपीपुर, सुंदरनगर, मंडी और हमीरपुर में भी कोहरा लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गया है। कोहरे के कारण वाहन चालकों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और स्थानीय निवासियों को भी अपने दैनिक कार्यों में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। कोहरे और ठंड के चलते यातायात धीमा हो गया है।
दो दिन होगी बारिश और बर्फबारी, 16 जनवरी से फिर बिगड़ेगा मौसम
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने शनिवार को जारी पुर्वानुमान में कहा है कि राज्य के पर्वतीय इलाकों में आज और कल (शनिवार और रविवार) बारिश और बर्फबारी हो सकती है। हालांकि 13 से 15 जनवरी तक मौसम साफ रहेगा, लेकिन इस दौरान मैदानी और निचले पहाड़ी क्षेत्रों में घने कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया गया है। विज्ञान केंद्र के अनुसार 16 जनवरी से एक बार फिर मौसम बिगड़ सकता है। 16 और 17 जनवरी को पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश और बर्फबारी की संभावना है। इससे ठंड का प्रकोप और अधिक बढ़ने की आशंका है।
इस सर्दी में चार बार हिमपात, माइनस में पहुंचा पारा
हिमाचल प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में इस सर्दी के मौसम में अब तक चार बार हिमपात हो चुका है। मनाली सहित प्रदेश के चार शहरों का पारा शनिवार को माइनस में दर्ज किया गया है। लाहौल-स्पीति का ताबो -10.2 डिग्री सेल्सियस के साथ राज्य का सबसे ठंडा स्थान बना हुआ है। इसके अलावा समधो में न्यूनतम तापमान -5.9 डिग्री, कुकुमसेरी में न्यूनतम तापमान -4.9 डिग्री, मनाली में -0.9 डिग्री, कल्पा में 0.2 डिग्री, पालमपुर में 2 डिग्री, रिकांगपिओ में 2.6 डिग्री, कसौली में 5.4 डिग्री, डल्हौजी में 4 डिग्री, ऊना में 4.4 डिग्री, धर्मशाला में 4.5 डिग्री, सुंदरनगर में 4.6 डिग्री, मंडी में 5.2 डिग्री और शिमला में 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटों में राज्य के औसत न्यूनतम तापमान में 1.3 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि ठंड का प्रभाव अभी भी व्यापक रूप से महसूस किया जा रहा है।