जयपुर।
राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने कहा है कि वहीं शिक्षा सार्थक है जो विद्यार्थी की शारीरिक, बौद्धिक तथा भावात्मक शक्तियों का विकास करे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को रोजगार योग्य बनाने की बजाय रोजगार देने वाले राष्ट्र निर्माता बनाए। उन्होंने स्वामी विवेकानन्द को स्मरण करते हुए उनके आदर्श अपनाने का आह्वान किया।
बागडे रविवार को विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों में डिग्रियां और पदक प्रदान किए और नई शिक्षा नीति के आलोक में विश्वविद्यालयों को ऐसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का निर्माण करने पर जोर दिया जिनसे विद्यार्थी अध्ययन के समय ही अपनी रूचि के व्यावसायिक कौशल में दक्ष हो सके। राज्यपाल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने शिक्षा को सदैव "मनुष्य निर्माण" और "मनुष्य के चरित्र निर्माण" का माध्यम माना। उनका विश्वास था कि शिक्षा का उद्देश्य केवल जानकारी प्रदान करना नहीं, बल्कि व्यक्तित्व का समग्र विकास करना है। उन्होंने विश्वविद्यालयों में अच्छे संस्कार और चरित्र निर्माण के लिए कार्य किए जाने पर जोर दिया। आरंभ में विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन डा. ललित के पंवार और वाइस चेयरपर्सन डा. के. आर बगड़िया ने विश्वविद्यालय के अंतर्गत किए जा रहे शैक्षिक कार्यों और नई शिक्षा नीति के अंतर्गत नवाचारों के बारे में जानकारी दी।