सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. कहीं मकर संक्रांति, खिचड़ी तो कई उत्तरायण देश भर में इस पर्व को अलग-अलग नामों से जाना जाता है. वहीं इस पर्व को मनाने का तरीका भी अलग होता है. मकर संक्रांति पर स्नान दान का विशेष महत्व होता है. वहीं इस दिन खास विधि से पूजा करने पर व्यक्ति को सभी कार्यों में सफलता मिलती है.
मकर संक्रांति 2025 स्नान दान शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन स्नान-दान के लिए पुण्य काल समय सुबह 9 बजकर 3 मिनट से शाम 05:46 बजे तक रहने वाला है. इस शुभ मुहूर्त में स्नान और दान करने से शुभ फलदायी होता हैं. इस पुण्य काल की अवधि 8 घंटे 42 मिनट रहने वाली है. इसके अलावा मकर संक्रांति महा पुण्य काल की शुरुआत सुबह 9 बजकर 3 मिनट पर होगी. वहीं समापन 10 बजकर 48 मिनट पर होगा. इस पुण्य काल की अवधि 1 घंटा 45 मिनट रहने वाली है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इन दोनों ही अवधि में गंगा स्नान और दान करना पुण्य फलदायी होगा.
मकर संक्रांति पूजा विधि
मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव और भगवान विष्णु का ध्यान करें. उसके बाद की पूजा करने के लिए सुबह पवित्र नदी या नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें. फिर एक तांबे के लोटे में अक्षत और फूल डालकर भगवान सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें. इस दौरान ऊँ सूर्याय नम: ऊँ खगाय नम:, ऊँ भास्कराय नम:, ऊँ रवये नम:, ऊँ भानवे नम:, ऊँ आदित्याय नम: मंत्र का जाप करें. इसके बाद सूर्य स्तुति का पाठ करें.
करें इन चीजों का दान
मकर संक्रांति के दिन स्नान और सूर्यदेव की पूजा करने के साथ ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को दान देना शुभ माना जाता है. इस दिन काले तिल का दान करना अच्छा होता है. मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति पर सूर्य देव के साथ शनि देव की कृपा भी होती है. वहीं इस दिन गरीब लोगों में गर्म वस्त्र दान करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख समृद्धि आती है.