अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान में हुआ पीएचडी कॉलोक्वियम

भोपाल.
अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान भोपाल द्वारा पीएचडी स्कॉलर्स के लिये तृतीय पीएचडी कॉलोक्वियम (Colloquium) का आयोजन किया गया। इसमें आईआईटी, आईआईएम के साथ 20 से अधिक विश्वविद्यालय के 60 से अधिक पीएचडी स्कॉलर्स ने सहभागिता की। इनमें प्रदेश, देश एवं विदेश- नेपाल तथा नाईजीरिया के स्कॉलर्स भी शामिल थे।

संस्थान के संचालक श्री राजेश गुप्ता ने कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा बताई। बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर सुरेश कुमार जैन ने पीएचडी करने और शोध में अंतर बताने के साथ यह भी कहा कि आपकी पीएचडी की मार्केट वैल्यू होना चाहिए। जब तक आप अपनी रिसर्च में डूब नहीं जाते तब तक कुछ अच्छा नहीं निकलेगा। जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी के प्रोचांसलर प्रो. पी. के. विश्वास ने बताया कि हमारी रिसर्च समाज के लिए क्या अच्छा करेगी यह महत्वपूर्ण है। हमारे देश में गुणवत्ता पूर्ण शोध की बहुत कमी है। उन्होंने संस्थान द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को एक अच्छी पहल बताया।

उद्घाटन सत्र के अंत में संस्थान की प्रमुख सलाहकार डॉ. इंद्राणी बरपुजारी ने नीति विश्लेषण के विभिन्न पहलुओं के बारे में स्कॉलर्स को प्रस्तुतिकरण के माध्यम से समझाया। द्वितीय सत्र में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के फेलो डॉ. शशि रत्नाकर सिंह ऑनलाइन जुड़कर स्कॉलर्स से चर्चा की। इसके पश्चात 7 अलग-अलग थीम जैसे ट्राइब्स, नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट, अर्बन, कृषि, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य (आयुष), बायोडायवर्सिटी एवं ट्रेड पर पीएचडी स्कॉलर्स द्वारा अलग-अलग विषय विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त किया। संस्थान की सलाहकार डॉ. स्वाति चौहान ने समेकित प्रस्तुतिकरण दिया। कार्यक्रम के अंत में प्रो. प्रमोद वर्मा, कुलगुरु महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय द्वारा स्कॉलर्स को प्रमाण-पत्र वितरित किये गए।

More From Author

बदायूं में परेड की रिहर्सल में महिला सिपाहियों में चले लात-घूंसे

सहयोग और साझेदारी के साथ मिलेगा क्षेत्रीय उद्योगों को बढ़ावा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

city24x7.news founded in 2021 is India’s leading Hindi News Portal with the aim of reaching millions of Indians in India and significantly worldwide Indian Diaspora who are eager to stay in touch with India based news and stories in Hindi because of the varied contents presented in an eye pleasing design format.