भोपाल
ग्वालियर के एक कॉलेज के EOW द्वारा बड़े फर्जीवाडे के खुलासे के बाद राज्य सरकार ने प्रदेश के 750 निजी कॉलेज की जांच करने के आदेश दिए हैं। राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुपम राजन ने इस संबंध में प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को जांच करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में ACS ने कलेक्टरों से कहा है कि वह राजस्व टीम से कॉलेज का भौतिक सत्यापन कर दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट भेजें।
माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के बाद उन कॉलेजों का भी फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है जो सिर्फ कागजों पर मौजूद है। जानकारों का तो यह भी कहना है कि हो सकता है कि यह फर्जीवाड़ा नर्सिंग कॉलेज के घोटाले की तरह और भी बड़ा सामने आ सकता है।
मौके पर बिल्डिंग नहीं, फिर भी चल रहा था कॉलेज बता दें कि सोमवार को आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने मुरैना के झुंडपुरा में फर्जी शिवशक्ति कॉलेज के संचालन के मामले में 17 लोगों पर एफआईआर दर्ज की थी। इसमें जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी, राजस्थान के बांसवाड़ा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. केएस ठाकुर सहित 17 प्रोफेसर थे। मौके पर शिवशक्ति कॉलेज का कोई अस्तित्व नहीं था।
इसके बावजूद प्रोफेसर फर्जी कॉलेज का निरीक्षण कर इसे हर साल संबद्धता दी जा रही थी। मंगलवार को एसीएस ने जीवाजी यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ. अरुण सिंह चौहान से झुंडपुरा कॉलेज से जुड़ी जानकारी मांगी। उन्होंने पूछा कि आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) में दो पूर्व कुलपति और 17 प्रोफेसरों के खिलाफ दर्ज मामलों की असल सच्चाई क्या है?
बता दे कि सोमवार को आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने मुरैना के झुंडपुरा में फर्जी शिवशक्ति कॉलेज के संचालन के मामले में दो कुलपतियों सहित 17 प्रोफेसर पर एफआईआर दर्ज कराई है। जिन दो कुलपतियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है वह हैं- जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अविनाश तिवारी और राजस्थान में बांसवाड़ा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर केएस ठाकुर.