गुजरात में बुलेट ट्रेन के कॉरिडोर पर इलेक्ट्रीफिकेशन का काम भी शुरू, कॉरिडोर पर दो स्टील मास्ट कॉरीडोर पर लगाए गए

अहमदाबाद
 गुजरात में देश की पहली बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। ताजा अपडेट में मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के लिए विद्युतीकरण (इलेक्ट्रिफिकेशन) का काम शुरू हो गया है। जिसके तहत गुजरात में सूरत-बिलिमोरा बुलेट ट्रेन स्टेशनों के बीच जमीन से 14 मीटर की ऊंचाई पर वायाडक्ट पर पहले दो स्टील मास्ट स्थापित किए गए हैं। कुल मिलाकर कॉरिडोर पर 9.5 से 14.5 मीटर की ऊंचाई वाले 20,000 से ज़्यादा मास्ट लगाए जाएंगे। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर इस बारे में पोस्ट करके खुशी जताई है।

मेक इन इंडिया को बढ़ावा
बुलेट ट्रेन के कॉरीडोर पर लगाए गए ये मास्ट ओवरहेड उपकरण (OHE) प्रणाली का सपोर्ट करेंगे। जिसमें ओवरहेड तार, अर्थिंग सिस्टम, फिटिंग और संबंधित सहायक उपकरण शामिल हैं। जो बुलेट ट्रेन चलाने के लिए उपयुक्त एमएएचएसआर कॉरिडोर के लिए पूर्ण 2×25 केवी ओवरहेड ट्रैक्शन सिस्टम का निर्माण करेंगे। मेक इन इंडिया नीति को बढ़ावा देते हुए, जापानी मानक डिजाइन और विशिष्टताओं के अनुरूप ये ओएचई मास्ट भारत में निर्मित किए गए हैं और हाई-स्पीड ट्रेनों के लिए ओवरहेड ट्रैक्शन को सपोर्ट करेंगे।

कहां पर होगा बुलेट ट्रेन का ट्रायल?
बुलेट ट्रेन का ट्रायल सूरत-बिलिमोरा के बीच होने की उम्मीद है। कॉरीडोर के इलेक्ट्रीफिकेशन वर्क के स्टार्ट होने से इसका इशारा मिल गया है। बुलेट ट्रेन कॉरीडोर पर इलेक्ट्रीफिकेशन वर्क शुरू होने की जानकारी नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने साझा की है। गुजरात में बुलेट ट्रेन का ट्रायल 2026 में शुरू होने की उम्मीद की जा रही है। मुंबई से अहमदाबाद के बुलेट ट्रेन कॉरीडोर की कुल लंबाई 508 किलोमीटर है। इस रूट पर कुल 12 स्टेशन हैं। इनमे आठ गुजरात और चार महाराष्ट्र में हैं। गुजरात में साबरमती, अहमदाबाद, आणंद, वडोदरा, सूरत और बिलिमोरा स्टेशन हैं। सूरत और बिलिमोरा बीच के कॉरीडोर की लंबाई 50 किलोमीटर है। इस हिस्से का काम सर्वाधित उन्नत अवस्था में है। ऐसे में बुलेट ट्रेन का ट्रायल इसी सेक्शन में होने की उम्मीद है।

गुजरात में बन रहा है बुलेट ट्रेन के लिए स्टेशन

देश की पहली बुलेट ट्रेन को लेकर रेलवे दिन-रात एक किए हुए है. रेल मंत्रालय ने हाल ही में गुजरात के आनंद में बन रहे बुलेट ट्रेन स्टेशन का वीडियो शेयर किया है, जिसमें स्टेशन के अंदरूनी और बाहरी हिस्सों की झलक दिखाई गई है. इस वीडियो को शेयर करते हुए मंत्रालय ने कैप्शन लिखा है, "आधुनिक रेल इंफ्रास्ट्रक्चर और तेज गति का यह संगम अनवरत प्रगति की ओर बढ़ रहा है."

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर को लेकर नवंबर 2021 में काम शुरू हुआ था और तब से इस प्रोजेक्ट पर लगातार काम जारी है. इस रूट पर पहला 50 किलोमीटर का खंड – बिलिमोरा से सूरत तक – अगस्त 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है.

यह कॉरिडोर कुल 508 किलोमीटर लंबा होगा और इसमें 10 प्रमुख स्टेशन शामिल होंगे, जिनमें मुंबई, ठाणे, विरार, बोइसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद और अहमदाबाद शामिल हैं.

मुंबई से अहमदाबाद की यात्रा सिर्फ 2 घंटे में

यह बुलेट ट्रेन अधिकतम 320 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी, जिससे मुंबई से अहमदाबाद की यात्रा केवल 2 घंटे में पूरी की जा सकेगी. रेल मंत्रालय ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स के ज़रिए एक वीडियो शेयर किया है जिसमें स्टेशन का निर्माण कार्य दिखाया गया है.

जब यह ट्रेन ऑपरेशनल होगी तो शुरूआत में 35 बुलेट ट्रेनें चलाई जाएंगी, जो हर दिन 70 चक्कर लगाएंगी. 2050 तक यह संख्या बढ़ाकर 105 बुलेट ट्रेनें कर दी जाएगी. अनुमान है कि हर साल लगभग 1.6 करोड़ लोग इस ट्रेन में सफर करेंगे.

1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा होंगे खर्च

इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 1.08 लाख करोड़ रुपये है. इसमें केंद्र सरकार 10,000 करोड़ रुपये का योगदान देगी, जबकि गुजरात और महाराष्ट्र सरकारें पांच-पांच हजार करोड़ रुपये देंगी. बाकी फंडिंग जापान से 0.1% ब्याज दर पर लोन के जरिए की जाएगी.

 

2026 में तैयार होगा बुलेट ट्रेन का पहला सेक्शन अगस्त

भारत में पहला बुलेट ट्रेन सेक्शन गुजरात में बिलिमोरा और सूरत के बीच अगस्त 2026 में पूरा हो जाएगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह सेक्शन 50 किलोमीटर का है।

 21 नवंबर तक बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के 251.40 किलोमीटर में पिलर बनाए जा चुके हैं। 103.24 किलोमीटर में एलिवेटेड सुपर स्ट्रक्चर भी तैयार कर लिया गया है।

मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलेगी देश की पहली बुलेट ट्रेन देश की पहली बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी PM शिंजो आबे ने 14 सितंबर 2017 को अहमदाबाद में इस प्रोजेक्ट का इनॉगरेशन किया था। इस प्रोजेक्ट का नाम मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर रखा गया है।

गर्डर्स की मदद से 100 किमी तक वायडक्ट का निर्माण पूरा नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ( NHSRCL) के मुताबिक बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत 40 मीटर लंबे फुल स्पैन बॉक्स गर्डर्स और सेगमेंट गर्डर्स को जोड़कर 100 किमी तक वायडक्ट (Viaduct) का निर्माण किया जा चुका है। वायडक्ट एक पुल जैसा स्ट्रक्चर होता है, जो दो पिलर को आपस में जोड़ता है।

इस प्रोजेक्ट के तहत गुजरात की 6 नदियों पार (वलसाड जिला), पूर्णा (नवसारी जिला), मिंधोला (नवसारी जिला), अंबिका (नवसारी जिला), औरंगा (वलसाड जिला) और वेंगानिया (नवसारी जिला) पर पुल का निर्माण हो रहा है।

गुजरात में पहली पहाड़ी सुरंग तोड़ने का काम भी पूरा गुजरात के वलसाड जिले में 350 मीटर की पहली पहाड़ी सुरंग को तोड़ने का काम पूरा हो चुका है। 70 मीटर लंबाई का पहला स्टील पुल गुजरात के सूरत जिले में बनाया गया है। यह उन 28 स्टील पुलों में से पहला है, जो मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर (MAHSR) का हिस्सा होगा।

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