भोपाल
अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन ने प्रदेश में संचालित समस्त अशासकीय महाविद्यालयों का सत्यापन एवं भौतिक निरीक्षण राजस्व अधिकारियों की टीम बनाकर करने के निर्देश जारी किये हैं। उक्त निर्देशों के पालन में जिला कलेक्टरों द्वारा कार्यवाही की जाकर जानकारी एकत्रित की जा रही है। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव राजन ने अद्यतन स्थिति की समीक्षा कर जानकारी यथाशीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये।
जारी निर्देश में निर्धारित प्रपत्र में महाविद्यालय संचालन की स्थिति, उपलब्ध कमरों की कुल संख्या, कमरों की बैठक क्षमता, कुल प्रवेशित विद्यार्थी संख्या, निरीक्षण के दौरान उपस्थित विद्यार्थी संख्या, कुल स्टाफ संख्या, निरीक्षण के दौरान उपस्थित स्टाफ संख्या, महाव़िद्यालय के बारे में स्थानीय नागरिकों का अभिमत एवं महाविद्यालय के विषय में विद्यार्थियों का अभिमत प्राप्त किया जायेगा।
निरंतरता एवं अनापत्ति के नियमों में बदलाव
अपर मुख्य सचिव राजन द्वारा जारी निर्देश अनुसार उच्च शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जायेगा। अशासकीय महाविद्यालयों को अब कलेक्टर के सत्यापन एवं प्रतिवेदन उपरांत ही निरंतरता प्रदान की जायेगी। अशासकीय महाविद्यालयों को स्थापना एवं निरंतरता के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी करने की प्रक्रिया को अब और अधिक सख्त किया गया है। जिले के अग्रणी महाविद्यालय द्वारा प्रत्येक 3 माह में निरीक्षण एवं जिला कलेक्टर की टीम द्वारा मौका परीक्षण उपरांत अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी किया जायेगा। इसके साथ ही पूर्व में जारी प्रक्रिया अनुसार पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन एवं सत्यापित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।
प्रदेश में अशासकीय गैर-अनुदान अप्राप्त महाविद्यालयों की लगभग संख्या 773 (सात सौ तिहतर) एवं अशासकीय अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों की लगभग संख्या 73 है। अशासकीय गैर- अनुदान अप्राप्त महाविद्यालय चंबल संभाग में 123 ग्वालियर 66 उज्जैन 47 इंदौर 124 भोपाल 138 नर्मदापुरम 39 सागर 60 जबलपुर 78 रीवा 85 शहडोल 13 शामिल है। अशासकीय अनुदान प्राप्त महाविद्यालय चंबल संभाग में 06 ग्वालियर 08 उज्जैन 05 इंदौर 12 भोपाल 08 नर्मदापुरम 02 सागर 04 जबलपुर 20 एवं रीवा 08 शामिल है।
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा यह निर्णय लिया गया कि छात्र-छात्राओं के बेहतर भविष्य को ध्यान में रखकर सभी अशासकीय महाविद्यालयों का निरीक्षण कलेक्टर अपने जिले के अंतर्गत कराकर राज्य शासन को अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे। प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर महाविद्यालयों में अनियमितता पायी जाने पर सख्त कार्यवाही की जायेगी। किंतु इसमें यह भी ध्यान में रखा जायेगा कि अशासकीय महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को परीक्षा और अध्यापन संबंधी कोई व्यवधान नहीं आ सके।