जोधपुर।
केंद्रीय मंत्री शनिवार सुबह दिल्ली से गृह जनपद पहुंचे। एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में गांधी परिवार और कांग्रेस पार्टी से जुड़े सवाल पर शेखावत ने कहा कि गांधी परिवार की राजनीति और कांग्रेस पार्टी का वर्तमान नेतृत्व देश-दुनिया के सामने बेनकाब हो चुका है।
उनका चेहरा सबके सामने उजागर हो चुका है। उन्होंने कहा कि हिंदी में एक कहावत है, हाथी के दांत दिखाने के कुछ और, खाने के कुछ और होते हैं, मुझे लगता है कि उनका चाल, चरित्र और चेहरा सबके सामने उजागर हो चुका है। महाकुंभ के प्रबंधन पर शेखावत ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और देश की सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में जिस तरह से प्रबंधन किया है, वो निश्चित रूप से अनूठा है। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे पहले स्मरण कीजिए, कुंभ जब कभी भी देश में होते थे, 2013 के कुंभ में किस तरह से भगदड़ मची, उस समय सरकार ने किस तरह असंवदेनशीलता के साथ व्यवहार किया था। शेखावत ने कहा कि 1954 में जब देश की आजादी के बाद में पहला कुंभ हुआ था, उस समय कुंभ की व्यवस्थाओं को देखिए, सरकार किस तरह से इन विषयों को लेकर उदासीन थी। नेहरू जी के कुंभ में जाने के कारण से, ऐसी लिखित रूप से लोगों ने स्टोरी की हैं, 1000 से ज्यादा लोग भगदड़ मचने के कारण दिवंगत हुए थे। शेखावत ने कहा कि अब विरासत का संरक्षण और विरासत का सम्मान करने वाली सरकार है। इस बार महाकुंभ की व्यवस्थाएं पहले से बहुत बेहतर हैं। 1954 में मीडिया की आजादी के सवाल पर शेखावत ने कहा कि 1954 केवल एकमात्र उदाहरण नहीं है, वहां से लेकर इमरजेंसी और 2014 तक पूरे ग्रंथ लिखे जा सकते हैं कि किस तरह से उन्होंने लोकतंत्र और लोकतंत्र के सारे स्तंभों का गला घोंटने की कोशिश की। इंडी गठबंधन के कुंभ को लेकर कुछ न बोलने के सवाल पर शेखावत ने कहा कि वो अवसरवादियों का संगठन है। लोकसभा चुनाव से पहले ऐसे सारे लोग, जो जेल यात्रा करके आए थे, वो एकसाथ एकत्रित हुए थे। मुझे नहीं लगता कि ऐसा आचरण और व्यवहार करने वाले लोगों, जिन्होंने पहले कुंभ को उदासीनता और संवेदनशीलता के साथ में देखा है, वो कुंभ की महत्ता और आस्था को समझते होंगे।
विश्व के लिए अनूठा उत्सव
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि महाकुंभ विश्व के लिए अनूठा उत्सव है। जहां स्वतः स्फूर्त भाव से देश-दुनिया से करोड़ों लोग श्रद्धा और उत्सुकता को लेकर आ रहे हैं। कौतूहलवश दुनियाभर से लोग यह जानने के लिए आ रहे हैं कि इतना बड़ा आयोजन, कैसे किसी देश में एक स्थान पर हो सकता है। उन्होंने कहा कि इतने बड़े आयोजन में सरकार का जिस तरह से प्रबंधन है, वो केस स्टडी है। पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के स्नान पर 5 करोड़ लोगों ने महाकुंभ में स्नान किया। आने वाली मौनी अमावस्या के दिन यह संख्या और भी बढ़ेगी।