राजस्थान-अजमेर में उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने वितरित किए पट्टे

अजमेर/जयपुर।

स्वामित्व योजना के जिला स्तरीय कार्यक्रम में शनिवार को अजमेर जिले में उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी, केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री भागीरथ चौधरी एवं विधायक अनिता भदेल ने लाभार्थियों को पट्टे वितरित किए।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअली लाभार्थियों को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना देश के गांवों की अर्थव्यवस्था के लिए ऐतिहासिक है।

ग्रामीण आबादी को अपनी भूमि का कानूनी प्रमाण दिया गया। कानूनी दस्तावेज से मालिकाना अधिकार मिला है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा भी ग्रामीण भू सम्पति पर विस्तृत रिपोर्ट जारी की गई है। दस्तावेज के अभाव में ग्रामीण सम्पत्ति डेड केपिटल हो जाती है। स्वामित्व योजना के लिए ड्रॉन मेपिंग करवाई गई है। अब आवासीय सम्पत्ति के कागजात दिए जा रहे है। इससे अवैध कब्जे तथा अदालती परिवादों से मुक्ति मिलेगी।
उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत देश में वर्चुअल माध्यम से पट्टों का वितरण किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत से ऐसे लोग है, जिनकी जमीन किसी भी सरकारी आंकड़ो में दर्ज नहीं थी। इस कारण जमीन को लेकर आपसी झगड़ा या कब्जा होने का खतरा हमेशा बना रहता था। उनको उस जमीन पर ऋण और अन्य सुविधाएं नहीं मिल पाती थी। ग्रामीण परेशान रहते थे। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ग्रामीणों के इस दुःख को समझा और इस समस्या के समाधान के लिए प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना की 24 अप्रैल 2020 को शुरूआत की। इस योजना में  ड्रोन और डिजिटल माध्यम से गांव और खेत की मेपिंग करके सम्पत्ति के नामांकन और सत्यापन का कार्य किया जाकर स्वामित्व संबंधी पट्टे दिए जा रहे है। उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना ग्रामीण विकास और विश्वास का आधार बनी है। पूरे भारत में तीन लाख से अधिक गांवों में ड्रोन सर्वे का कार्य पूर्ण हो चुका है। लगभग दस करोड़ से अधिक प्रोपट्री पार्सल तैयार किए जा चुके है। राजस्थान में कुल पैतीस हजार गांवों में ड्रोन सर्वे का कार्य पूर्ण हो चुका है। लगभग आठ लाख साठ हजार से ज्यादा पट्टों का वितरण किया जा चुका है। बाईस सौ से अधिक ग्रामीण परिवारों को पट्टे दिए जा चुके है। अजमेर में इस योजना की शुरूआत अप्रेल 2022 में हुई थी। अजमेर में एक हजार 102 गांवों में सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है। लगभग इकसठ हजार पट्टों का वितरण हो चुका है। जिला स्तरीय कार्यक्रम में अजमेर जिले के 6800 पट्टे वितरित करने की कार्यवाही की गई। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के पास पट्टा होने से उनकी जमीन का मालिकाना हक मिला है। ग्रामीण आत्मनिर्भर हुए है। उनका सशक्तिकरण हुआ है। इस योजना के बाद शहरों के समान ही ग्रामीणों को भी जमीन के अन्य वित्तीय लाभ मिल रहे है। भूमि संबंधी विवाद खत्म हो रहे है। अतिक्रमण की समस्या का भी समाधान हुआ है। जमीन का रिकॉर्ड दर्ज होने से ग्रामीणों को कानूनी सुविधा और लाभ मिल रहा है। गांवों में निवेश के अवसर बढ़े है। जमीन का नामान्तरण और बटवारे में आसानी हो रही है। गांवों में सरकारी और निजी भवन बनाने मेें सुविधा हो रही है। पंचायत राज विभाग, राजस्व विभाग और भारतीय सर्वेक्षण विभाग के सामूहिक प्रयासों से प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रही है। केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय पंचायत दिवस के अवसर पर स्वामित्व योजना आरम्भ किए जाने की घोषणा की गई। स्वामित्व योजना के ग्रामीण अर्थव्यवस्था और समाज पर दूरगामी प्रभाव पड़े है। राज्य में इस योजना का क्रियान्वयन राजस्व विभाग एवं पंचायतीराज विभाग के संयुक्त प्रयासों से हो रहा है। स्वामित्व योजना गांवों का सर्वेक्षण और सुधारित तकनीकी से नक्शा बनाने के लिए ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों में सम्पति के स्पष्ट स्वामित्व की स्थापना की दिशा में एक सुधारात्मक कदम है। ड्रोन तकनीक का उपयोग करके भूमि के टुकड़ों का नक्शा बनाकर गांव के भवन मालिकों को स्वामित्व अधिकार के साथ कानूनी संपति कार्ड प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना के तहत भारतीय सर्वेक्षण विभाग राज्य के सभी गांवों के आबादी क्षेत्रों का डिजिटल मानचित्रा तैयार कर संबंधित ग्राम पंचायत को सौंपेगा। इसके आधार पर संबंधित व्यक्ति को पट्टा दिया जाएगा। स्वामित्व योजना में सटीक मानचित्रा तैयार किए जाने से सीमा संबंधी प्रकरणों को जल्द ही सुलझाया जा सकेगा। ग्रामीणों को ऋण और अन्य वित्तीय लाभ मिलने से वित्तीय स्थिरता आएगी। भूमि का स्पष्ट स्वामित्व (निजी एवं सरकारी) तय किया जा सकेगा। ग्राम पंचायत द्वारा स्वामित्व योजना से मौजूदा ढांचे की पहचान और गणना होने से विकास योजनाओं को बनाने में सहायता मिलेगी। स्वामित्व योजना के तहत बने जीआईएस मानचित्रों का उपयोग कर बेहतर गुणवत्ता वाली ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) तैयार की जा सकेगी। पूरे भारत देश में 92 प्रतिशत गांवों में ड्रोन सर्वे  का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। अब तक 2.25 करोड़ से अधिक प्रोपट्री पार्सल्स तैयार किए जा चुके है। इस अवसर जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं लाभार्थी उपस्थित रहे।

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