हनुमानगढ़।
हनुमानगढ़ में भूमि विवादों को कम करने के लिए शुरू की गई स्वामित्व योजना के तहत पीएम नरेंद्र मोदी ने 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्डों का वितरण किया। पीएम मोदी के इस कदम से देश के 230 से अधिक जिलों के करीब 50,000 गांवों में संपत्ति मालिकों को फायदा मिलेगा।
प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम का लाइव प्रसारण जिला स्तरीय कार्यक्रम में किया गया। जिला स्तरीय कार्यक्रम हनुमानगढ़ जंक्शन के सिविल लाइन स्थित सामुदायिक भवन में हुआ। जिला स्तरीय कार्यक्रम में प्रॉपर्टी पार्सल कार्डों का वितरण भी किया गया। इस मौके पर जिला कलेक्टर कानाराम ने स्वच्छता की शपथ दिलाई। जिला स्तरीय कार्यक्रम में जिला कलेक्टर कानाराम ने कहा कि जिले की 60 ग्राम पंचायतों में कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया जा रहा है। जिला प्रॉपर्टी पार्सल वितरण में अग्रणी जिलों में है। अभी तक 44 हजार से अधिक प्रॉपर्टी पार्सल का वितरण किया जा चुका है तथा मार्च, 2025 तक 1.5 लाख से अधिक प्रॉपर्टी पार्सलों के वितरण का लक्ष्य रखा गया है। यह कार्ड ग्रामीणों के जीवन में परिवर्तन ला रहे हैं। कई परिवारों को पहली बार निवास स्थान के कानूनी दस्तावेज मिले हैं। ऋण लेने तथा अन्य कार्यों में इसका उपयोग लिया जा रहा है। उन्होंने सरपंचों से अपील की है कि ग्राम पंचायत में विवाद की स्थिति में आपत्तियां प्राप्त कर निस्तारण करवाए। सभी लाभार्थियों को लाभ दिलाए। जनप्रतिनिधि देवेंद्र पारीक ने कहा कि मेरी संपत्ति मेरा अधिकार स्वामित्व योजना के तहत यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। गांवों में गरीबों का सपना था कि उसके पास मकान तो था, परंतु पट्टा नहीं था, उसको पूर्ण किया जा रहा है। सरकार प्रत्येक वर्ग के लिए कार्य कर रही है। जनहित एवं सपनों को पंख लगाने का कार्य मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है।
क्या है स्वामित्व योजना
स्वामित्व योजना ग्रामीण भारत की आर्थिक प्रगति को बढ़ाने की दृष्टि से 24 अप्रैल, 2020 को (राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर) प्रधानमंत्री की ओर से शुरू की गई थी। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन के रिकॉर्ड को डिजिटल तरीके से तैयार किया जाता है, जिससे भूमि विवादों को कम किया जा सके। गौरतलब है कि योजना के तहत 3.17 लाख से अधिक गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, जो लक्ष्य का 92 फीसदी है। वहीं, 1.53 लाख गांवों के लिए करीब 2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार किए गए हैं।