फिटजी कोचिंग संस्थान के खिलाफ अभिभावकों ने कलेक्ट्रेट और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई

भोपाल

भोपाल के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान फिटजी के खिलाफ अभिभावकों ने कलेक्ट्रेट और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। अखिलेश अग्रवाल ने बताया कि उनका बेटा पिछले चार साल से फिटजी का इंटीग्रेटेड कोर्स कर रहा था। क्लास 9 और 10 सुचारू रूप से चलीं।

दूसरी तरफ फिटजी के सेंटर हेड ने एक पत्र जारी कर लिखा है कि उनके हाथ में कुछ भी नहीं है और पेरेंट्स अपनी रकम दिल्ली सेंटर से मांगें। भोपाल सेंटर के संचालक केके पांडे भी इस बारे में बात नहीं कर रहे हैं। बता दें कि देशभर के विभिन्न शहरों में फिटजी की 72 कोचिंग क्लासेस हैं।

12-15 करोड़ रुपए लेकर भागा फिटजी शिकायत के मुताबिक, हर पेरेंट्स के लगभग 2 लाख रुपए फंसे हुए हैं। कुल मिलाकर यह राशि करीब 12-15 करोड़ तक पहुंचती है। इस मामले ने न केवल बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है, बल्कि अभिभावकों को भी आर्थिक रूप से परेशान कर दिया है।

अखिलेश अग्रवाल ने बताया, शिकायत के बाद कलेक्ट्रेट ने कोचिंग सेंटर का गुमास्ता रद्द कर दिया है। प्रशासन की ओर से अभिभावकों को उनके फंसे पैसे वापस दिलाने का आश्वासन मिला है। हालांकि, पुलिस की तरफ से अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

चेयरपर्सन पर 42 करोड़ रुपए के गबन का आरोप अखिलेश अग्रवाल ने बताया कि फिटजी के चेयरपर्सन पर 42 करोड़ रुपए गबन का आरोप लगा है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में सेंटर हेड के कुछ करीबी लोग गाली-गलौज करते हुए इस घोटाले का आरोप लगाते नजर आ रहे हैं।

भोपाल ब्रांच में करीब 700 छात्रों का एडमिशन दिल्ली की फिटजी कोचिंग की भोपाल ब्रांच में करीब 700 स्टूडेंट्स के एडमिशन है। प्रति स्टूडेंट डेढ़ से 3 लाख रुपए फीस ली जाती है। उधर, ये मामला भोपाल कलेक्टर तक भी पहुंचा। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि कोचिंग सेंटर पर एक्शन लिया जाएगा। बच्चों की फीस वापस कराने के प्रयास करेंगे।

शिक्षकों ने वेतन न मिलने पर दिया इस्तीफा अभिभावकों के अनुसार, दिसंबर के पहले सप्ताह तक कक्षाएं जारी थीं। इसके बाद संस्थान ने मैसेज भेजकर ऑनलाइन क्लास का आश्वासन दिया। लेकिन जब पेरेंट्स कोचिंग पहुंचे, तो पता चला कि सभी शिक्षकों ने वेतन न मिलने के कारण इस्तीफा दे दिया है।

इंदौर सेंटर बंद होने के बाद भी दिया गया आश्वासन इंदौर में फिटजी का एक सेंटर पहले ही बंद हो चुका था। इसके बावजूद भोपाल सेंटर ने अभिभावकों को भरोसा दिलाया कि कक्षाएं सुचारू रूप से चलेंगी। इस आश्वासन के बाद अभिभावकों ने 10 सितंबर को क्लास 11 और 12 की फीस भी जमा कर दी। अभिभावकों के अनुसार जल्द ही इस मामले में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो पेरेंट्स कंज्यूमर और क्रिमिनल कोर्ट में जाकर इंसाफ की मांग करेंगे।

100 से अधिक पेरेंट्स ने दर्ज करवाए बयान इस संबंध में 15 दिसंबर को एमपी नगर थाने में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। एक पेरेंट प्रकाश देवनानी ने बताया कि हमने एमपी नगर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी, जिसमें करीब 100 से अधिक अभिभावकों ने बयान दर्ज करवा दिए हैं। इसके अलावा कलेक्टर साहब को एक एप्लिकेशन दे दी थी। वहीं हम कमिश्नर साहब से मिले थे। मेरा बेटा 11वीं में है। वह जेईई की तैयारी कर रहा है। हमने मार्च 2024 में एडमिशन करवाया था। इसके लिए हमने 2 लाख 35 हजार रुपए जमा किए हैं।

4 साल के सुप्रीम प्रोग्राम की पौने तीन लाख से ज्यादा फीस भरी फिटजी संस्थान द्वारा छले गए कई पेरेंट्स में से एक पेरेंट ने बताया, मेरा नाम दीपिका चौहान है मेरे पति आर्मी में हैं। मेरी बेटी श्रुति चौहान को पढ़ाने के लिए स्थायी रूप से फिटजी को चुना। जिससे मेरी बेटी की शिक्षा में किसी भी तरह का व्यवधान न पैदा हो। सभी माता-पिता अपने बच्चों के लिए एक उज्जवल भविष्य की कल्पना करते हैं और वो सारी सुविधाएं जुटाने का प्रयास करते हैं, जिससे कि उनके बच्चों की शिक्षा मजबूत हो सके। मैंने भी वही प्रयास किया था। लेकिन फिटजी जैसे संस्थान ने जो धोखा दिया उससे मेरी बेटी अवसाद में है। हमने उसका एडमिशन 2023 में 9वीं क्लास में करवाया था। हमने सुप्रीम प्रोग्राम लिया था, जो 4 साल का कोर्स है। लेकिन फिटजी ने 10वीं क्लास में ही अपना इंस्टीट्यूट शट डाउन कर दिया। 10वीं की पढ़ाई भी पूरी नहीं कराई। उनके सभी टीचर्स रिजाइन कर गए। हम अब तक 2,83019 फीस भर चुके हैं।

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