ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या का मामला अब एक बड़ा न्यायिक मोड़ ले चुका, फैसले के खिलाफ CBI जाएगी हाईकोर्ट

कोलकाता
कोलकाता में आरजी कर अस्पताल में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या का मामला अब एक बड़ा न्यायिक मोड़ ले चुका है। सियालदाह कोर्ट ने शनिवार को इस मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय को दोषी ठहराया और सोमवार को उसे उम्र भर की सजा सुनाई। साथ ही कोर्ट ने संजय रॉय पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि दोषी संजय रॉय को उसकी मृत्यु तक जेल में रहना होगा।

महिला डॉक्टर की हत्या और बलात्कार का दोषी
कोर्ट ने संजय रॉय को महिला डॉक्टर की हत्या और बलात्कार का दोषी पाया था। महिला डॉक्टर के साथ यह घटना 2023 में हुई थी, जब वह अपनी ड्यूटी के दौरान अस्पताल में अकेली थी। आरोपी संजय रॉय, जो अस्पताल का कर्मचारी था, ने उसे अपने साथ रेप और हत्या की वारदात का शिकार बना लिया। इस घटना के बाद पूरे राज्य में आक्रोश फैल गया था, और स्थानीय लोगों ने इस मामले में कड़ी सजा की मांग की थी।

क्या है सीबीआई की अपील
हालाँकि, सियालदाह कोर्ट द्वारा सुनाई गई उम्रभर की सजा से संतुष्ट नहीं, सीबीआई ने इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने का फैसला किया है। सीबीआई का कहना है कि उन्हें संजय रॉय के लिए मृत्युदंड की सजा दी जानी चाहिए, क्योंकि यह मामला अत्यधिक जघन्य और गंभीर था।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कड़ा रुख
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए संजय रॉय को फांसी की सजा देने की मांग करने के लिए उच्च न्यायालय पहुंची थीं। उन्होंने इस मामले में न्याय की मांग करते हुए राज्य सरकार की ओर से मृत्युदंड की सजा की अपील की थी। राज्य सरकार के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने कहा था कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, संजय रॉय को मृत्युदंड मिलना चाहिए।

 निचली अदालत के आदेश के खिलाफ अपील
वहीं, सीबीआई ने राज्य सरकार की इस दलील का विरोध किया और कहा कि राज्य सरकार को निचली अदालत के आदेश के खिलाफ अपील करने का अधिकार नहीं है। सीबीआई ने तर्क दिया कि केवल अभियोजन एजेंसी ही सजा की अवधि या प्रकार पर अपील कर सकती है। सीबीआई ने पहले ही निचली अदालत में संजय रॉय को मृत्युदंड देने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने उसे उम्रभर की सजा सुनाई।

दोषी के वकील की दलीलें सुनेगी
अब इस मामले में उच्च न्यायालय में 27 जनवरी 2025 को सुनवाई होगी। न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक की अध्यक्षता में बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी और राज्य सरकार, सीबीआई, पीड़िता के परिवार और दोषी के वकील की दलीलें सुनेगी। कोर्ट यह तय करेगा कि क्या संजय रॉय के लिए मृत्युदंड की सजा दी जानी चाहिए या नहीं।

7 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश
इसके साथ ही कोर्ट ने पीड़िता के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया। यह मुआवजा राज्य सरकार को पीड़िता के परिवार को देने के लिए कहा गया है। कोर्ट ने यह भी सुनिश्चित किया कि पीड़िता के परिवार को न्याय मिले, और इसके लिए वे उचित मुआवजे के हकदार हैं। यह मामला कोलकाता में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के बढ़ते मामलों पर एक बड़ा सवाल उठाता है। प्रदेश में इस तरह के जघन्य अपराधों को लेकर नागरिक समाज और राजनीतिक नेताओं ने आवाज उठाई है, और अब उच्च न्यायालय में इस मामले पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।

 

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