महेश्वर
मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को लोकमाता देवी अहिल्या बाई होलकर की नगरी महेश्वर में आयोजित कैबिनेट बैठक में ऐतिहासिक निर्णय लिया है। मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार ने खरगोन के महेश्वर में 17 धार्मिक नगरों में शराबबंदी करने का निर्णय लिया है। इसके तहत एक अप्रैल से अब प्रदेश की 17 धार्मिक नगरों में शराब दुकाने बंद हो जाएगी। वहीं, मंत्रियों को विशेष परिस्थिति में ट्रांसफर करने का अधिकार दिए गए हैं। कैबिनेट की बैठक वंदे मातरम गान के साथ शुरू हुई। कैबिनेट बैठक लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर को समर्पित की गई है। मुख्यमंत्री के सामने टेबल पर अहिल्या माता की मूर्ति रखी गई। कैबिनेट से पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अहिल्या घाट पर मंत्रियों के साथ नर्मदा पूजन किया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कैबिनेट की बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य शराबबंदी की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। इसके लिए पहले चरण में 17 धार्मिक नगरों को चुना गया है। इनमें नगर पालिका, नगर परिषद और नगर पंचायत क्षेत्रों में शराब की दुकानें बंद कर दी जाएंगी, और इन दुकानों को दूसरी जगह शिफ्ट भी नहीं किया जाएगा। यह निर्णय हमेशा के लिए शराबबंदी के लिए लिया गया है। इन 17 धार्मिक नगरों में एक नगर निगम, 6 नगर पालिका, 6 नगर परिषद और 6 ग्राम पंचायतें शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि उज्जैन नगर निगम क्षेत्र की सीमा में पूरी तरह से शराब की दुकानें बंद रहेंगी। इसके अलावा, दतिया नगर पालिका क्षेत्र, पन्ना नगर पालिका क्षेत्र, मंडला नगर पालिका, मुलताई नगर पालिका, मंदसौर नगर पालिका, महैर नगर पालिका, ओंकारेश्वर नगर परिषद, महेश्वर नगर परिषद, मंडलेश्वर नगर परिषद, ओरछा नगर परिषद, चित्रकूट नगर परिषद, और अमरकंटक नगर परिषद में भी शराबबंदी लागू रहेगी। ये सभी स्थल धार्मिक आस्था के केंद्र हैं। इसके बाद, ग्राम पंचायत क्षेत्रों में सलकनपुर, बरमान, लिंगा, बरमानर्खुद, कुंडलपुर और बांदकपुर में भी शराब बंदी लागू की जाएगी। साथ ही, मां नर्मदा के दोनों तटों के पांच किलोमीटर क्षेत्र में शराबबंदी की नीति को भी जारी रखा जाएगा।
सीएम ने कहा कि मध्य प्रदेश में जहां भी भगवान कृष्ण और भगवान राम ने कदम रखे हैं, वहां शराब पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। सीएम मोहन यादव ने गुरुवार को राज्य के 17 धार्मिक शहरों और कस्बों में शराबबंदी की घोषणा की थी। सीएम ने कहा कि हमारे राज्य के 17 धार्मिक शहरों और कस्बों में सभी प्रकार की शराब, चाहे वह देसी हो या विदेशी, पूरी तरह से प्रतिबंधित होगी। कैबिनेट ने आज इस फैसले को मंजूरी दे दी है और जल्द ही यह प्रतिबंध लागू कर दिया जाएगा।
मोहन यादव सरकार ने इसके तहत उज्जैन, ओंकारेश्वर, मैहर, खजुराहो, महेश्वर, ओरछा, सांची, नलखेड़ा, सलकनपुर, जबलपुर, मंदसौर आदि जिलों का नाम शामिल किया है। भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने धार्मिक स्थलों पर शराब पर प्रतिबंध लगाने के मध्य प्रदेश सरकार के प्रस्ताव का स्वागत किया और कहा कि यह पूरे राज्य में शराबबंदी की दिशा में एक कदम है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पिछले सप्ताह कहा था कि सरकार धार्मिक शहरों में शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन स्थानों की पवित्रता बनी रहे।
उमा भारती ने एक्स पर लिखा कि मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार के द्वारा "धार्मिक शहरों में पूर्ण शराब बंदी" अभूतपूर्व निर्णय है, इसके लिए मोहन यादव जी का अभिनंदन। उन्होंने कहा कि दो साल पहले हमारी सरकार के द्वारा घोषित की गई शराब पर प्रतिबंध नीति बहुत ही जनहितकारी एवं व्यवहारिक थी। हम पूर्ण शराबबंदी की ओर ही बढ़ रहे थे। यह पूर्ण शराबबंदी की दिशा में एक और कदम है। यादव ने एक्स पर उनकी पोस्ट का जवाब देते हुए कहा कि "धार्मिक शहरों" में शराब की खपत पर प्रतिबंध लगाना उनकी सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है।
यादव ने लिखा कि आदरणीय दीदी प्रणाम! प्रदेश के धार्मिक शहरों में पूर्ण शराब बंदी का निर्णय सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। इससे न केवल धार्मिक श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान होगा, बल्कि समाज को भी सकारात्मक दिशा मिलेगी। आपके आशीर्वचन के लिए धन्यवाद। इससे पहले मोहन यादव ने कहा था कि वर्तमान बजट वर्ष समाप्त होने वाला है और हमारी सरकार सोच रही है कि हमें धार्मिक शहरों में अपनी नीति में संशोधन करना चाहिए और उन शहरों में शराब पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।