श्रमिक परिवारों की बेटियों ने रचा इतिहास: श्रमोदय मॉडल आईटीआई बना सफलता की नई पहचान

भोपाल
कभी अपने परिवार की आर्थिक परेशानियों के बीच संघर्ष करतीं स्नेह धाकड़, करिश्मा मल्होत्रा और ऋतु कुशवाहा ने आज अपनी मेहनत और लगन से मध्यप्रदेश का नाम रोशन कर दिया है। श्रमोदय मॉडल आईटीआई, भोपाल से पढ़ने वाली इन तीन बेटियों ने राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (एससीवीटी) परीक्षा में पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल करके यह साबित कर दिया कि सही अवसर और मार्गदर्शन मिलने पर हर सपना पूरा किया जा सकता है।

श्रमिक परिवारों से आईं बेटियां बनीं प्रदेश की पहचान
शिवपुरी के श्रमिक की बेटी कु. स्नेह धाकड़ ने परीक्षा में पहला स्थान प्राप्त कर इतिहास रच दिया। इसी तरह कु. करिश्मा मल्होत्रा ने दूसरा और कु. ऋतु कुशवाह ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। इन सभी के परिवार भी सीमित संसाधनों के बावजूद अपने बच्चों के सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे है। कु. स्नेह कहती हैं, "श्रमोदय मॉडल आईटीआई ने मुझे प्रशिक्षण ही नहीं, बल्कि सपनों को उड़ान देने का मंच दिया है। यहां की सुविधाओं और शिक्षकों के सहयोग से ही यह संभव हो पाया है। मैं परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिए इंजीनियर बनना चाहती हूँ।"

संस्थान की सफलता का नया आयाम
संस्थान की इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, "यह सफलता न केवल इन बच्चियों की मेहनत का परिणाम है, बल्कि यह श्रमोदय मॉडल आईटीआई की बेहतरीन शिक्षा और सुविधाओं का प्रमाण है। प्रदेश के टॉप 25 में 18 स्थान इस संस्थान के विद्यार्थियों के नाम हैं, जो कौशल विकास के क्षेत्र में मध्यप्रदेश के लिए गर्व की बात है। यह प्रेरणा का स्रोत है कि अगर बच्चों को सही मंच और मार्गदर्शन मिले, तो वे हर चुनौती को पार कर सकते हैं।"

बेटियों की लगन और मेहनत ने दिलाई सफलता
स्नेह धाकड़ – संघर्ष और आत्मविश्वास की कहानी

शिवपुरी जिले की कु. स्नेह ने परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। उनके पिता मंडी में मजदूरी करते हैं और मां काजू पैकेजिंग का काम करती हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद स्नेह ने कड़ी मेहनत और आत्म-विश्वास से यह मुकाम हासिल किया है। वह कहती हैं, "संस्थान ने हमें न केवल पढ़ाई के लिए स्मार्ट कक्षाओं की सुविधाएं दीं, बल्कि हमें खुद पर विश्वास करना भी सिखाया। अब मैं अपने परिवार को एक बेहतर भविष्य देना चाहती हूं।"

करिश्मा मल्होत्रा – सपनों की राह पर दृढ़ कदम
कु. करिश्मा ने दूसरा स्थान हासिल किया है, उनके पिता भी मजदूरी करते हैं। कु. करिश्मा ने कहा कि "श्रमोदय मॉडल आईटीआई का वातावरण और शिक्षण पद्धति हमारी सफलता की बुनियाद हैं। यहां न केवल हमें प्रशिक्षण मिला, बल्कि हर कदम पर हमारा मार्गदर्शन भी किया गया। अब मेरा सपना है कि मैं अपने परिवार के संघर्षों का अंत कर सकूं।"

ऋतु कुशवाह – साधारण शुरुआत से असाधारण सफलता तक
नर्मदापुरम की ऋतु ने बताया कि "श्रमोदय आईटीआई में हमें न केवल पढ़ाई के लिए सुविधाएं मिलती हैं, बल्कि हमारे व्यक्तित्व विकास पर भी पूरा ध्यान दिया जाता है। यह संस्थान हमारे सपनों का सहारा है। मैं अपने भविष्य को लेकर बेहद उत्साहित हूं।"

संस्थान के लिए गौरव का क्षण
संस्थान के प्राचार्य श्री एस.एस. मिश्रा ने कहा कि उनके संस्थान का उद्देश्य हमेशा से ही विद्यार्थियों को न केवल शिक्षा बल्कि आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाना है। उन्होंने कहा कि जब हमारे बच्चे इस तरह की सफलता हासिल करते हैं, तो हमें गर्व महसूस होता है।" डॉ. श्रीकांत पाटिल, प्रबंध संचालक, क्रिस्प ने विद्यार्थियों की सफलता पर चर्चा करते हुए बताया कि "श्रमिक परिवारों के बच्चों को बेहतर अवसर देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना हमारा मिशन है। इन बेटियों की सफलता इस बात का प्रमाण है कि मेहनत और सही दिशा मिलने पर हर बाधा पार की जा सकती है।"

एक प्रेरणा जो आगे भी राह दिखाएगी
यह सफलता न केवल श्रमोदय मॉडल आईटीआई की उत्कृष्टता का प्रतीक है, बल्कि प्रदेश में कौशल विकास की दिशा में एक नई सोच की शुरुआत भी है। इन बेटियों की कहानियां उस जज्बे और दृढ़ता की मिसाल हैं, जो हर युवा के भीतर छिपी हुई है।

 

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