रेल टिकटों की दलाली और कालाबाजारी रोकने में आरपीएफ लेगी AI की मदद, डेटा का विश्लेषण होगा

जयपुर
ट्रेनों के टिकट की कालाबाजारी करने वालों की अब खैर नहीं है। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) एआइ की मदद से इस तरह की गतिविधियों को रोकेगी और आरोपियों पर शिकंजा कसेगी।

एक वरिष्ठ रेल अधिकारी ने बताया कि यात्री सुविधाओं को लेकर रेलवे नित नई तकनीक का उपयोग कर रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) की मदद से असामान्य टिकट बुकिंग की गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सकेगी। इसके अलावा बायोमेट्रिक सत्यापन प्रणाली में चेहरे की पहचान व फिंगरप्रिंट स्कैनिंग जैसी तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाएगा। इसके शुरू होने से टिकट बुकिंग काउंटरों पर होने वाली अनाधिकृत गतिविधियों को रोका जा सकेगा।

डेटा का विश्लेषण होगा

रेल अधिकारी के मुताबिक एआइ की मदद से टिकट डेटा का भी विश्लेषण किया जाएगा। इससे कहां, किस रूट पर कब कालाबाजारी हो रही है, इसका पता लगाया जा सकेगा। इसकी रिपोर्ट के आधार पर रोकथाम के लिए कदम उटाए जाएंगे।
रेलवे सुरक्षा बल द्वारा की गई पहल

    नियमित छापे और कार्रवाई: रेलवे सुरक्षा बल के साइबर सेल बुकिंग पैटर्न की सावधानीपूर्वक जांच करते हैं, ताकि विसंगतियों की पहचान की जा सके और टिकट काउंटरों और साइबर कैफे को लक्षित करके सटीक कार्रवाई की जा सके। इन सक्रिय उपायों के परिणामस्वरूप अनधिकृत टिकटों को जब्त किया गया है और कई दलालों को पकड़ा गया है, जिससे उनके अवैध धन सृजन स्रोतों में काफी कमी आई है।

    डिजिटल निगरानी: उन्नत तकनीकी उपकरणों का उपयोग करते हुए, आरपीएफ ऑनलाइन बुकिंग प्लेटफॉर्म की निरंतर निगरानी करता है। बल्क बुकिंग और अनियमित लेन-देन सहित संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी करके और टिकट काउंटरों पर सीसीटीवी लगाकर, आरपीएफ कालाबाजारी का पता लगाने और उसे प्रभावी ढ़ंग से रोकने की अपनी क्षमता को मजबूत करता है।

    आईआरसीटीसी के साथ सहयोग: आरपीएफ संदिग्ध खातों की पहचान करने और उन्हें निष्क्रिय करने के लिए भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (#आईआरसीटीसी) के साथ मिलकर काम करता है। इस सहयोगात्मक पहल का उद्देश्य एजेंट और व्यक्तिगत उपयोगकर्ता आईडी दोनों के दुरुपयोग को रोकना है, जिससे अधिक सुरक्षित और पारदर्शी टिकटिंग प्रणाली सुनिश्चित हो सके।

    जागरूकता अभियान: जन-जागरूकता के महत्व को समझते हुए, आरपीएफ विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म पर शैक्षिक अभियान चलाता है। ये पहल यात्रियों को अनधिकृत गतिविधियों की सूचना देने के बारे में जानकारी देती हैं और आधिकारिक तथा अधिकृत चैनलों के माध्यम से टिकट बुक करने के महत्व पर जोर देती हैं।

    प्रौद्योगिकी एकीकरण: आरपीएफ ने अपने साइबर सेल को अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर से लैस किया है, ताकि टिकटिंग सिंडिकेट को प्रभावी ढ़ंग से ट्रैक और नष्ट किया जा सके। यह तकनीकी उन्नति आरपीएफ को तेजी से परिष्कृत हो रहे टिकट दलाली नेटवर्क का मुकाबला करने में सक्षम बनाती है।

    विधिक कार्यवाही: टिकट दलाली में लिप्त अपराधियों को रेलवे अधिनियम के तहत कठोर दंड का सामना करना पड़ता है, जिसमें कारावास भी शामिल है। हाल ही में न्यायिक निर्णयों ने टिकट दलाली को “सामाजिक अपराध” के रूप में वर्गीकृत करके इस मुद्दे की गंभीरता को उजागर किया है।

आरपीएफ के प्रयासों का प्रभाव

आरपीएफ द्वारा की गई रणनीतिक पहलों से महत्वपूर्ण परिणाम सामने आए हैं। कई हाई-प्रोफाइल दलाली गिरोहों को ध्वस्त किया गया है और हजारों अपराधियों को पकड़ा गया है। इन प्रयासों से बड़ी मात्रा में अवैध टिकटों की बरामदगी हुई है, जिससे बड़े पैमाने पर कालाबाजारी पर लगाम लगी है और रेलवे प्रणाली में लोगों का विश्वास बहाल हुआ है।
भविष्य की रणनीति

अपनी प्रभावशीलता को और बढ़ाने के लिए, आरपीएफ ने अपने संचालन में उन्नत प्रौद्योगिकियों और पूर्वानुमान उपायों को एकीकृत करने की योजना बनाई है। मुख्य फोकस क्षेत्रों में शामिल हैं:
उन्नत एआई और मशीन लर्निंग

    व्यवहार पैटर्न विश्लेषण: एआई सिस्टम बुकिंग व्यवहार की जांच करेगा ताकि दलाली गतिविधियों की विसंगतियों की पहचान की जा सके।
    वास्तविक समय में धोखाधड़ी का पता लगाना: मशीन लर्निंग एल्गोरिदम वास्तविक समय में संदिग्ध लेनदेन का पता लगाएगा और रोक देगा।
    डायनेमिक आईपी मॉनिटरिंग:
सिस्टम एक ही आईपी पते से या वीपीएन का उपयोग करके होने वाली कई बुकिंग की पहचान करेगा और उन्हें ब्लॉक कर देगा।

बायोमेट्रिक सत्यापन

    चेहरे की पहचान: टिकट बुकिंग को बायोमेट्रिक डेटा से जोड़ने से निरीक्षण के दौरान यात्रियों का सत्यापन सुनिश्चित होगा।
    फिंगरप्रिंट स्कैनिंग: बुकिंग काउंटरों पर अनिवार्य बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण से लेनदेन की प्रामाणिकता बढ़ेगी।

क्लाउड कंप्यूटिंग और बिग डेटा एनालिटिक्स

    वास्तविक समय डेटा प्रसंस्करण: क्लाउडआधारित प्रणालियाँ संदिग्ध प्रवृत्तियों की पहचान करने के लिए टिकटिंग डेटा के तात्कालिक विश्लेषण की सुविधा प्रदान करेंगी।
    पूर्वानुमानात्मक विश्लेषण: ऐतिहासिक डेटा का उपयोग विशेष रूप से दलाली गतिविधियों के प्रति संवेदनशील मार्गों और यात्रा मौसमों के लिए लक्षित निवारक उपायों को लागू करने के लिए किया जाएगा।

निष्कर्ष

टिकट दलाली से निपटने के लिए रेलवे सुरक्षा बल का मजबूत और व्यापक दृष्टिकोण रेलवे टिकट प्रणाली में निष्पक्षता और पारदर्शिता के प्रति इसकी अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। उन्नत तकनीकों का लाभ उठाकर, संबंधित एजेंसियों के साथ सहयोग को बढ़ावा देकर और जनता को शामिल करके, आरपीएफ रेल टिकटों की कालाबाजारी को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जैसे-जैसे ये रणनीतियाँ विकसित होती हैं, वे सभी यात्रियों के लिए एक सहज और निष्पक्ष यात्रा अनुभव सुनिश्चित करते हुए एक अधिक सुरक्षित और न्यायसंगत रेलवे प्रणाली का वादा करती हैं।

 

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