उज्जैन
बेहतर कनेक्टिविटी और ट्रैफिक के दबाव को कम करने के लिए एमपी में कई सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। गावों और शहरों की दूरी मिटाने, यात्रियों को आरामदायक और सुगम सफर के लिए कई सड़कों को चौड़ा भी किया जा रहा है।उज्जैन में तो अधिकांश प्रमुख मार्गों को चौड़ा किया जाना है।शहर में सड़क चौड़ीकरण के लिए जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की बैठक बुलाई गई जिसमें महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सड़कें चौड़ी करने के लिए मकानों से पहले धार्मिक स्थलों को हटाने पर सहमति बनी। मकान दुकान टूटने पर प्रभावितों को मुआवजा देने की भी मांग उठी।
उज्जैन में साल 2028 में सिंहस्थ आयोजित होने जा रहा है। जिसके लिए 23 अरब रुपए से ज्यादा का खर्च करके ग्रीनफील्ड रोड, बायपास और सड़कों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। सरकार को तीन प्रोजेक्टों की मंजूरी मिल गई है। टेंडर जारी होने के बाद काम शुरु हो जाएगा।
उज्जैन में केडी गेट मार्ग चौड़ीकरण से सबक लेते हुए अब अन्य सड़कों के चौड़ीकरण में मकानों से पहले धार्मिक स्थलों को शिफ्ट या उनके चिह्नित भाग हटाए जाएंगे। इसके लिए धार्मिक स्थलों के प्रतिनिधियों से चर्चा कर सहमति बनाते हुए कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद भवनों के प्रभावित हिस्से तोड़ने की कार्रवाई शुरू होगी।
सिंहस्थ-2028 को लेकर शहर के करीब आधा दर्जन प्रमुख मार्गों का चौड़ीकरण होना है। इसे लेकर जनप्रतिनिधि और अधिकारियों के बीच शनिवार को महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, महापौर मुकेश टटवाल, निगम अध्यक्ष कलावती यादव, कलेक्टर नीरजकुमार सिंह, निगमायुक्त आशीष पाठक के साथ ही संबंधित क्षेत्र के पार्षद और प्रमुख अधिकारी शामिल थे।
बैठक में जनप्रतिनिधियों ने कहा, हम शहर विकास में मार्ग चौड़ीकरण के लिए तैयार हैं लेकिन रहवासियों के मकानों को तोडऩे से पहले जरूरत अनुसार धार्मिक स्थलों को शिफ्ट करने या उनके प्रभावित हिस्सो को हटाने की कार्रवाई की जाए। मार्ग चौड़ीकरण में हटाए जाने वाले निर्माणों पर प्रशासन बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई करे।
जनप्रतिनिधियों ने केडी गेट मार्ग चौड़ीकरण का हवाला भी दिया और कहा कि समान कार्रवाई नहीं होने से लोगों के घर तो टूट जाते हैं लेकिन मार्ग पूरी तरह चौड़ा नहीं हो पाता है। बैठक में निर्णय लिया गया कि चौड़ीकरण की कार्रवाई में पहले धार्मिक स्थलों को लेकर कार्रवाई की जाएगी, इसके बाद भवनों के प्रभावित हिस्से को तोडऩे की कार्रवाई होगी। दो घंटे से अधिक समय चली बैठक में अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए।
गलत नक्शे पास करने वालों पर कार्रवाई
बैठक में निगम अध्यक्ष कलावती यादव ने कहा, जलभराव से बचाव के लिए नालों के पानी की निकास व्यवस्था व्यवस्थित तरीके से करें। मास्टर प्लान का पालन ना कर गलत नक्शे पास करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
मार्ग बनने के बाद सीवर, गैस लाइन आदि के लिए दोबारा सडक़ न खोदना पड़े, इसलिए यूटिलिटी डक्ट निर्माण को कार्ययोजना में शामिल करें।
पार्षद रजत मेहता ने कहा, जिस प्रकार रुद्रसागर के नजदीक भवन हटाने पर 66 करोड़ का मुआवजा दिया गया, योजना में प्रावधान हो तो मार्ग चौड़ीकरण के प्रभावितों को भी मुआवजा दिया जाए। कलेक्टर ने कहा, मास्टर प्लान अंतर्गत कार्रवाई में इसका प्रावधान नहीं है। एफएआर देंगे।
मांगा मुआवजा
पार्षद पूनम जायसवाल ने कहा, वार्ड-19 में दो स्थान पहले से 60 फीट चौड़े हैं, वहां सिर्फ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हो। जिनमें भवन टूटेंगे, उन्हें मुआवजा मिले ताकि वे रिनोवेशन करवा सकें। मुआवजा नहीं दिया जाए तो 25-30 वर्ष के संपत्तिकर में छूट दी जाए। उन्होंने लिखित में मांग पत्र भी दिया। जनप्रतनिधियों ने कहा, नाली निर्माण, बिजली पोल, सेंट्रल डिवाइडर आदि को लेकर पहले ही स्थिति स्पष्ट कर ली जाए। बाद में संशय की स्थिति न बने।
इस संबंध में कलेक्टर नीरजकुमार सिंह बताते हैं कि टेंडर खोलने से पहले मार्ग चौड़ीकरण के लिए तैयारी पूर्ण कर ली जाएगी। भवनों को तोडऩे से पूर्व धार्मिक स्थलों को शिफ्ट करने या प्रभावित भाग हटाने के संबंध में कार्रवाई करेंगे। इसके लिए संबंधित स्टेक होल्डर से चर्चा की जाएगी। प्रभावित भवन स्वामियों को तत्काल एफएआर दिया जाएगा।
इंदौर से उज्जैन के बीच बनेंगी सड़कें
इंदौर से उज्जैन तक करीब 48 किमी लंबी रोड को ग्रीनफील्ड बनाया जाएगा। इसके लिए 1370.85 करोड़ रुपए की मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही 19.185 किमी लंबे उज्जैन सिंहस्थ बायपास का निर्माण किया जाएगा। इस फोर लेन सड़क पर 701.86 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। उज्जैन के इंगोरिया से देपालपुर तक टू लेन सड़क का निर्माण किया जाएगा। जो कि करीब 32.60 किमी लंबी होगी। इस काम की अनुमानित लागत 239.38 करोड़ रुपए है। पीडब्ल्यूडी से जारी आदेश में कहा गया है कि यह कार्य उपलब्ध फंड से कराए जाएं। आदेश में यह भी लिखा है कि किसी भी स्थिति में उपलब्ध कराई गई राशि से अधिक खर्च नहीं किया जाए।
भोपाल से देवास के बीच बनेगी सिक्स-लेन सड़क
राजधानी भोपाल से देवास तक सड़क को सिक्स लेन करने की तैयारी है। यह वर्तमान में फोरलेन है। इसकी लंबाई 141 किलोमीटर है। देवास से इंदौर तक की सड़क पहले ही सिक्स लेन है। भोपाल से देवास और उज्जैन से इंदौर रोड को सिक्स लेन होने पर तीनों शहरों के बीच आवागमन बिना किसी रुकावट के होगा। साथ ही इसके काफी समय की बचत होगी।
उज्जैन में बनाया जाएगा फ्लाइओवर
महाकाल लोक बनने के बाद से ट्रैफिक का दबाव बढ़ रहा है। इंदौर के अरबिंदो मेडिकल कॉलेज से उज्जैन के हरि फाटक चौराह तक सिक्स लेन मार्ग का निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में सर्विस रोड, दो बड़े पुल और लाय ओवर बनाया जाएगा।
हाइब्रिड एन्यूटी मोड पर बनेगा इंदौर-उज्जैन रोड
इंदौर-उज्जैन रोड के प्रोजेक्ट का निर्माण हाइब्रिड एन्युटिी मोड पर किया जाएगा। इसे दो साल में बनाया जाएगा। जिसके लिए डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की ओर से 395 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। इसके अलावा 1012 करोड़ रुपए एन्युटी के जरिए 15 साल की अवधि में शासन देगा। साथ ही भू-अर्जन के लिए 44 करोड़ और जीएसटी के 241 करोड़ रुपए भी शासन मुहैया कराया। इसके चलते सरकार को 1297 करोड़ रुपए का भुगतान करना होगा।
ग्रीनफील्ड रोड और बायपास
सिंहस्थ महाकुंभ के लिए 23 अरब रुपए से अधिक खर्च कर ग्रीनफील्ड रोड, बायपास और अन्य सड़क बनाई जाएगी। राज्य शासन से तीनों कार्यों के लिए प्रशासकीय मंजूरी मिल गई है। अब जल्दी टेंडर जारी होंगे। इस साल यह निर्माण कार्य शुरू हो जाएंगे।
यह काम मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन कराएगा। इंदौर से उज्जैन तक करीब 48 किमी लंबी रोड को ग्रीनफील्ड बनाया जाएगा। फोर लेन मय पेव्ड शोल्डर के साथ बनाई जाएगी। इसके लिए 1370.85 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली है। इसके साथ 19.185 किमी लंबे उज्जैन सिंहस्थ बायपास का निर्माण किया जाएगा।
इस फोर लेन सड़क पर 701.86 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। उज्जैन जिले में इंगोरिया से देपालपुर तक टू लेन सड़क का निर्माण किया जाएगा। यह करीब 32.60 किमी लंबी होगी। इस कार्य की अनुमानित लागत 239.38 करोड़ रुपए है। पीडल्यूडी से जारी आदेश में कहा गया है कि यह कार्य उपलब्ध फंड से कराए जाएं। आदेश में यह भी लिखा है कि कसी भी स्थिति में प्रावधानित राशि से अधिक खर्च नहीं किया जाए।
दो साल में देंगे 395 करोड़
इंदौर-उज्जैन रोड का प्रोजेट हाइब्रिड एन्युटी मोड पर किया जाएगा। दो साल की निर्माण अवधि में एजेंसी को 395 करोड़ रुपए रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन देगा। उसके अलावा 1012 करोड़ रुपए एन्युटी के जरिए 15 साल की अवधि में शासन देगा। भू-अर्जन व सुपरविजन के लिए 44 करोड़ और जीएसटी का 241 करोड़ भी शासन उपलब्ध कराएगा। इस तरह राज्य कुल 1297 करोड़ रुपए देगा।
भोपाल, इंदौर, उज्जैन के बीच दौड़ेंगे वाहन
भोपाल से देवास रोड को सिक्स लेन करने की योजना पर भी काम चल रहा है। यह अभी फोर लेन है और इसकी लंबाई करीब 141 किमी है। देवास से इंदौर तक का मार्ग पहले ही सिक्स लेन है। भोपाल से देवास और उज्जैन से इंदौर रोड सिक्स लेन होने पर इन तीनों शहरों के बीच वाहन बिना दिकत सरपट दौड़ सकेंगे। इससे समय के साथ ईंधन की बचत भी होगी।
उज्जैन में फ्लाय ओवर भी बनेगा
महाकाल लोक बनने के बाद उज्जैन में ट्रैफिक का दबाव बढ़ा है। ऐसे में इंदौर के अरबिंदो मेडिकल कॉलेज से उज्जैन के हरि फाटक चौराहा तक सिक्स लेन मार्ग का निर्माण किया जाएगा। प्रोजेक्ट में सर्विस रोड, दो बड़े पुल सहित उज्जैन में फ्लाय ओवर भी बनाया जाएगा।