करोड़पति पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा कोर्ट परिसर के बाहर से गिरफ्तार, पूछताछ में कई बड़े राज सामने आ सकते

भोपाल
काली कमाई के आरोप से घिरे मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की ओर से आत्मसमर्पण के लिए प्रस्तुत प्रार्थना पत्र पर भोपाल के विशेष न्यायालय में मंगलवार को सुनवाई की जाएगी। इसके लिए सोमवार को सौरभ अपने वकील के साथ कोर्ट में प्रस्तुत हुआ था।

इस बीच, वकील ने दावा किया है कि सौरभ शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि जांच एजेंसियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

इससे पहले सोमवार को सौरभ शर्मा की याचिका पर कोर्ट ने लोकायुक्त से डायरी तलब की थी। मंगलवार को लोकायुक्त व अन्य जांच एजेंसियों के तर्कों को सुनने के बाद न्यायालय इस मामले में सुनवाई करेगा।

कोर्ट आते समय किया गया गिरफ्तार

सौरभ के वकील राकेश पाराशर ने बताया कोर्ट आते समय सौरभ शर्मा को हिरासत में लिया गया. कोर्ट में अवैध गिरफ्तारी का आवेदन लगाएंगे.

52 किलो गोल्ड वाले धनकुबेर सौरभ शर्मा लोकायुक्त के छापे के बाद से ही फरार था. हालांकि 27 जनवरी को अचानक भोपाल पहुंचकर सरेंडर के लिए स्पेशल कोर्ट में आवेदन दिया था, जिसके बाद कोर्ट ने आज पेश होने के लिए कहा था.

भोपाल में आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के कई ठिकानों पर 9 दिन में तीन जांच एजेंसियां ED, लोकायुक्त और आयकर विभाग ने छापे मारे थे. छापेमारी के दौरान सौरभ के इन ठिकानों से 93 करोड़ से अधिक की संपत्ति मिली थी, जिसमें 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश भी थे.

सौरभ के वकील राकेश पाराशर ने बताया कि सौरभ कोर्ट के आदेश पर आज 11 बजे हाजिर होने वाला था। लेकिन लोकायुक्त पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया। जबकि सौरभ ने सोमवार को कोर्ट में खुद उपस्थित होकर सरेंडर करने का आवेदन दिया था। एडीजे रामप्रसाद मिश्रा ने लोकायुक्त को केस डायरी के साथ उपस्थित होने के आदेश दिए थे।

कोर्ट सूत्रों के मुताबिक सौरभ शर्मा सोमवार दोपहर 12:30 बजे के करीब सरेंडर करने एडीजे आरपी मिश्रा की कोर्ट पहुंचा था। यहां सौरभ के वकील ने सरेंडर के लिए आवेदन दिया। वकील ने कोर्ट को बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि सौरभ लोकायुक्त के आय से अधिक संपत्ति के एक प्रकरण में फरार चल रहा है। केस अंडर इंवेस्टिगेशन है।

वकील ने कोर्ट को बताया कि केस से जुड़े तमाम डॉक्यूमेंट्स लोकायुक्त टीम के पास है। तब कोर्ट ने रिपोर्ट के साथ डायरी कॉल की। कोर्ट ने लोकायुक्त संगठन के विशेष लोक अभियोजक विवेक गौड़ को बुलाया गया। उनसे बातचीत के बाद मंगलवार सुबह डायरी सहित कोर्ट में हाजिर होने के आदेश दिए हैं।

इसी के साथ सौरभ के वकील को भी मंगलवार सुबह केस की सुनवाई के संबंध में दोबारा कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद दोपहर करीब 1:20 बजे सौरभ कोर्ट रूम से बाहर निकल गया। लोकायुक्त पुलिस की टीम भी कोर्ट पहुंची थी।

सौरभ की गिरफ्तारी की कोशिशें तेज

    वहीं, सौरभ की गिरफ्तारी की कोशिश में भी जांच एजेंसियां जुट गई हैं। बता दें कि 19 दिसंबर 2024 को लोकायुक्त की टीम ने सौरभ के घर पर छापेमारी के साथ ही उसके नजदीकी चेतन गौर की कार भी बरामद की थी।

    कार से आयकर विभाग की टीम ने 11 करोड़ रुपये और 52 किलोग्राम सोना समेत बेनामी प्रापर्टी के कागजात बरामद किए गए थे। 40 दिन से सौरभ अपनी पत्नी दिव्या तिवारी के साथ फरार चल रहा था।

    इस मामले में मध्य प्रदेश की राजनीति भी गरमाई हुई है। कांग्रेस नेताओं ने भाजपा नेताओं पर सौरभ को संरक्षण देने के आरोप लगाए हैं। यदि सौरभ से पूछताछ होती है तो कई राज सामने आ सकते हैं।

ED, लोकायुक्त और आयकर विभाग ने छापे मारे थे। कार्रवाई के दौरान उसके पास 93 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी मिली। इनमें कार में मिला 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश भी शामिल है।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 27 दिसंबर को सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर, शरद जायसवाल, रोहित तिवारी के ठिकानों पर छापे मारे थे। सौरभ के परिजन और दोस्तों के खातों में 4 करोड़ रुपए का बैंक बैलेंस पाया। इसके अलावा 23 करोड़ की संपत्ति भी जांच के दायरे में ED ने ली थी।

भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर में की गई जांच में 6 करोड़ रुपए की FD की जानकारी भी ED के हाथ लगी है। फर्मों और कंपनियों के जरिए किए गए निवेश का खुलासा हुआ है।

सौरभ के ठिकानों से मिली करीब 100 करोड़ की संपत्ति लोकायुक्त की टीम ने 19 दिसंबर को आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के भोपाल की अरेरा कॉलोनी स्थित घर और ऑफिस पर छापा मारा था। टीम को इन ठिकानों से 2.95 करोड़ रुपए कैश, करीब 50 लाख रुपए के सोने-चांदी के जेवरात और 234 किलो चांदी सहित अन्य प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले थे।

इसी दिन आधी रात के बाद भोपाल के ही मेंडोरी इलाके में जंगल में लावारिस खड़ी कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए कैश मिले थे। ये कार सौरभ शर्मा के सहयोगी चेतन सिंह गौर के नाम है। चेतन ने जांच एजेंसी को बताया था कि गोल्ड और कैश सौरभ शर्मा का ही है।

इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सौरभ और उसके परिवार व परिचित के यहां छापा मारा था। इस दौरान जांच एजेंसी को कैश समेत 23 करोड़ की संपत्ति मिली थी। लोकायुक्त के छापे के बाद से ही सौरभ फरार था। छापे के समय उसके दुबई में होने की जानकारी सामने आई थी। जांच एजेंसियां लगातार उसकी तलाश में दबिश दे रही थी।

 

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