इसरो का जोरदार शतक! सुबह-सुबह NavIC-02 सैटेलाइट लॉन्च, अब नेविगेशन सिस्टम में बोलेगी भारत की तूती

नई दिल्ली
 भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने अपना 100वां मिशन पूरा किया है। इसरो ने एक नया नेविगेशन सैटेलाइट बुधवार तड़के लॉन्च किया। यह मिशन इसरो के नए अध्यक्ष एस सोमनाथ के नेतृत्व में हुआ। यह सैटेलाइट भारत और आसपास के क्षेत्रों में बेहतर नेविगेशन सेवाएं देगा। यह इसरो का 2025 का पहला मिशन भी है।
इसरो चीफ ने जताई खुशी

इसरो ने श्रीहरिकोटा से जीएसएलवी रॉकेट के जरिए सैटेलाइट लॉन्च किया। यह लॉन्च इसरो अध्यक्ष वी नारायणन के लिए खास था। उन्होंने 13 जनवरी को पदभार संभाला था। यह उनके नेतृत्व में पहला मिशन था। इससे पहले इसरो ने 30 दिसंबर 2024 को अपना 99वां मिशन पूरा किया था। उस मिशन में अंतरिक्ष में दो यानों को जोड़ने का प्रयोग सफल रहा था। सोमनाथ ने इस सफलता पर खुशी जताई। उन्होंने कहा, 'मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि 2025 में इसरो का पहला मिशन सफल रहा।” उन्होंने आगे कहा, “सैटेलाइट को सही कक्षा में स्थापित कर दिया गया है। यह हमारा 100वां मिशन है, जो एक बड़ी उपलब्धि है।'

 

कल शुरू हुआ काउंटडाउन

सैटेलाइट को लॉन्च करने की तैयारी मंगलवार को शुरू हो गई थी। 27.30 घंटे की काउंटडाउन के बाद, रॉकेट बुधवार सुबह 6:23 बजे लॉन्च हुआ। जीएसएलवी रॉकेट अपनी 17वीं उड़ान पर था। इसमें स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन लगा था। लगभग 19 मिनट बाद, सैटेलाइट को उसकी कक्षा में स्थापित कर दिया गया। इस कक्षा को भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा (GTO) कहते हैं।

NavIC सिस्टम का हिस्सा

यह नया सैटेलाइट 'नेविगेशन विद इंडियन कांस्टेलेशन' (NavIC) सिस्टम का हिस्सा है। NavIC भारत का अपना नेविगेशन सिस्टम है। यह GPS की तरह काम करता है। यह सैटेलाइट NavIC सिस्टम का दूसरा सैटेलाइट है। पहला सैटेलाइट, NVS-01, 29 मई 2023 को लॉन्च किया गया था। NavIC भारत और उसके आसपास के 1500 किलोमीटर के क्षेत्र में नेविगेशन सेवाएं देगा।

क्यों खास है यह सैटेलाइट?

NVS-02 कई तरह के कामों में मदद करेगा। यह जमीन, हवा और समुद्र में नेविगेशन में मदद करेगा। यह किसानों को खेती की सही जानकारी देगा। यह जहाजों और वाहनों की निगरानी में भी मदद करेगा। इसके अलावा, यह मोबाइल फोन में लोकेशन सेवाएं भी देगा। यह सैटेलाइट अन्य सैटेलाइटों की कक्षा तय करने में भी मदद करेगा। यह ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ (IoT) आधारित ऐप्स और आपातकालीन सेवाओं में भी काम आएगा। IoT का मतलब है, आपस में जुड़े उपकरणों का नेटवर्क।

क्या है NavIC सिस्टम?

NavIC सिस्टम में कुल पांच सैटेलाइट होंगे। इनके नाम NVS-01, NVS-02, NVS-03, NVS-04 और NVS-05 हैं। NVS-02 को बेंगलुरु के यू आर राव सैटेलाइट सेंटर में बनाया गया है। इसका वजन लगभग 2,250 किलोग्राम है। इसमें L1, L5 और S बैंड में नेविगेशन पेलोड हैं। इसमें एक खास 'ट्राई-बैंड एंटीना' भी लगा है।

इसरो के 100वें मिशन की सफलता भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की बढ़ती ताकत को दिखाता है। NavIC सिस्टम भारत को नेविगेशन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा। यह विभिन्न क्षेत्रों में विकास को गति देगा।

More From Author

गाजा में कंडोम के लिए बाइडन ने खोल दिया था खजाना, डोनाल्ड ट्रंप ने वॉइट हाउस में आते ही रोक दी फंडिंग

जापान के दौरे पर सीएम मोहन यादव का आज दूसरा दिन, टोक्यों में निवेशकों से की चर्चा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

city24x7.news founded in 2021 is India’s leading Hindi News Portal with the aim of reaching millions of Indians in India and significantly worldwide Indian Diaspora who are eager to stay in touch with India based news and stories in Hindi because of the varied contents presented in an eye pleasing design format.