भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में किसानों की समृद्धि और खुशहाली राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। प्रदेश में संकल्पबद्ध होकर कार्य किया जा रहा है। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा किसानों को समृद्ध बनाने के लिये कृषि उत्पादकता को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसानों को सस्ते दाम पर बीज, फर्टिलाइजर एवं मशीनरी उपलब्ध करवाई जा रही है। विभाग द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय तिलहन मिशन, बीज ग्राम, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और एसएमएएम योजना के माध्यम से उन्नत किस्मों का बीज एवं कृषि उपकरण अनुदानित दरों पर किसानों को प्रदान किये जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत फसलों के नुकसान का समय पर आंकलन कर राहत राशि वितरित की जाती है। प्रदेश के ग्रामीण युवाओं, फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन और स्व-सहायता समूह के माध्यम से अनुदान सहायता के आधार पर स्थापित कस्टम हायरिंग केन्द्रों से किसानों को किराये पर सस्ते दाम में कृषि उपकरण उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
कृषि विभाग में प्रचलित कृषि यंत्रीकरण प्रोत्साहन योजना में प्रतिवर्ष 50 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान कर एक हजार कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित है। प्रदेश में कृषक उत्पादक संगठनों का गठन करके प्रत्येक एफपीओ को 18 लाख रूपये तक की वित्तीय सहायता एवं 5 करोड़ रूपये तक की क्रेडिट गारंटी सुविधा दी जा रही है।
श्रीअन्न की फसल बोने पर लघु एवं सीमांत किसानों के लिये प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में देय प्रीमियम में सब्सिडी प्रदान की जा रही है। राज्य मिलेट मिशन के अंतर्गत कोदो, कुटकी, ज्वार, बाजरा एवं रागी के उत्पादन को बढ़ाया जा रहा है। प्रमाणित बीज वितरण, कृषक अध्ययन, भ्रमण, सेमिनार, वर्कशॉप, मिलेट मेला, प्रचार-प्रसार के लिये सभी जिलों में निर्देश जारी किए गए हैं। फूड फेस्टिवल, ब्रांडिंग गैलेरी के लिये मध्यप्रदेश टूरिज्म विकास निगम के माध्यम से कार्य किया जा रहा है। वर्ष 2024-25 में 12.60 लाख मीट्रिक टन अन्न (कोदो, कुटकी, रागी, बाजरा आदि) के उत्पादन का लक्ष्य है। वर्ष 2025-26 में 13.85, वर्ष 2026-27 में 15.35, वर्ष 2027-28 में 17.35 एवं वर्ष 2028-29 में 19.85 लाख मीट्रिक टन के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।