चंडीगढ़
सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ में मेयर चुनाव में गठबंधन प्रत्याशी प्रेमलता को झटका लगा है. मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने गठबंधन की हार हुई है और भाजपा प्रत्याशी हरप्रीत कौर बबला की जीत हुई है. भाजपा अकेले चुनाव में मैदान में उतरी थी और मेयर के लिए हरप्रीत कौर बबला को उम्मीदवार बनाया था. मेयर चुनाव में कांग्रेस और आप के तीन पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग की है.
गौरतलब है कि हाईकोर्ट के रिटायर जज जय श्री ठाकुर की निगरानी में यह चुनाव हुआ है और डॉक्टर बेदी प्रिजाइडिंग ऑफिसर रहे. उधर, पहले जहां गुप्त मतदान की बात सामने आई थी. लेकिन बाद में बैलेट के जरिये यह चुनाव हुआ. आम आदमी पार्टी की मेयर पद की उम्मीदवार प्रेमलता को 17 वोट मिली, जबकि भाजपा के मेयर पद की उम्मीदवार हरप्रीत कौर बबला को 19 वोट हासिल हुए.
बीजेपी के पक्ष में तीन पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग की. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन ने क्रॉस वोटिंग रोकने, एक-एक वोट सहेजने के लिए अपने सभी पार्षदों को रिसॉर्ट में ठहराया था. आम आदमी पार्टी के पार्षद पंजाब पुलिस की निगरानी में थे जबकि कांग्रेस पार्षदों पर पार्टी के ही नेता नजर रख रहे थे लेकिन ये तरकीब भी कारगर नहीं रही.
इस बार मतदान गुप्त मतदान प्रणाली के जरिये हुआ. ऐसे में क्रॉस वोटिंग करने वाले पार्षदों का पता लगा पाना भी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के लिए आसान नहीं होगा. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त स्वतंत्र पर्यवेक्षक पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति जयश्री ठाकुर की निगरानी में चुनाव हुए.
जीत के बाद हरप्रीत बबला को बधाई देते पार्षद.
मेयर चुनाव जीती बबला के बेटे कहा कि बीते एक साल से चंडीगढ़ में कोई काम नहीं हुआ था, लेकिन अब काफी खुश हैं. उन्होंने बताया कि पंजाब से मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने भी उन्होंने बधाई दी है. क्योंकि वह उनके परिवार के मैंबर हैं. मेयर चुनाव जीती हरप्रीत सिंह के पति दवेंद्र बबला ने कहा कि सब लोग कह रहे थे के बबला की बबली को हराना है. लेकिन पत्नी चुनाव जीत गई हैं. उधर, मेयर सीट पर बैठते ही हरप्रीत कौर बबला ने कहा कि वह अपनी समूची लीडरशिप का आभार व्यक्त करते हैं और चुनाव होते हैं एक कि जीत होती है एक की हार. पिछले कामों को पूरा करने की कोशिश करूंगी और सभी पार्षदों को साथ लेकर चलूंगी. सभी पार्षदों, अधिकारियों और कर्मियों का बबला ने धन्यावाद दिया.
जानकारी के अनुसार, नगर निगम के मेयर पद के लिए चुनाव को लेकर गुरुवार को साढ़े 11 बजे चुनावी प्रक्रिया शुरू हुई. सबसे पहले चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी ने वोट डाली और फिर एक-एक करके वार्ड पार्षदों ने वोट डाले. दो दिन पहले ही कांग्रेस से भाजपा में आए पार्षद गुरबख्स सिंह रावत ने भी वोट डाला. हालांकि, वह घड़ी पहन कर जा रहे थे, लेकिन विपक्षियों के विरोध जताने पर उन्हें अपनी घड़ी उतारनी पड़ी. इस पूरे चुनाव की वीडियो ग्राफी भी करवाई गई.
किसके पास कितने वोट थे
चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी के पास 13 वोट थे, जबकि भाजपा के पास 16 और कांग्रेस के पास छह पार्षद थे. एक वोट सांसद का रहता है. कुल 36 वोटों में से 19 भाजपा के खाते में गए हैं और कांग्रेस आप गठबंधन को 17 वोटों से संतोष करना पड़ा है. क्रॉस वोटिंग में कुछ विपक्षियों ने भाजपा को वोट दिया है.