इंदौर
धार और पीथमपुर(Pithampur) में करीब 255 एकड़ में सेंट्रल इंडिया के सबसे बड़े व प्रदेश के पहले मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क बनाने की राह में सभी बाधाएं हट गई हैं। अब तेजी से विकास कार्य चल रहे हैं। करीब 1100 करोड़ की लागत से बन रहे पार्क को वर्ष 2026 अंत तक पूरा कर ऑपरेशन शुरू करने का दावा है। लॉजिस्टिक पार्क शुरू होनेे से पीथमपुर व आसपास के उद्योगों को अपने उत्पाद भेजने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। ट्रांसपोर्टेशन कास्ट में करीब 30 प्रतिशत कमी करने का दावा भी किया जा रहा है। इसके बाद रतलाम व उज्जैन में लॉजिस्टिक पार्क बनेगा, जिसके लिए सर्वे शुरू हो गया है।
देश के पांच स्थानों पर मल्टी मॉड लॉजिस्टिक पार्क(Multi Modal Logistics Park ) बनाने की घोषणा सालों पहले हुई थी, लेकिन जमीन के अधिग्रहण में आ रहे पेंच से पीथमपुर का पार्क अन्य शहरों से काफी पिछड़ गया था। बेंगलूरु, चेन्नई, गुवाहाटी और नागपुर में पार्क बनाने का काम चल रहा है। यह पार्क एमपीआइडीसी और एनएचएआइ मिलकर बना रहे हैं, वहीं निर्माण एजेंसी भी तय हो गई है। पीथमपुर के ग्राम सागौर, खेड़ा, जामोदी और अकोलिया की करीब 255 एकड़ जमीन पर यह पार्क बन रहा है। इसमें करीब 1100 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
2 हजार से ज्यादा उद्योगों को मिल सकेगा फायदा
सांसद शंकर लालवानी के मुताबिक, जमीन अधिग्रहण के बाद पार्क निर्माण शुरू कर दिया है। पीथमपुर व आसपास के इलाके में करीब 2 हजार उद्योग हैं। कई एक्सपोर्ट करते हैं। पोर्ट तक ले जाने में परिवहन में परेशानी होती थी। केंद्र सरकार की भारत माला योजना के तहत यहां पार्क बनाया जा रहा है। यहां से सड़क, रेल व हवाई मार्ग से उत्पादनों को गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा। पास ही टीही स्टेशन है, जहां से पार्क तक रेल लाइन डाली जाएगी, एयर कार्गो से भी सामान भेजने में आसानी होगी।
8-10 रुपए किमी तक लाने की तैयारी
विशेषज्ञों के मुताबिक, अभी उद्योगों को सबसे ज्यादा खर्च ट्रांसपोर्टेशन पर करना पड़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 7 रुपए प्रति किलोमीटर का औसतन खर्च परिवहन पर आता है, लेकिन यहां पर यह करीब 14 रुपए प्रति किलोमीटर पड़ रहा है, जिससे उद्योग परेशान हैं। अफसरों का दावा है कि मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क(Multi Modal Logistics Park ) बनने से यह खर्च 8 से 10 रुपए प्रति किलोमीटर अथवा उससे कम हो जाएगा और उद्योगों को अच्छा फायदा होगा।
टीही के करीब, एयर कार्गो का मिलेगा लाभ
एमपीआइडीसी के कार्यकारी निदेशक राजेश राठौर के मुताबिक, कंपनी बैसिक डेवलपमेंट का काम कर रही है। यहां आधुनिक मशीनों से लोडिंग, अनलोडिंग की व्यवस्था रहेगी। कस्टम, कंटेनर डिपो आदि सुविधा रहेगी, जिससे उत्पादों का एक्सपोर्ट आसानी से हो पाएगा। वर्ष 2026 के अंत तक पहला चरण पूरा कर ऑपरेशन शुरू किया जाएगा। अभी उद्योगों को अपना माल मुंबई आदि पोर्ट से एक्सपोर्ट के लिए भेजना पड़ता है, लेकिन अब वह सीधे पीथमपुर से हो जाएगा और उन्हें बड़ी सुविधा मिलेगी।
रतलाम में मिली मंजूरी, उज्जैन में सर्वे
अफसरों ने बताया कि केंद्र सरकार की योजना के तहत मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे बन रहा है। यह एक्सप्रेस-वे रतलाम से गुजर रहा है। रतलाम एक्सप्रेस-वे के पास लॉजिस्टिक पार्क बनाने को मंजूरी हो गई है। साथ ही एक लॉजिस्टिक पार्क(Multi Modal Logistics Park ) उज्जैन में बनेगा। एमपीआइडीसी के राजेश राठौर के मुताबिक, उज्जैन के लॉजिस्टिक पार्क के लिए सर्वे भी शुरू कर दिया गया है। जल्द ही परिणाम दिखेंगे।