मुख्यमंत्री की जापान यात्रा को मिले सुखद परिणाम, व्यापार, संस्कृति और सहयोग पर रहा जोर

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मुझे खुशी है कि जापान की बड़ी कम्पनियाँ मध्यप्रदेश में आकर अपने व्यवसाय और व्यापार को और अधिक बढ़ाने के लिये तैयार हैं। मध्यप्रदेश की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहाँ से उत्पादों को न केवल भारत में, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक भी आसानी से पहुँचाया जा सकता है। इसका लाभ जापानी कंपनियों को तो मिलेगा ही साथ ही प्रदेश में औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पैनासोनिक और ब्रिजस्टोन जैसी कम्पनियों सहित जापानी निवेशकों ने मध्यप्रदेश में निवेश के लिये सहमति जताई है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपनी 4 दिवसीय जापान यात्रा के दौरान व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण बैठकें कीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जापान के उद्योग, संस्कृति और तकनीक को करीब से समझने का यह एक महत्वपूर्ण अवसर था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश का वातावरण बदल रहा है।

बौद्ध धर्म और संस्कृति से जुड़ाव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जापान में कई बौद्ध धार्मिक स्थलों के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि “हमारे यहां धार्मिक स्थलों की यात्रा करने की परंपरा है। जापान की बौद्ध संस्कृति भगवान सूर्य और गौतम बुद्ध से भी जुड़ी हुई है, जिससे हमें अपनी साझा विरासत को समझने का अवसर मिला।”

जापान की औद्योगिक नीति और मध्यप्रदेश में संभावनाएं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जापानी कंपनियां निवेश के फैसले लेने में बेहद सतर्क रहती हैं और गहन अध्ययन एवं शोध के बाद ही आगे बढ़ती हैं। जापान यात्रा के दौरान हमने जिन प्रमुख उद्योगपतियों से मुलाकात कि सभी ने सकरात्मक रूख अपनाते हुए मध्यप्रदेश में निवेश करने की बात कही। उन्होंने बताया कि रेडीमेड गारमेंट्स से जुड़े उद्यमियों से भी चर्चा हुई, जिन्होंने मध्यप्रदेश में निवेश की संभावना को लेकर रुचि दिखाई है।

बुलेट ट्रेन और भविष्य की संभावनाएं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जापान की बुलेट ट्रेन में सफर किया और इसकी उन्नत तकनीक की सराहना की। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अहमदाबाद से मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन परियोजना की बात कही है। ऐसी ही अन्य परियोजनाओं पर काम हो रहा है। जापान की सहायता से भारत में भी भविष्य में इसी तरह की अत्याधुनिक रेल परियोजनाओं को साकार किया जा सकता है।”

जापानी लोगों का भारत के प्रति प्रेम

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जापानी लोगों की मेहमाननवाजी की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “यह देखकर बहुत अच्छा लगा कि जापान के लोग न केवल अपने देश से प्रेम करते हैं, बल्कि भारत के प्रति भी उनके मन में विशेष सम्मान और आत्मीयता है।”

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जापान में भारतीय दूतावास और वहां के अधिकारियों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा मध्यप्रदेश और जापान के बीच व्यापारिक, सांस्कृतिक और तकनीकी सहयोग को नई ऊंचाई देने में सहायक होगी।

पारंपरिक जापानी स्थापत्य और बौद्ध संस्कृति का प्रतीक है किंकाकूजी स्वर्ण मंदिर

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जापान यात्रा के चौथे दिन क्योटो स्थित विश्व प्रसिद्ध किंकाकूजी (स्वर्ण मंदिर) का भ्रमण किया। पारंपरिक जापानी स्थापत्य और बौद्ध संस्कृति का प्रतीक यह मंदिर अपनी सोने की परतों से ढंकी भव्य संरचना और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर का अवलोकन किया और जापानी संस्कृति में इसकी ऐतिहासिक महत्ता को करीब से समझा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंदिर के सामने स्थित क्योकाची तालाब के किनारे कुछ समय बिताया, जहां मंदिर का प्रतिबिंब एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत कर रहा था। उन्होंने कहा कि "ऐसी ऐतिहासिक धरोहरें सिर्फ स्थापत्य कला का उदाहरण नहीं होतीं, बल्कि वे एक सभ्यता की आत्मा को दर्शाती हैं। जापान ने अपनी संस्कृति को सहेजने का जो प्रयास किया है, वह प्रशंसनीय है।"

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की जापान यात्रा सिर्फ सांस्कृतिक आदान-प्रदान तक सीमित नहीं रही, बल्कि उन्होंने जापानी धरोहर संरक्षण, पर्यटन विकास और वास्तुकला के नवाचारों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश भी अपनी ऐतिहासिक धरोहरों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए लगातार प्रयासरत है और जापान से इस दिशा में बहुत कुछ सीखा जा सकता है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की जापान यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच निवेश के साथ सांस्कृतिक और औद्योगिक संबंधों को भी और अधिक सशक्त बनाना है। भ्रमण के दौरान उन्होंने जापान की परंपरागत और आधुनिकता के बीच संतुलन बनाए रखने की नीति को भी सराहा।

जापान में ऐतिहासिक टेम्पल्स में दर्शन के साथ किया कैसल का किया भ्रमण

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जापान दौरे के चौथे दिन क्योटो में ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किया। उन्होंने सांस्कृतिक विरासत को समझने और मध्यप्रदेश के साथ संभावित सहयोग के नए अवसरों पर विचार-विमर्श के उद्देश्य से प्रसिद्ध निजो-जो कैसल, शेंजुशेंगेन्डो और टोजी टेम्पल का भ्रमण कर दर्शन किये।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने क्योटो स्थित निजो-जो कैसल का अवलोकन किया, जो जापान की समृद्ध ऐतिहासिक धरोहर और स्थापत्य कला का प्रतीक है। उन्होंने इस दौरान जापान की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और उसके प्रबंधन से जुड़े पहलुओं को भी जाना। इसके साथ ही, उन्होंने शेंजुशेंगेन्डो मंदिर में दर्शन किए, जो अपनी अनूठी वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जापान और मध्यप्रदेश के बीच सांस्कृतिक और औद्योगिक संबंध पहले से ही सुदृढ़ हैं इन्हेंऔर अधिक प्रगाढ़ करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के नए आयामतलाशे जा रहे हैं, जिससे पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिल सके।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जापान की ऐतिहासिक संरचनाओं और उनके संरक्षण के अनुभव से सीखकर मध्यप्रदेश के पर्यटन और धरोहर स्थलों के विकास में नवाचार लाया जा सकता है। उन्होंने इस दौरे को प्रदेश के विकास और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव की धर्मपत्नी श्रीमती सीमा यादव, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन राघवेन्द्र कुमार सिंह, आयुक्त जनसम्पर्क डॉ. सुदाम खाड़े सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

 

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