भोपाल
भोपाल स्थित एमपी शूटिंग अकादमी में जूनियर खिलाड़ी द्वारा खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने के मामले में हाईकोर्ट ने सीनियर खिलाड़ी को अग्रिम जमानत प्रदान कर दी है। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि आवेदक भी एक खिलाड़ी है और जेल भेजने से उसका भविष्य प्रभावित हो सकता है।
यह मामला 1 दिसंबर 2024 का है, जब 18 वर्षीय यथार्थ रघुवंशी ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू की। जांच के दौरान सामने आया कि सीनियर खिलाड़ी दिव्यांश ठाकुर (20) की कार से रुपये चोरी हो गए थे। घटना के समय यथार्थ उसी कार में कुछ सामान लेने गया था। इसके बाद दिव्यांश और उसके साथियों ने यथार्थ पर रुपये लौटाने का दबाव बनाया। पुलिस ने सुसाइड नोट, गवाहों और परिजनों के बयान के आधार पर दिव्यांश सहित अन्य के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया था।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मृतक और आरोपी दोनों खिलाड़ी थे और एक-दूसरे को जानते थे। मृतक 18 वर्ष का था, जबकि आरोपी 20 वर्ष का है। चोरी का आरोप लगना किसी भी व्यक्ति के लिए अपमानजनक हो सकता है, और मानसिक रूप से दबाव झेलने की क्षमता हर व्यक्ति में अलग होती है। कुछ लोग ऐसे हालात से उबर जाते हैं, जबकि कुछ नहीं संभाल पाते।
न्यायालय ने कहा कि किसी की भावनाओं को आहत करने वाली घटनाओं में संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। अपराध वास्तव में हुआ है या नहीं, यह जांच का विषय है, और किसी निर्दोष को सजा नहीं दी जानी चाहिए। आवेदक और अन्य सह-अभियुक्तों द्वारा मृतक पर पैसे लौटाने का दबाव बनाया गया था, लेकिन प्रथमदृष्टया यह तय करना कठिन है कि उनका इरादा ऐसा माहौल बनाने का था, जिसमें मृतक के पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प न बचे।
एकलपीठ ने इसी आधार पर दिव्यांश ठाकुर को अग्रिम जमानत दे दी। साथ ही, उसे 50,000 रुपये के निजी बांड और इतनी ही राशि के एक सॉल्वेंट जमानत प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए हैं।