Union Budget 2025: TV, स्मार्टफोन और ये गाड़ियां होंगी सस्ती, किन चीजों की बढ़ेगी महंगाई; लिस्ट

नई दिल्ली

आज संसद में पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरी पारी का पहल संपूर्ण बजट (Union Budget 2025) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) द्वारा पेश किया गया. इस बार के बजट में किसानों, महिलाओं, शिक्षा, मेडिकल, MSME और स्टार्ट-अप के अलावा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए भी कई बड़े ऐलान किए गए हैं. जिनमें इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) में इस्तेमाल होने वाले लिथियम आयर बैटरी मैन्युफैक्चरिंग में मिलने वाली छूट भी शामिल है. इससे इलेक्ट्रिक वाहनों के सस्ते होने की उम्मीद है.

बजट भाषण के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, "कोबाल्ट पाउडर और अपशिष्ट, लिथियम आयन बैटरी (Lithium-Ion Battery) के स्क्रैप, सीसा, जस्ता और 12 अन्य महत्वपूर्ण खनिजों को छूट दी जाएगी. इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लिथियम-आयन बैटरी निर्माण हेतु 35 अतिरिक्त वस्तुओं को सीमा शुल्क से छूट दी जाएगी."

नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन को मजबूती:

इस बार के बजट में किसानों, महिलाओं, शिक्षा, मेडिकल, MSME और स्टार्ट-अप के अलावा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए भी कई बड़े ऐलान किए गए हैं. सरकार की मेक इन इंडिया योजना को और बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया है कि, नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन (National Manufacturing Mission) को और भी मजबूत किया जाएगा, जिसका लाभ ऑटो सेक्टर को भी मिलेगा.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े ऐलान किए. इस दौरान उन्होनें अपने स्पीच में कहा कि, "हमारी सरकार एक नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन का सेटअप करेगी. जो बड़े, मध्यम और छोटे इंडस्ट्री को कवर करेगा. यह मिशन केंद्रीय मंत्रालयों और राज्यों दोनों के लिए पॉलिसी सपोर्ट, एक्जीक्यूशन रोडमैप के साथ गर्वनेंस और मॉनिटरिंग का फ्रेमवर्क प्रदान करेगा.

उन्होंने कहा कि, "ये मिशन पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए क्लाइमेट फ्रेंडली डेवलपमेंट साथ-साथ क्लीन टेक मैन्युफैक्चरिंग को भी बेहतर बनाएगा. इस स्कीम का लक्ष्य डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन को बेहतर बनाना है. जिसके तहत सोलर पीवी सेल्स, इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरी, मोटर, कंट्रोलर, इलेक्ट्रोलाइसर्स, विंड टर्बाइन, हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन और ग्रिड स्केल बैटरी की मैन्युफैक्चरिंग को सहयोग देना है."

स्टार्ट-अप के लिए 20 करोड़ का लोन:

इस बार के बजट में स्टार्ट-अप को भी एक बड़ा तोहफा मिला है. वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि, "स्टार्ट-अप के लिए लोन अमाउंट सीमा को बढ़ाकर अब 20 करोड़ रुपये कर दिया गया है. जो अब तक 10 करोड़ रुपये तक की सीमित था. ये सपोर्ट स्टार्ट-अप सेक्टर के 27 अलग-अलग एरिया में दिया जाएगा."

जाहिर है कि, इसका बड़ा लाभ देश के ऑटो सेक्टर में भी देखने को मिलेगा. बीते कुछ सालों में देश में कई नए स्टार्ट-अप ने एंट्री की है जो इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और बिक्री से जुड़े हैं. इसके अलावा सरकार द्वारा ईवी बैटरी, कंपोनेंट मैक्न्युफैक्चरिंग और मोटर सेक्टर को दिया जाने वाला सहयोग भी ऑटो इंडस्ट्री को बड़ा बल देगा.

बजट 2025 पेश होने के साथ ही टेक दुनिया में हलचल तेज हो गई है और मैन्युफैक्चरर्स से लेकर ग्राहकों तक के लिए यह बजट अच्छी खबरें लेकर आया है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि ढेरों डिवाइसेज की मैन्युफैक्चरिंग में लगने वाले पार्ट्स से इंपोर्ट ड्यूटी घटाई जा रही हैं। इसका सीधा फायदा यह होगा कि स्मार्टफोन्स, स्मार्ट टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स सस्ते होने वाले हैं।

बजट में मोबाइल फोन पर कस्टम ड्यूटी कम करने की घोषणा की गई है। इससे भारत में मैन्युफैक्चर होने वाले मोबाइल फोन्स की लागत कम होगी, जिसका सीधा फायदा ग्राहकों को मिलेगा। उन्हें नए स्मार्टफोन खरीदने के लिए कम खर्च करना पड़ेगा। मोबाइल कंपनियों ने सरकार से इंपोर्ट ड्यूटी कम करने की मांग की थी, ताकि ग्राहकों को फायदा हो सके और सरकार ने इस मांग को स्वीकार कर लिया है।
स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग का मिलेगा फायदा

भारत में बैटरी मैन्युफैक्चरिंग पर जोर दिया जा रहा है। लिथियम-आयन बैटरी बनाने वाले घरेलू निर्माताओं को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे देश में मोबाइल बैटरी बनाने की लागत कम होगी। मोबाइल फोन के साथ-साथ अन्य इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स जैसे LED-LCD टीवी के दाम भी कम किए जाएंगे। इन पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी भी कम कर दी गई है।

बता दें, इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) और स्मार्टफोन्स की बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार ने EV बैटरी बनाने में इस्तेमाल होने वाले 35 एडिशनल गुड्स और मोबाइल फोन बैटरी प्रोडक्शन में यूज होने वाले 28 एडिशनल गुड्स को छूट पाने वाले कैपिटल गुड्स की लिस्ट में शामिल करने का फैसला लिया है। इस तरह बैटरी मैन्युफैक्चरिंग भी सस्ते में होगी।

आसान भाषा में समझें तो इलेक्ट्रॉनिक्स या स्मार्टफोन्स की मैन्युफैक्चरिंग में लगने वाला खर्च कम हो गया है। ठीक इसी तरह बैटरी की लागत भी कम कर दी गई है। यही वजह है कि अब इन चीजों की कीमतें ग्राहकों के लिए भी घट सकती हैं और ये घोषणाएं सकारात्मक बदलाव दर्शाती हैं।

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